Uttrakhand

उत्तराखंड में ऊर्जा क्रांति : सौर कौथिग मेले से रूफटॉप सोलर को मिलेगा नया जोश, 2027 तक 2500 मेगावाट क्षमता का लक्ष्य

सौर कौथिग मेला में मंचासीन अधिकारी।

– रूफ टॉप सोलर को बढ़ावा देने के लिए 2 दिवसीय सौर कौथिग मेला संपन्न

देहरादून, 17 दिसंबर (Udaipur Kiran) । उत्तराखण्ड में रूफ टॉप सोलर ऊर्जा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित दो दिवसीय सौर कौथिग मेला का समापन मंगलवार को हुआ। इस मेले का उद्घाटन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किया, जो प्रदेश के ऊर्जा परिवर्तन में रूफटॉप सोलर की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करता है। मुख्यमंत्री ने सौर ऊर्जा के आर्थिक और पर्यावरणीय लाभों पर जोर देते हुए इसे ऊर्जा सुलभता में सुधार लाने, बचत करने और स्थानीय रोजगार सृजन के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण बताया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने उत्तराखण्ड सौर नीति 2023 के तहत 2027 तक 2500 मेगावाट सौर क्षमता स्थापित करने का लक्ष्य तय किया है, जिसमें 1400 मेगावाट डिस्ट्रिब्यूटेड सोलर से प्राप्त किया जाएगा। प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना के तहत हम इस वर्ष के लक्ष्य से आगे बढ़ चुके हैं और दिसंबर तक लगभग 10500 रूफटॉप सोलर स्थापित कर चुके हैं।

इस दौरान ऊर्जा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने भी सौर ऊर्जा नीति और वितरित सौर ऊर्जा की प्राथमिकता के बारे में जानकारी दी और बताया कि पहाड़ी क्षेत्रों में रूफटॉप सोलर की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य सरकार केंद्र सरकार की सब्सिडी के साथ-साथ राज्य स्तर पर अतिरिक्त सब्सिडी भी प्रदान कर रही है और प्रक्रिया को सरल बनाया है।

अभियान का उद्देश्यइस अभियान का उद्देश्य सौर ऊर्जा को मुख्यधारा में लाना है और रूफटॉप सोलर से मिलने वाले लाभों को आम लोगों तक पहुंचाना है। ‘पीएम सूर्य घर योजना में रूफटॉप सोलर लगाएं, बिजली बिल में बचत पाएं’ की टैगलाइन के तहत अभियान के दौरान मोबाइल सोलर वैन का भी उद्घाटन किया गया, जो देहरादून और अन्य शहरों में भ्रमण करेगी। यह वैन तकनीकी जानकारी, वित्तीय मदद और आवेदन प्रक्रिया को सरल बनाने के उपायों को दिखाएगी।

सौर ऊर्जा में निवेश के लाभ

सौर कौथिग मेला ने नीति निर्माताओं, सोलर डेवलपर्स, निर्माताओं, डिस्कॉम और वित्तीय संस्थानों को एक मंच पर लाकर उपभोक्ताओं को सौर ऊर्जा के लाभों से अवगत कराया। इसमें म्यूरल आर्ट का भी प्रयोग किया गया, जिससे सौर ऊर्जा के बारे में लोगों की जिज्ञासा को बढ़ावा मिला।

उत्तराखण्ड की सोलर पॉलिसी 2023 के तहत राज्य का लक्ष्य 2027 तक 2500 मेगावाट सौर क्षमता प्राप्त करना है, जिसमें डिस्ट्रिब्यूटेड सोलर सिस्टम से 1400 मेगावाट सौर ऊर्जा प्राप्त करना शामिल है। सीईईडब्ल्यू के अध्ययन के अनुसार राज्य में लगभग 1 गीगावाट रूफटॉप सोलर की क्षमता है, जिसे व्यापक स्वीकरण के माध्यम से साकार किया जा सकता है।

यूपीसीएल ने 100 प्रतिशत सोलर रूफटॉप संयंत्रों की स्थापना कर स्थापित किया कीर्तिमान

प्रमुख अधिकारियों ने इस अभियान की सफलता के लिए राज्य और केंद्र सरकार की योजना की सराहना की। यूपीसीएल के प्रबंध निदेशक अनिल कुमार ने बताया कि यूपीसीएल ने पीएम सूर्य घर योजना के तहत 100 प्रतिशत सोलर रूफटॉप संयंत्रों की स्थापना कर एक कीर्तिमान स्थापित किया है। अपर सचिव ऊर्जा एवं निदेशक उरेडा रंजना राजगुरू ने कार्यक्रम के समापन पर सौर कौथिग मेला की सफलता को रेखांकित किया और सभी कंपनियों और संबंधित विभागों का धन्यवाद किया।

सौर ऊर्जा के फायदे और आवेदन प्रक्रिया

रूफटॉप सोलर संयंत्र लगाने के इच्छुक PMSuryaghar.gov.in वेबसाइट पर आवेदन कर सकते हैं। साथ ही किसी भी प्रश्न या सहायता के लिए उपभोक्ता 15555 या 1912 पर कॉल कर सकते हैं। इस अभियान के सफल संचालन से प्रदेश के ऊर्जा क्षेत्र में एक नए युग की शुरुआत की उम्मीद जताई जा रही है, जो न केवल स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित होगा, बल्कि प्रदेश के पर्यावरणीय संतुलन और आर्थिक विकास को भी प्रोत्साहित करेगा।

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(Udaipur Kiran) / कमलेश्वर शरण

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