
जयपुर, 3 मार्च (Udaipur Kiran) । राजस्थान विधानसभा में सोमवार को गृह विभाग की अनुदान मांगों पर बहस के दौरान कांग्रेस विधायक श्रवण कुमार के मुंह से गाली निकल गई, जिससे सदन में हंगामा मच गया। श्रवण कुमार कांग्रेस के ही वरिष्ठ विधायक शांति धारीवाल पर तंज कस रहे थे, लेकिन बहस के दौरान वे खुद ही अभद्र भाषा का प्रयोग कर बैठे।
श्रवण कुमार ने जेल में मोबाइल फोन के इस्तेमाल पर सवाल उठाते हुए कहा, विधानसभा में मोबाइल नहीं चलता तो जेल का मोबाइल क्यों चलता है? इसी दौरान वे बहस के प्रवाह में गाली दे बैठे। भाजपा विधायकों ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई, लेकिन श्रवण कुमार ने पलटकर कहा यह ज्ञान की बात है, ले लो।
इसके बाद जेलों में सुरक्षा की खामियों पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि वहां के हालात बदतर हैं। उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जेलों की सरप्राइज चेकिंग पहले से तय कर ली जाती है, जिससे अपराधी सतर्क हो जाते हैं और वहां मिठाइयां तक परोसी जाती हैं।
श्रवण कुमार ने सदन में बड़ा दावा करते हुए कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री को जेल में बंद अपराधियों द्वारा धमकी दी गई है। उन्होंने इसे कानून व्यवस्था की विफलता करार देते हुए कहा कि जब जेल से मुख्यमंत्री को धमकी दी जा रही है तो राज्य की सुरक्षा व्यवस्था का क्या हाल होगा?
सदन में हाल ही में ‘दादी’ शब्द पर हुए विवाद के बाद अब ‘बाप’ शब्द पर भी आपत्ति जताई गई। कांग्रेस विधायक शांति धारीवाल ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा के नेता अपराधियों को बचाते हैं। बिना हेलमेट पकड़े जाने पर बीजेपी कार्यकर्ता ट्रैफिक पुलिस से कहता है—ले तेरे पिताजी से बात कर। इस पर संसदीय कार्यमंत्री जोगाराम पटेल ने आपत्ति जताई और इसे कार्यवाही से हटाने की मांग की, जिसे सभापति ने स्वीकार कर लिया।
गृह और जेल विभाग की बहस के दौरान कांग्रेस विधायक हरिमोहन शर्मा ने रीट परीक्षा में अभ्यर्थियों की जनेऊ उतरवाने का मामला उठाया। उन्होंने मुख्यमंत्री पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जब पंडित मुख्यमंत्री के राज में ब्राह्मणों की जनेऊ उतर जाए तो फिर क्या बचता है?
विधानसभा में मंत्री किरोड़ी लाल मीणा द्वारा फोन टैपिंग के आरोपों पर पूर्व गृह मंत्री शांति धारीवाल ने तंज कसते हुए कहा, एक मंत्री कहता है मेरा फोन टैप हो रहा है, फिर वही मंत्री कहता है नहीं हो रहा। क्या तमाशा है? ऐसी सरकार पहले कभी नहीं देखी।
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(Udaipur Kiran)
