धर्मशाला, 12 जुलाई (Udaipur Kiran) ।धर्मशाला में शुक्रवार को केसीसी बैंक के निदेशक मंडल बीओडी की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में निदेशक मंडल के सदस्यों ने सरकार द्वारा नियुक्त प्रबंध निदेशक और बैंक के महाप्रबंधक पर नियमों को ताक पर रख कर काम करने का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया और रोष व्यक्त किया। सदस्यों ने कहा कि निदेशक मंडल के सदस्य पिछले 4 वर्षों के दौरान प्रबंध निदेशक और बैंक के महाप्रबंधक की कार्यप्रणाली पर कई असहमति पत्र दे चुके हैं और उनकी कार्यप्रणाली को दोषपूर्ण भी साबित कर चुके हैं लेकिन बैंक अधिकारियों कि मनमानी बदस्तूर जारी है।
निदेशक मंडल के सदस्यों ने सर्वसम्मिति यह निर्णय लिया था और निर्देश जारी किए थे कि निदेशक मंडल की बैठक के प्रस्ताव और कार्यवाही हिंदी में लिखी जाए, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। पंजीयक सहकारी सभाएं हिमाचल प्रदेश शिमला द्वारा जारी निर्देशों में स्पष्ट किया गया था कि निदेशक मंडल की बैठकों का एजेंडा और कार्यवाही हिंदी में लिखी जानी चाहिए, लेकिन उसका खुलमखुला उल्लंघन हो रहा है। बैंक के निदेशक मंडल द्वारा सर्वसम्मति से निर्णय लिया था कि कोई भी एजेंडा वाय सर्कुलेशन पास नहीं किया या करवाया जाएगा, लेकिन यह क्रम अब भी जारी है। इसके अलावा बैंक के प्रबंध निदेशक बैठकों में शामिल नहीं हो रहे हैं, जबकि सरकार द्वारा उन्हें निदेशक मंडल की निगरानी में काम करने निर्देश हैं। जिसकी वह लगातार अवहेलना कर रहे है। वर्तमान प्रवंध निदेशक द्वारा निदेशक मंडल की 6 बैठकों का बहिष्कार किया गया है। नाबार्ड ने भी अपनी 25वीं इंस्पेक्शन में बैंक के निदेशक मंडल की कार्यप्रणाली का मुद्दा उठाया है विशेषकर निदेशक मंडल की बैठकों में दिए जाने वाले असहमति पत्रों का। अनुपालना करते समय बैंक अधिकारियों द्वारा इसे राजनितिक रंग दे दिया गया है और कहा है कि राजनितिक प्रतिद्वंता के कारण असहमति पत्र दिए जाते हैं, जबकि हक़ीक़त में अधिकारियों की मनमर्जी और दोषपूर्ण कार्यप्रणाली के ऊपर ही आज तक असहमति दिए गए हैं।
इन सारी बातों को ध्यान में रखते हुए हम निदेशक मंडल के सदस्य बैंक में हो रही किसी भी प्रकार नियमों की अवहेलना और वित्तीय हानि के लिए जिम्मेदार नहीं होंगे और बैंक के अध्यक्ष से गुजारिश करते है कि समय रहते उचित कदम उठाये जाए, जिससे कि बैंक कि गिरती साख को बचाया जा सके और दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही करने में कोई भी कोताही या ढील न बरती जाए। क्योंकि हमे बैंक के ग्राहकों ने बहुत बड़ी जिम्मेवारी सौंपी है।
(Udaipur Kiran)
(Udaipur Kiran) / सतिंदर धलारिया शुक्ला