बाड़मेर, 30 जुलाई (Udaipur Kiran) । पचपदरा के निकटवर्ती रिफाइनरी में सोमवार देर शाम एक श्रमिक की लोहे के पाइप के नीचे दबने से मौत हो गई। मजदूर की मौत के बाद हंगामा खड़ा हो गया। मौत की सूचना मिलने पर परिजन व आसपास के ग्रामीणों ने रिफाइनरी के मेन गेट को बंद कर दिया। इससे बड़ी संख्या में कर्मचारी अंदर ही फंस गए। गुस्साए लोगों ने शिफ्ट के दौरान मजदूरों को लाने-ले जाने वाली दाे बसों, बोलेरो कैंपर और बाइक में तोड़फोड़ कर दी।
ग्रामीणों ने मजदूर की मौत के लिए रिफाइनरी मैनेजमेंट पर लापरवाही का आरोप लगाए। हादसा सोमवार शाम 7.30 बजे हुआ। धरना-प्रदर्शन की सूचना पर एएसपी धर्मेंद्र यादव और एसडीएम राजेश विश्नोई मौके पर पहुंचे। उन्होंने प्रतिनिधिमंडल और मैनेजमेंट से बात कर रात 1.30 बजे धरना खत्म करवाया।
पचपदरा थानाधिकारी अमराराम खोखर ने बताया कि रिफाइनरी में सोमवार शाम करीब साढ़े छह बजे मेगा साइट पर पाइप लाइन डालने का कार्य चल रहा था। डीबीसी कम्पनी में कार्यरत रिछोली निवासी श्रमिक नसीर खान पुत्र रेहमत खान वहां से गुजर रहा थे। क्रेन से लटकते लोहे के पाइप के नीचे गिरने से श्रमिक नसीर खान की मौत हो गई। नासिर की मौत होने की खबर के फैलने के बाद साथी मजदूर, परिजन और ग्रामीण कंपनी पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए गेट नंबर चार पर जुट गए और प्रदर्शन करने लगे। उन्होंने कंपनी के सभी गेट बंद करा दिए। मौके पर रिछोली सरपंच भंवरु खां, युवा नेता थान सिंह डोली, हाजी मूसे खां, रोशन अली छीपा सहित जनप्रतिनिधि व समाज के लोग भी मौके पर पहुंच गए। रिफाइनरी के गेट नंबर चार के बाहर धरना-प्रदर्शन शुरू हो गया।
इस दौरान जिन मजदूरों की शिफ्ट पूरी हो चुकी थी वे घर जाने के लिए गेट नंबर तीन के पास जुट गए। यहां गेट बंद था। एक घंटे तक रिफाइनरी से आवागमन बंद रहा तो तीन नंबर गेट के अंदर खड़े मजदूरों ने पत्थरबाजी शुरू कर दी। इस दौरान एक एंबुलेंस भी अंदर फंस गई। रात करीब रात 11 बजे तक जब गेट नहीं खुला तो आक्रोशित मजदूरों ने बाइक, बोलेरो कैंपर और दो बसों में तोड़फोड़ कर दी। इसके बाद बाहर खड़े श्रमिकों व ग्रामीणों ने भी पत्थर फेंकने शुरू कर दिए। आमने-सामने हुई पत्थरबाजी में दो-तीन लोगों के सिर में चोट आई। पुलिस ने तीन नंबर गेट पर पहुंचकर हल्का बल प्रयोग कर भीड़ को हटाया और गेट खुलवाकर मजदूरों को पैदल ही बाहर निकाला। मजदूरों को निकालने के बाद पुलिस ने रिफाइनरी के सभी गेट दोबारा बंद करा दिए। प्रशासन व पुलिस अधिकारियों ने एचपीसीएल व कंपनी अधिकारियों के साथ प्रतिनिधि मंडल से वार्ता रात 9.30 बजे से चल रही थी। रात करीब 1.30 बजे सहमति बनी। पीड़ित परिजनों को 20 लाख का चेक, सरकारी योजनाओं के तहत लाभ व एक सदस्य को रिफाइनरी में नौकरी देने का वादा किया गया।
(Udaipur Kiran) / रोहित