जम्मू, 18 दिसंबर (Udaipur Kiran) । पुंछ के मेंढर उप-विभाग के दूरदराज और अविकसित गांवों में भारतीय सेना आतंकवाद और अशांति की पृष्ठभूमि के खिलाफ संघर्ष कर रहे बच्चों और परिवारों के लिए आशा की किरण बनकर उभरी है। 1996 में टेंट में आयोजित प्राथमिक कक्षाओं के रूप में शुरू हुआ यह स्कूल गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) परिवारों के बच्चों को मुफ्त, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने वाले एक समृद्ध स्कूल में विकसित हो गया है।
स्कूल में अब अच्छी तरह से विकसित बुनियादी ढाँचा है, जिसमें कक्षाएँ, एक पुस्तकालय, एक मनोरंजन हॉल और एक खेल का मैदान शामिल है। साथ ही योग्य शिक्षकों और कर्मचारियों की एक समर्पित टीम भी है। भारतीय सेना के प्रयास छात्रों के लिए समृद्ध अनुभव सुनिश्चित करने के लिए मुफ्त परिवहन, किताबें, वर्दी और स्टेशनरी प्रदान करके शिक्षा से परे हैं। नियमित पाठ्येतर गतिविधियाँ बच्चों के समग्र विकास में सहायता करती हैं जिससे वे समाज और राष्ट्र के लिए सार्थक योगदान देने के लिए तैयार होते हैं।
अपनी निरंतर प्रतिबद्धता के प्रमाण के रूप में भारतीय सेना ने बुधवार को एक जीवंत कार्यक्रम में 70 बीपीएल छात्रों को किताबें, वर्दी और स्टेशनरी वितरित की जिसमें छात्र, परिवार और शिक्षक शामिल हुए। इस पहल को समुदाय से दिल से सराहना मिली जो इन बच्चों के जीवन पर सेना के सकारात्मक प्रभाव को दर्शाता है।
(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा