कोलकाता, 22 अगस्त (Udaipur Kiran) । तृणमूल शासन के दौरान पश्चिम बंगाल के पूर्व मंत्री और सीबीआई के पूर्व अतिरिक्त निदेशक उपेंद्रनाथ विश्वास सीबीआई जांच को लेकर आशान्वित हैं। गुरुवार को उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से इस संबंध में अपने अनुभव साझा किए।
उपेंद्रनाथ विश्वास ने लिखा, समय लगेगा। जल्दीबाजी करने पर परिणाम सही नहीं होगा। सम्राट अशोक एक असाधारण शासक थे। उनकी शिला और स्तंभलिपियों में लिखा गया है कि जो शासक गुस्से में रहता है और हमेशा जल्दबाजी करता है, वह चाहे कितना भी काम करे, सफल शासक नहीं होता। उसका शासन एक असफल शासन होता है। इसी प्रकार सीबीआई आर.जी. कर के अपराध की जांच कर रही है, और जल्दबाजी नहीं की जा सकती। हमें भी धैर्य रखना होगा। सीबीआई लाई डिटेक्टर का उपयोग कर सकती है। जब मैं लखनऊ में शुभ्रा लाहिड़ी हत्या मामले की जांच कर रहा था, तब पहली बार लाई डिटेक्टर का परिणाम अदालत में प्रस्तुत किया गया था। मैं यह कहना चाहता हूं कि लाई डिटेक्टर की जांच का मतलब यह नहीं है कि आरोपित सच ही बोलेगा।
उन्होंने कहा, मुझे अतीत में झांकने का मन हो रहा है। मैं भारत का पहला आईपीएस अधिकारी हूं जिसने लाई डिटेक्टर का प्रशिक्षण प्राप्त किया। आज से करीब 40-50 साल पहले मैं भारत के सेंट्रल डिटेक्टिव ट्रेनिंग स्कूल (सीडीटीएस) का साढ़े चार साल तक प्रधानाचार्य रहा था। सीडीटीएस नेशनल मेडिकल कॉलेज के सामने स्थित है। उस समय मैंने वहां ‘साइंटिफिक इंटरोगेशन’ नामक एक कोर्स शुरू किया था। जो लोग इस विषय में रुचि रखते हैं, वे एक बार सीडीटीएस का दौरा कर सकते हैं।
मैं फिर से कहता हूं कि हमें बेचैन नहीं होना चाहिए। जितना मैं समझता हूं, इस केस के कई पहलू हैं। अगर ऐसा नहीं होता तो पूर्व प्रोफेसर से इतनी बार पूछताछ नहीं की जाती।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर / गंगा / प्रभात मिश्रा