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(अपडेट) देश में हो रहे विकास कार्यों से दुनिया है अचंभित : जगदीप धनखड़

कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति और मुख्यमंत्री: फोटो बच्चा गुप्ता
नमोघाट के उद्घाटन के बाद लोगों को सम्बोधित करते उपराष्ट्रपति: फोटो बच्चा गुप्ता

– काशी में बने दुनिया के सबसे बड़े घाट नमो घाट का उपराष्ट्रपति ने किया लोकार्पण

– काशी की देव दीपावली वैश्विक मंच पर अपना स्थान बना चुकी: सीएम योगी

वाराणसी, 15 नवम्बर (Udaipur Kiran) । उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शुक्रवार शाम यहां गंगा किनारे नमो घाट का लोकार्पण एवं देव दीपावली का विधिवत शुभारंभ किया। इस अवसर पर उनकी पत्नी सुदेश धनखड़ भी उपस्थित रहीं। गंगाघाट पर मौजूद लोगों को सम्बोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि आज मेरा मन पूरी तरह अभिभूत है। दुनिया के सबसे बड़े नमो घाट का लोकार्पण करने के अवसर को अपने जीवन का प्रमुख और बड़ा दिन बताते हुए उपराष्ट्रपति ने वाराणसी से पूरे देश को कार्तिक पूर्णिमा, देव दीपावली, प्रथम सिख गुरु गुरुनानक का 555वां प्रकाशोत्सव, भगवान विरसामुंडा की 150 वीं जयंती की बधाई दी। उन्होंने कहा कि अपना भारत बदल रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व एवं प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तपस्या से हो रहे विकास कार्य से दुनिया अचंभित है। उप राष्ट्रपति ने काशी की महिमा का उल्लेख कर कहा कि जहां की मिट्टी पारस हैं, उस शहर का नाम बनारस है। काशी मोक्ष की नगरी है। आज काशी विकास एवं अध्यात्म का समन्वय है। काशी जैसा कल्चरल सेंटर कही भी नहीं है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश के लिए समर्पित हैं। हमारी सांस्कृतिक विरासत पूरी दुनिया को संदेश देता हैं। सनातन हमें एक और मजबूत रहने का संदेश देता हैं। भारत दुनिया में बड़ी ताकत के रूप में अग्रसर हैं। भारत सनातन की आत्मा है। सनातन के संरक्षण एवं संवर्धन का संकल्प सभी को लेना चाहिए। उन्होंने स्वदेशी को जीवन में लोगों से अपनाने पर जोर दिया। और कहा कि इससे भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत होने के साथ ही विदेशी मुद्रा को बचाने के साथ ही रोजगार के अवसर भी लोगों को मिलेगा। उन्होंने कहा कि स्वदेशी का भाव अपने में जागृत करें। स्वदेशी हमारी आजादी का विशेष अंग रहा है। यहाँ देखिए स्वदेशी दीप देश की मिट्टी, तेल और रुई का प्रतीक है। एक दीप से अनेक दीप, स्वदेशी भाव का जागरण और प्रसार। स्वदेशी जागरण समृद्धि का मार्ग है। उन्होंने संस्कृति और विरासत के संरक्षण पर ज़ोर देते कहा कि हमें ये याद रखना चाहिए की हमारी सांस्कृतिक जड़ें ही हमारे वर्त्तमान और भविष्य का निर्माण करती हैं । और सांस्कृतिक जड़ें बहुत जरूरी होती हैं, हमें जीवंत रखती हैं।

कार्यक्रम में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उपराष्ट्रपति सहित अन्य अतिथियों का स्वागत कर कहा कि विगत 10 वर्षों में नए बदलते भारत के साथ ही काशीवासियों ने अपनी पुरातन संस्कृति को समेटे बदलते काशी को देख रहे है। आज नमामि गंगा योजना के अंतर्गत काशी की गंगा स्वच्छ एवं निर्मल हुई है। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के निर्माण से आज दर्शनार्थियों की संख्या में भारी बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने कहा कि देश का पहला वाटर-वे हल्दिया तक काशी में ही बना है। काशी में अनगिनत विकास कार्य हुआ हैं। देश का सबसे बड़े घाट के रूप में नमो घाट काशी में ही बना है। सबसे सुन्दर, बड़ा एवं लंबा घाट नमो घाट है। सर्वांगीण विकास का मॉडल अब काशी बन चुका है। काशी की देव दिवाली वैश्विक मंच पर अपना स्थान बना चुका है। समारोह में केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने नमो घाट पर बने हाथ के नमस्ते मुद्रा का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि यह 350 टन स्टील व 50 टन अष्ट धातु से बनाया गया हैं। नमो घाट को माडल के रूप में विकसित किया गया है। पहले यहां के गंगा में डीजल के नाव संचालन से प्रदूषण होता रहा। लेकिन सभी नावों को सीएनजी में परिवर्तित कराया गया। नमो घाट पर सीएनजी स्टेशन के साथ ही प्रधानमंत्री के निर्देश पर काशी के गंगा नदी में फ्लोटिंग सीएनजी स्टेशन एवं फ्लोटिंग मोबाइल चार्जिग स्टेशन भी बनाया गया है। इससे पूर्व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का शाल ओढ़ाकर एवं नमो घाट पर हाथ का बने नमस्ते मुद्रा का प्रतीक चिन्ह भेट कर स्वागत किया। इस अवसर पर अमेरिका एवं ऑस्ट्रेलिया सहित स्थानीय कलाकारों ने घाट पर भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति की।

कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, प्रदेश के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रविन्द्र जायसवाल, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’, जिला पंचायत अध्यक्ष पूनम मौर्या, महापौर अशोक तिवारी, पूर्व मंत्री एवं विधायक डॉ नीलकंठ तिवारी, एमएलसी धर्मेंद्र राय, एमएलसी हंसराज विश्वकर्मा, विधायक सौरभ श्रीवास्तव, विधायक सुनील पटेल आदि भी मौजूद रहे।

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(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी

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