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(अपडेट) जीवाजी राव ने शिक्षा का जो सपना देखा था वह आज हो रहा साकार : उपराष्ट्रपति

जीवाजी राव सिंधिया की मूर्ति का अनावरण कार्यक्रम
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति
जीवाजी राव सिंधिया की मूर्ति का अनावरण कार्यक्रम
जीवाजी राव सिंधिया की मूर्ति का अनावरण कार्यक्रम
प्रदर्शनी का अवलोकन

उपराष्ट्रपति ने जीवाजी राव सिंधिया की प्रतिमा का किया अनावरण

ग्वालियर, 15 दिसंबर (Udaipur Kiran) । उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि सिंधिया परिवार का शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान रहा है। मैंने आज उन महापुरुष की मूर्ति का अनावरण किया है, जिन्होंने स्वतंत्र भारत में शिक्षा सहित अनेक क्षेत्र में अपने कीर्तिमान स्थापित किए हैं। साथ ही शिक्षा को गति देने का कार्य भी किया है। शिक्षा से ही व्यक्ति के अंदर भाव आता है और मानव का निर्माण होता है। उन्होंने कहा कि परिवर्तनशील दुनिया है, बदलाव होते रहेंगे लेकिन शिक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू की। तकनीक में हमारा देश काफी आगे निकल चुका है। जीवाजी राव ने जो शिक्षा का सपना देखा था वह आज साकार हो रहा है। जीवाजी विश्वविद्यालय संस्थान भी नई-नई तकनीकों को लायेगा, ऐसी उम्मीद है।

उप राष्ट्रपति धनखड़ रविवार को ग्वालियर में जीवाजी विश्वविद्यालय परिसर में जीवाजी राव सिंधिया की प्रतिमा अनावरण के बाद आयोजित समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सिंधिया परिवार का संसद में हमेशा योगदान रहा है। स्व. माधवराव सिंधिया ने अनेक क्षेत्रों में सराहनीय कार्य किया है। उन्हें जो भी मंत्रालय मिला है, उसमें उन्होंने अपना श्रेष्ठ कार्य किया है।

समारोह की अध्यक्षता राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने की। विशेष अतिथि के रूप में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, केन्द्रीय संचार एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर, उच्च शिक्षा मंत्री इन्दर सिंह परमार, जल संसाधन मंत्री तुलसराम सिलावट, नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री राकेश शुक्ला और उप राष्ट्रपति की धर्मपत्नी सुदेश धनखड़ उपस्थित थीं।

ग्वालियर के लिये आज का दिन रहेगा यादगार : मुख्यमंत्री डॉ यादव

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि ग्वालियर के लिये आज का दिन यादगार रहेगा। आज ग्वालियर में दो बड़े कार्यों का शुभारंभ हुआ है। जियो साइंस म्यूजियम के माध्यम से पृत्वी की उत्पत्ति, उसकी रचना, भू-गर्भिक घटनाओं की जानकारी का संकलन प्राप्त होगा। साथ ही ज्ञान, विज्ञान के समावेश से युवाओं नई जानकारियां प्राप्त होंगीं। इसके साथ ही शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले जीवाजी राव सिंधिया की मूर्ति का अनावरण भी किया गया है। जीवाजी विश्वविद्यालय ने न केवल मध्य प्रदेश में बल्कि सम्पूर्ण देश में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। विश्वविद्यालय निरंतर प्रगति करते हुए देश के युवाओं को शिक्षा के क्षेत्र में और सशक्त बनाने का कार्य करती रहेगी। उन्होंने कहा जीवाजी राव ने शिक्षा, स्वास्थ्य के क्षेत्र में अभूतपूर्व योगदान दिया।

जीवाजी विश्वविद्यालय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नक्षत्र की तरह उभरता संस्थान : केन्द्रीय मंत्री सिंधिया

केन्द्रीय मंत्री सिंधिया ने कहा कि ग्वालियर शहर संगीत, शिक्षा और अपनी ऐतिहासिकता के लिये जाना जाता है। उन्होंने कहा कि ज्ञान से ही विनम्रता प्राप्त होती है और विनम्रता से ही पात्रता प्राप्त होती है। जीवाजी विश्वविद्यालय 250 एकड़ में स्थापित है, जिसे मेरी दादी माँ और तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन द्वारा प्रारंभ किया गया था। जीवाजी विश्वविद्यालय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नक्षत्र की तरह उभरता संस्थान है। उन्होंने कहा कि मेरे परिवार ने जो बीज बोया था वह आज वट वृक्ष की तरह खड़ा हो गया है। जीवाजी विश्वविद्यालय संस्थान आधुनिकता की ओर अग्रसर है।

उप राष्ट्रपति धनखड़ ने इस मौके पर जीवाजी विश्वविद्यालय द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया। केन्द्रीय मंत्री सिंधिया ने प्रदर्शनी में दर्शाए गए जीवाजी विश्वविद्यालय के इतिहास व उपलब्धियों के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। उप राष्ट्रपति धनखड़ एवं अतिथियों ने इस अवसर पर “एक पेड़ माँ के नाम” पौधरोपण भी किया।

(Udaipur Kiran) तोमर

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