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(अपडेट) शारजहां पुलिस में काम कर रहा था गैंगस्टरों को शरण देने वाला मास्टरमाइंड इलियास खान

शारजहां पुलिस में काम कर रहा था गैंगस्टरों को शरण देने वाला मास्टरमाइंड इलियास खान

जयपुर, 11 अप्रैल (Udaipur Kiran) । एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स ने लॉरेंस बिश्नोई और रोहित गोदारा गैंग के दुबई स्थित नेटवर्क को बड़ा झटका देते हुए उनके मास्टरमाइंड सहयोगी इलियास खान को जयपुर में गिरफ्तार किया है। इलियास लंबे समय से दुबई में रहकर इन गैंगस्टरों को पनाह देने, हवाला के माध्यम से धन पहुंचाने और उनके लिए सुरक्षित ठिकानों की व्यवस्था करने में सक्रिय था।

एंटी गैंग टास्क फोर्स के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक दिनेश एमएन के निर्देशन में डीआईजी योगेश यादव और एएसपी सिद्धांत शर्मा के नेतृत्व में एक विशेष टीम ने रामगढ़ सेठान, फतेहपुर सीकर में छापेमारी कर इलियास को गिरफ्तार किया। इस कार्रवाई में स्थानीय पुलिस और डीएसटी टीम का भी सहयोग रहा।

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक दिनेश एमएन ने बताया कि इलियास खान निवासी वार्ड नंबर 36, थाना रामगढ़, सीकर 2014 से दुबई में रह रहा था। वह दुबई पुलिस में स्टोर कीपर के रूप में कार्यरत था और अपने पहचान पत्र का दुरुपयोग कर गैंग के सदस्यों को शरण देता था। दुबई में भी फर्जी आईडी के उपयोग के मामले में वह गिरफ्तार हो चुका है और जेल की सजा काट चुका है। उसने रोहित गोदारा, वीरेन्द्र चारण और महेन्द्र सारण जैसे गैंगस्टरों को दुबई में ठिकाने उपलब्ध करवाए थे। हवाला के माध्यम से गैंग के लिए धन प्रेषण करता था और गैंग के सदस्यों को इमिग्रेशन संबंधी सूचनाएं प्रदान करता था। भारत में भी उसके खिलाफ दहेज उत्पीड़न का मामला दर्ज है, जिसमें वह जेल जा चुका है।

स्टोर कीपर का काम करता था इलियास

इलियास खान शाहजहां के पास दुबई पुलिस में स्टोर कीपर की नौकरी करता था। दुबई पुलिस कार्ड को उपयोग करके रोहित गोदारा गैंग के कई अपराधियों को दुबई में रहने व सहने का काम करवाता था। इलियास खान को दुबई में भी आईडी कार्ड का दुरूपयोग करने पर पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया जा चुका है।

जकरिया बरदुबई इलाके के पुलिस थाने के प्रकरण में जेल में रह चुका है। इस प्रकरण में 2 अन्य अभियुक्त भी गिरफ्तार हुए थे। रोहित गोदारा, वीरेन्द्र चारण,महेन्द्र सारण को भी इलियास खान ने दुबई में ठिकाने उपलब्ध करवाए थे। आरोपित हवाला का काम भी काफी समय से कर रहा था। इलियास लॉरेन्स और रोहित गोदारा गैंग के सदस्यों की सूचना पहुंचाता था आरोपित इलियास खान 2014 से दुबई में रह रहा था। दो शादियां कर चुका है। इलियास खान की पहली पत्नी ने दहेज प्रकरण भी दर्ज करवाया था। इस प्रकरण में जेल काट चुका है। हवाला के पैसों और गैंग के पैसों से दुबई में अयाशी और लग्जरी लाइफ जीता था। आरोपित का दुबई के रॉला मॉल इलाके में मुख्य ठिकाना था, जहां हरियाणा, पंजाब के भी एक बड़े बदमाश को इलियास ने ही रूकवाया था। ए.जी.टी.एफ. को दुबई में काफी समय से इस गैंग के शेल्टर्स ठिकानों और लॉकल अस्शिट के बारे में पुख्ता जानकारी मिली थी। इलियास ने एजीटीएफ के दुबई आने की संभावना को ध्यान में रखकर विरेंद्र चारण को वहां से फरार करवा दिया।

फल व्यापारी सलीम खान की करवाई थी रैकी, कहा था मोटी मुर्गी है अच्छे पैसे देगा

गैंग से जुडे इलियास खान ने दुबई में लॉरेंस विश्नोई और रोहित गोदारा गैंग के सदस्यों को शरण देने, उनके लिए सुरक्षित ठिकानों की व्यवस्था करने और हवाला के माध्यम से धन प्रेषण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उसने जयपुर के फल व्यापारी सलीम खान की रेकी करवाई थी और गैंग को उसकी जानकारी दी थी। वर्तमान में एंटी गैंग टास्क फोर्स की विशेष टीम इलियास खान से पूछताछ कर रही है ताकि गैंग के अन्य सदस्यों और उनके नेटवर्क के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सके। इस गिरफ्तारी से राजस्थान में संगठित अपराध के खिलाफ चल रही कार्रवाई को बड़ी सफलता मिली है। रामगढ शेखावाटी के रहने वाले जयपुर के फल व्यापारी सलीम खान की जयपुर व रामगढ में रैकी करवाई थी और सोशल मीडिया के माध्यम से सलीम के नम्बर

वीरेन्द्र चारण को दिए थे और कहा था कि ‘‘मोटी मुर्गी है अच्छे पैसे देगा‘‘ और इसकी मध्यस्थता भी स्वयं इण्डिया जाकर कर लूंगा और हवाला से बताए अनुसार करवा दूंगा। वर्तमान में एसआईटी टीम द्वारा मुलजिम इलियास से गैंग के अपराधों के सम्बन्ध में पूछताछ की जा रही है।

इससे दुबई से पकड़ा गया था आदित्या जैन उर्फ टोनी

इससे पहले एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (एजीटीएफ) ने कुख्यात गैंगस्टर आदित्य जैन उर्फ टोनी को गिरफ्तार किया था। वह लॉरेंस विश्नोई और रोहित गोदारा गैंग के लिए दुबई से डब्बा कॉलिंग कंट्रोल रूम चला रहा था। एजीटीएफ उसे दुबई से गिरफ्तार कर जयपुर लाई थी। आदित्य नागौर जिले के कुचामन सिटी का निवासी है। वह दुबई में बैठकर गैंग के लिए इंटरनेट कॉलिंग और डब्बा कॉलिंग सिस्टम संचालित कर रहा था। दुबई पुलिस ने फरवरी 2025 में उसे हिरासत में लिया था। इसके बाद एजीटीएफ ने गिरफ्तार कर भारत लेकर आए थे। आदित्य जनवरी 2024 में दुबई गया था और अप्रेल 2024 से लॉरेंस विश्नोई-रोहित गोदारा गैंग के लिए डब्बा कॉलिंग का कंट्रोल रूम चला रहा था। इससे पहले 2023 में एजीटीएफ ने गैंग के एक अन्य सदस्य अमरजीत विश्नोई को इटली से गिरफ्तार कराया था। अमरजीत की गिरफ्तारी के बाद गैंग की डब्बा कॉलिंग की जिम्मेदारी आदित्य ने संभाली। वह गैंग के लिए इंटरनेट कॉलिंग, फर्जी नंबरों से धमकी भरे कॉल, वारदातों की योजना बनाना, हथियारों की आपूर्ति और रकम का प्रबंध करने जैसे कार्य करता था। गैंग के सदस्य सीधे कॉल नहीं करते थे, बल्कि आदित्य के जरिए ही डब्बा कॉल से संपर्क करते थे।

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(Udaipur Kiran)

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