नई दिल्ली, 24 दिसंबर (Udaipur Kiran) । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को नीति आयोग में केंदीय बजट 2025-26 की तैयारी को लेकर प्रख्यात अर्थशास्त्रियों और विचारकों के एक समूह के साथ विचार-विमर्श किया। ये बैठक “वैश्विक अनिश्चितता के समय में भारत की विकास गति को बनाए रखना” विषय पर आयोजित की गई।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान में बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने बैठक के दौरान अपने संबोधन में वक्ताओं को उनके व्यावहारिक विचारों के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि मानसिकता में मूलभूत परिवर्तन के माध्यम से विकसित भारत को प्राप्त किया जा सकता है, जिसका ध्यान 2047 तक भारत को विकसित बनाने पर केंद्रित है।
केंदीय बजट की तैयारी के लिए आयोजित इस बैठक में प्रतिभागियों ने कई अहम मुद्दों पर अपने विचार साझा किए। इनमें वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं और भू-राजनीतिक तनावों से उत्पन्न चुनौतियों का समाधान, विशेष तौर पर युवाओं के बीच रोजगार बढ़ाने और सभी क्षेत्रों में स्थायी रोजगार के अवसर पैदा करने की रणनीतियां बनाने, रोजगार बाजार की उभरती जरूरतों के साथ-साथ शिक्षा और प्रशिक्षण कार्यक्रमों को संरेखित करने की रणनीतियां, कृषि उत्पादकता को बढ़ाना और स्थायी ग्रामीण रोजगार के अवसर पैदा करना, आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और रोजगार पैदा करने के लिए निजी निवेश को आकर्षित करना, बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए सार्वजनिक धन जुटाना, वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देना, निर्यात को बढ़ावा देना और विदेशी निवेश को आकर्षित करना शामिल हैं।
प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में जाने-माने अर्थशास्त्रियों और विश्लेषकों ने भाग लिया, जिसमें केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी, नीति आयोग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी बीवीआर सुब्रमण्यम, देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार अनंत नागेश्वरन, अर्थशास्त्री डॉ. सुरजीत एस भल्ला, डॉ. अशोक गुलाटी, डॉ. सुदीप्तो मुंडले, धर्मकीर्ति जोशी, जन्मेजय सिन्हा, मदन सबनवीस, प्रो. अमिता बत्रा, रिदम देसाई, प्रो. चेतन घाटे, प्रो. भरत रामास्वामी, डॉ. सौम्य कांति घोष, सिद्धार्थ सान्याल, डॉ. लवीश भंडारी, रजनी सिन्हा, प्रो. केशव दास, डॉ. प्रीतम बनर्जी, राहुल बाजोरिया, निखिल गुप्ता, प्रो. शाश्वत आलोक और डीके जोशी समेत अन्य विशेषज्ञ शामिल हुए।
उल्लेखनीय है कि अगामी केंद्रीय बजटके संदर्भ में आर्थिक विशेषज्ञों के विचार एवं सुझाव जानने के लिए यह बैठक आयोजित की गई थी। दरअसल बजट से पहले हमेशा हर क्षेत्र के विषेषज्ञों की राय ली जाती हैं। केंद्रीय वित्त मंत्री सीतारमण एक फरवरी, 2025 को लोकसभा में वित्त वर्ष 2025-26 का बजट पेश करेंगी।
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(Udaipur Kiran) / प्रजेश शंकर