– उज्जैन में धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग के संचालनालय की स्थापना के बाद प्रथम तीर्थ-यात्रा का हुआ शुभारम्भ
– मुख्यमंत्री ने इन्दौर से वर्चुअल हरी झंडी दिखाकर तीर्थ-यात्रा का किया शुभारम्भ
भोपाल, 14 सितंबर (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि सनातन धर्म में तीर्थ-यात्राओं का अत्यधिक महत्व है। हमारे देश की एकता और अखण्डता का प्रकल्प है तीर्थ यात्राएं। तीर्थ-दर्शन यात्रा करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। तीर्थ-यात्रा योजना ने चारों धाम और बारह ज्योतिर्लिंगों को जोड़ने का काम किया है। धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व संचालनालय उज्जैन में स्थानांतरित होने के बाद पहली मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन यात्रा का शुभारम्भ उज्जैन से किया गया है।
उन्होंने कहा कि भारत की चारों दिशाओं को जोड़ने के लिये 1400 वर्ष पहले आदिगुरु शंकराचार्य ने चार मठों की स्थापना कर धार्मिक यात्राएं प्रारम्भ की थी। हमारे जीवन में जितना महत्व माता-पिता के आशीर्वाद, पुत्री के कन्यादान और पुत्र से प्राप्त मुखाग्नि का है, उतना ही महत्व तीर्थ दर्शन का भी है। तीर्थ हमारे पापों का नाश कर मोक्ष प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त करते हैं। हर गृहस्थ का सपना होता है कि वह अपनी आंखों से तीर्थों के दर्शन कर परमेश्वर से मोक्ष की कामना करे।
मुख्यमंत्री डॉ.यादव शनिवार को धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग द्वारा मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना अन्तर्गत उज्जैन में आयोजित तीर्थ-यात्रा के शुभारम्भ कार्यक्रम को इन्दौर से वर्चुअली सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने हरी झंडी दिखाकर उज्जैन से काशी विश्वनाथ और अयोध्या के लिये तीर्थ-यात्रियों को रवाना किया। उन्होंने कहा कि हमारे चार धाम और बारह तीर्थ हमारी सनातन परम्परा के संवाहक और संस्कृति के अजर-अमर प्रमाण हैं। हमारी सरकार हमारे वृद्धजनों की आस्था को पूरा करने के लिये मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना से उन्हें तीर्थ स्थलों की नि:शुल्क यात्रा करवा रही है।
मुख्यमंत्री ने उज्जैन जिले के 300 तीर्थ-यात्रियों को हार्दिक शुभकामनाएं एवं मंगलकामनाएं देते हुए कहा कि देश की एकता और अखण्डता को अक्षुण्ण बनाये रखने के लिये हम सदैव तत्पर हैं। व्यक्ति का आना-जाना लगा रहता है, परन्तु गृहस्थ जीवन में से कुछ समय निकाल कर तीर्थ-यात्रा करना सबसे बड़ा कार्य है। मध्यप्रदेश में तीर्थ करने के लिये ‘पीएमश्री हेलीकॉप्टर सेवा’ भी प्रारम्भ की गई है। इसी तरह गंभीर बीमार व्यक्ति की जान बचाने के लिये एयर एम्बुलेंस सेवा उपलब्ध है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वाराणसी में काशी विश्वनाथ का निर्माण इन्दौर की लोकमाता देवी अहिल्याबाई ने करवाया था। मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने उज्जैन जिले के चार तीर्थ-यात्रियों ग्राम अजलाना के श्री प्रभुलाल, बड़नगर की गीताबाई राठौर, नागदा निवासी शंभुलाल एवं कमल सिंह राठौर से वर्चुअली मालवी बोली में आत्मीय संवाद किया और तीर्थ-यात्रा के लिये शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि तीर्थ यात्रियों की सभी व्यवस्थाएं प्रशासन द्वारा सुनिश्चित की जायेंगी।
उज्जैन जिले के प्रभारी मंत्री टेटवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव प्रदेश के वृद्धजनों को तीर्थ-यात्राएं करा रहे हैं, जो वृद्धजन किसी कारणवश धार्मिक तीर्थ-यात्रा पर नहीं जा पाये हैं, उनके लिये राज्य सरकार मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के अन्तर्गत ट्रेन से नि:शुल्क यात्रा करवा रही है। मध्यप्रदेश देश का ऐसा पहला राज्य है जहां हवाई सेवा और ट्रेन सेवा के माध्यम से वरिष्ठजनों को नि:शुल्क तीर्थ-यात्रा कराई जा रही है।
सांसद अनिल फिरोजिया ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव श्रवण कुमार की भूमिका में हैं। सनातन धर्म में तीर्थ-दर्शन महत्वपूर्ण है। सरकार वृद्धजनों को नि:शुल्क तीर्थ कराने के साथ बेटियों के कन्यादान, आयुष्मान योजना के माध्यम से 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज, रहने के लिये आवास, ऐसी अनेक योजनाओं का लाभ पात्र हितग्राहियों को उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही आयुष्मान कार्ड बनाने का अभियान भी चलाया जायेगा, जिससे पात्र पीड़ित व्यक्ति को 5 लाख रुपये तक का इलाज मुफ्त में सरकार द्वारा कराया जा सकेगा। विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा ने कहा कि राज्य सरकार की तीर्थ-दर्शन योजना का निर्णय प्रशंसनीय है, जो वृद्धजनों को तीर्थ-यात्रा करा रहे हैं।
मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन यात्रा सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है। इस योजना में देश के विभिन्न राज्यों में स्थित धार्मिक एवं तीर्थ स्थलों पर 60 वर्ष से अधिक के वृद्धजनों को नि:शुल्क यात्रा एवं दर्शन करवाने की व्यवस्था की जाती है। उज्जैन से काशी विश्वनाथ की यात्रा की वापसी 26 सितम्बर को होगी। उज्जैन जिले के 300 यात्री काशी की यात्रा पर रवाना हुए हैं।
(Udaipur Kiran) तोमर