उदयपुर, 27 नवंबर (Udaipur Kiran) । मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार के सदस्य दिवंगत महेंद्रसिंह मेवाड़ के पुत्र विश्वराजसिंह मेवाड़ के परम्परागत राजतिलक के बाद सिटी पैलेस के अंदर स्थित धूणी के दर्शन को लेकर उत्पन्न विवाद का तीन दिन बाद बुधवार शाम को पटाक्षेप हो गया। करीब डेढ़ घंटे चली लंबी वार्ता में सहमति बनने के बाद प्रशासनिक अधिकारी अपने साथ विश्वराजसिंह को धूणी के दर्शन कराने ले गए। इससे पहले उन्होंने सुबह मेवाड़ के राजा एकलिंगनाथ महादेव के दर्शन किए और शोक भंग की रस्म पूरी की।
मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार के सदस्य महेंद्रसिंह मेवाड़ का निधन होने के बाद पुत्र विश्वराजसिंह का गत 25 नवम्बर को चित्तौड़गढ़ स्थित फतह प्रकाश महल परिसर में परम्परागत राजतिलक हुआ था। विश्वराजसिंह इसके साथ ही एकलिंगजी के 77वें दीवान हो गए। राजतिलक के बाद सिटी पैलेस परिसर में स्थित प्रयागगिरि महाराज की धूणी उसके बाद एकलिंगजी महादेव के दर्शन करने की परम्परा है। इस बीच, सम्पत्ति विवाद के चलते दिवंगत महेंद्रसिंह के भतीजे लक्ष्यराजसिंह (छोटे भाई अरविंद सिंह के पुत्र) ने उदयपुर सिटी पैलेस के दरवाजे बंद कर दिए। इस पर धूणी दर्शन को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया और राजतिलक के बाद विश्वराजसिंह जगदीश चौक पहुंचने के बाद भी धूणी के दर्शन नहीं कर सके।
इससे आक्रोशित हुए समर्थक सिटी पैलेस की तरफ आगे बढ़े तो सिटी पैलेस से पथराव किया गया। तब देर रात सवा बजे तक जगदीश चौक डटे रहने के बाद वे समर्थकों के साथ विश्वराज अपने समोर बाग पैलेस लौट आए। हालात को देखते प्रशासन ने विवादित स्थल पर रिसीवर नियुक्त कर नोटिस चस्पां कर दिया। ऐसे में मंगलवार को भी पूरे दिन धूणी दर्शन को लेकर संशय की स्थिति बनी रही।
उधर, विश्वराजसिंह ने धूणी के दर्शन छोड़ बुधवार सुबह एकलिंगजी महादेव के दर्शन करना तय किया। वे सुबह समोरबाग में परंपरानुसार अश्व पूजन कर कैलाशपुरी स्थित एकलिंगजी के दर्शन को रवाना हुए। वहां पहुंचने पर स्थानीय लोगों द्वारा स्वागत किया गया। इसके बाद उन्होंने एकलिंगजी महादेव के दर्शन कर पूजा अर्चना की। पुजारी ने रंगदस्तूर कर उनकी पगड़ी बदली। विश्वराजसिंह ने लाल रंग की पगड़ी धारण की। यहीं मंदिर के पीछे स्थित महादेव और विंध्यवासिनी माता के दर्शन कर वे मंदिर परिसर से बाहर निकले तो मौजूद भीड़ ने जयकारों से उनका अभिवादन किया। यहां से वे पुन: उदयपुर लौटे और गणेश द्वार माने जाने वाले हाथीपोल द्वार पर गणपति पूजन किया।
इसके बाद वे सीधे समोरबाग पैलेस पहुंचे जहां उन्होंने मेवाड़ के राव, उमराव, जागीरदार व ठिकानेदारों के शोक भंग कर उनकी भी रंगदस्तूर की रस्म पूरी कराई। इस दौरान समर्थक धूणी दर्शन को लेकर सिटी पैलेस की तरफ बढ़ने की बात करते रहे। इस बीच विश्वराज सिंह मेवाड़ ने सभी को सब्र रखने की बात कही।
राज्य सरकार की ओर से बुधवार सुबह उदयपुर पहुंचे एडीजी विकास बंसल और गृह सचिव आनंद कुमार सुपरविजन करते हुए अधीनस्थों को मार्गदर्शन देते रहे। अपराह्न करीब तीन बजे प्रशासन ने धूणी दर्शन के लिए विश्वराजसिंह से सायं 5 बजे तक की मोहलत मांगी। तब विश्वराजसिंह ने समर्थकों से प्रशासन द्वारा दिए गए आश्वासन तक शांति बनाए रखने की अपील की।
माहौल को भांपते हुए आईजी राजेश मीणा, जिला कलेक्टर अरविंद पोसवाल, जिला पुलिस अधीक्षक योगेश गोयल करीब चार बजे समोर बाग पैलेस पहुंचे और विश्वराजसिंह के साथ बैठक शुरू की। प्रशासन भीड़ नहीं ले जाने के पक्ष में था। करीब डेढ़ घंटे चली लंबी वार्ता के बाद उनके बीच सायं साढ़े पांच बजे धूणी दर्शन को लेकर सहमति बनी। इसमें विश्वराजसिंह सहित पांच लोगों को धूणी के दर्शन कराना तय हुआ। इसके साथ ही प्रशासनिक लवाजमे के साथ विश्वराजसिंह मेवाड़, सलूंबर के देवव्रत सिंह रावत, रणधीर सिंह भींडर, बड़ी सादड़ी राज राणा समेत 5 लोग धूणी दर्शन करने के लिए समोरबाग से रवाना हुए। विश्वराजसिंह के धूणी दर्शन के साथ ही प्रशासन ने भी राहत की सांस ली।
इधर, इस सारे घटनाक्रम के बीच पूर्व विधायक रणधीर सिंह भीण्डर ने महाराणा मेवाड़ फाउंडेशन के कार्यपालक न्यासी अरविंद सिंह मेवाड़ (लक्ष्यराज के पिता) को सामने लाने की मांग की है। भीण्डर ने कहा कि वे लम्बे समय से नजर नहीं आए हैं। उन्हें सामने क्यों नहीं लाया जा रहा है।
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(Udaipur Kiran) / सुनीता