रायपुर 15 दिसंबर (Udaipur Kiran) । भारतीय सेना ने छत्तीसगढ़ सरकार के सहयोग से आज रविवार काे सेंट्रल पार्क, नया रायपुर में सोल्जरथॉन का एक विशेष संस्करण आयोजित किया। इसमें 3000 से अधिक प्रतिभागियों ने प्रतिभाग लिया। इसकी 21 किलोमीटर दौड़ अंडर-30 में पुरुष वर्ग में पहले नंबर पर मनोज कुमार रहे। अंडर 30-40 पुरुष वर्ग में पहले नंबर पर भोजराज साहू जबकि अंडर-30 में महिला वर्ग में पहले नंबर पर नीता सलमें रहीं।
मुख्य अतिथि पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह ने इस सोल्जरथॉन का शुभारंभ झंडी दिखाकर किया। यह कार्यक्रम पाकिस्तान के साथ 1971 के युद्ध में भारत की निर्णायक जीत की 53वीं वर्षगांठ को याद करता है, जो देश के इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय है।
इस कार्यक्रम ने छत्तीसगढ़ के स्थानीय युवाओं और नागरिक आबादी को सैनिकों के साथ दौड़ने और इतिहास के एक टुकड़े का अनुभव करने का एक असाधारण अवसर प्रदान किया। मैराथन में कई दौड़ श्रेणियां थीं, जिनमें 21 किलोमीटर, 10 किलोमीटर और 5 किलोमीटर की दौड़ के साथ-साथ 3 किलोमीटर पैदल चलना भी शामिल था।
इसमें 21 किलोमीटर दौड़ में अंडर 30 में पुरुष वर्ग में पहले नंबर पर मनोज कुमार, दूसरे नंबर पर मोहम्मद वसीम, तीसरे नंबर पर मुक्ति रहीं। वही अंडर 30-40 में पहले नंबर पर भोजराज साहू, दूसरे नंबर पर आसलेश राजवाड़े, तीसरे नंबर पर साहेबकुमार निषाद रहे जबकि अंडर -30 में महिला वर्ग में पहले नंबर पर नीता सलामे, दूसरे नम्बर पर रूखमणी साहू, तीसरे नंबर पर मीरा, अंडर 30-40 में पहले नंबर पर फलेश्वरी राजवाड़े दूसरे नम्बर किरण साहू रहीं है।
वहीं 10 किलोमीटर दौड़ में अंडर 30 में पुरुष वर्ग से पहले नंबर पर आशुतोष कुमार बिंद, दूसरे नंबर पर ओमकार वर्मा, तीसरे नंबर पर मुकेश साहू रहे। अंडर 30 में महिला वर्ग में पहले नंबर पर हेमलता धुरुव, दूसरे नंबर पर चंद्रिका यादव, तीसरे नंबर पर बिलोमती विजेता रहीं हैं।
इस आयोजन का एक विशेष आकर्षण प्रतिभागियों और आगंतुकों के लिए 1971 के भारत-पाक युद्ध के युद्ध अवशेषों के संग्रह को देखने का अवसर था। प्रदर्शनी, जिसमें सैन्य कलाकृतियाँ, तस्वीरें और संघर्ष से यादगार चीजें शामिल थीं। उपस्थित लोगों को इतिहास से जुड़ने और युद्ध के दौरान किए गए बलिदानों की गहरी समझ हासिल करने का मौका दिया।
पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह ने अपने भाषण में प्रतिभागियों को प्रेरित किया और 1971 के युद्ध के दौरान किए गए बलिदानों को याद करने के महत्व को रेखांकित किया। प्रतिभागियों द्वारा सोल्जरएथॉन की व्यापक रूप से प्रशंसा की गई, जिन्होंने सैनिकों के साथ दौड़ने और सैन्य इतिहास के साथ इस तरह के संवादात्मक तरीके से जुड़ने के अवसर की सराहना की। यह आयोजन न केवल 1971 की जीत के उपलक्ष्य में बल्कि भारतीय सेना और स्थानीय समुदाय के बीच संबंधों को मजबूत करने के लिए भी था।
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(Udaipur Kiran) / गेवेन्द्र प्रसाद पटेल