भोपाल, 31 अगस्त (Udaipur Kiran) । प्रदेश में भीड़भाड़ वाले पर्यटन स्थलों को प्रबंधित करने और शांति की चाह रखने वाले पर्यटकों के लिए 50 नए ऑफबीट डेस्टिनेशन विकसित किए जा रहे है। पर्यटन के क्षेत्र में रोजगार उत्पन्न करने और समुदाय की महिलाओं को पर्यटन से जोड़ने की दिशा में प्रयास करते हुए पर्यटन क्षेत्र में 40 हजार से अधिक महिलाओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है। हेरिटेज, कल्चरल, स्पिरिचुअल, रेस्पोंसिबल और सेफ टूरिज्म में मध्य प्रदेश की अपनी एक अलग पहचान बनी है। हम लगातार इस दिशा में और क्या बेहतर कर सकते हैं, इसके लिए प्रयासरत हैं। उक्त बातें प्रमुख सचिव पर्यटन और संस्कृति शिव शेखर शुक्ला ने कहा कि होटल ताज में इंडियन एसोसिएशन ऑफ टूर ऑपरेटर्स (आईएटीओ) के 39वें अधिवेशन के दूसरे दिन के पहले सत्र में ‘रिसर्जेंट इंडिया इनबाउंड – चुनौतीपूर्ण कारोबारी माहौल के बीच भारत को फिर से स्थापित करने की रणनीति’ विषय पर व्यावसायिक सत्र को संबोधित करते हुए कहीं।
प्रमुख सचिव शुक्ला ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मानकों के लिए एक बेंचमार्क स्थापित करने की आवश्यकता है और पहले दिन से ही कोई समझौता नहीं होना चाहिए। इनबाउंड पर्यटन के लिए सही पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिए काम किया जा रहा हैं। अन्य विभागों से समन्वय के माध्यम से संसाधनों को इकट्ठा करना चाहिए और उनका उपयोग पर्यटन विकास के लिए बुनियादी ढाँचा बनाने में करना चाहिए।सत्र में विशेष सचिव पर्यटन उत्तर प्रदेश सुश्री ईशा प्रिया, एबरक्रॉम्बी एंड केंट के एमडी विक्रम मधोक में संबोधित किया। सत्र का संचालन सचिव (सेवानिवृत्त) भारत सरकार अरविंद सिंह ने किया।
इस दौरान उत्तर प्रदेश की विशेष सचिव पर्यटन ईशा प्रिया ने कहा कि उत्तरप्रदेश ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने और इसे मध्यम वर्ग के परिवारों के लिए अनुकूल बनाने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने उत्तरप्रदेश के बौद्ध सर्किट, थीम, वेस्ट टू वेल्थ पार्क, महाकुंभ मेला आदि पर्यटन गंतव्यों के विकास और सरकार के प्रयासों की जानकारी दी। साथ ही उत्तरप्रदेश पर्यटन नीति 2022 के प्रमुख बिंदुओं पर उन्होंने प्रकाश डाला।
एबरक्रॉम्बी एंड केंट के एमडी विक्रम मधोक ने उन बाजारों में जाने की आवश्यकता जताई, जहां हमारी कमी है। उन्होंने कहा, ‘महामारी के बाद, आज हम जहां हैं, वहां कुछ बाजारों से कारोबार अच्छा चल रहा है। लेकिन साथ ही हमें उन क्षेत्रों में भी जाना होगा जहां यह कम है। उन्होंने विदेशों के नक्शे कदम पर चलने की आवश्यकता भी जताई, जहां होमस्टे का उपयोग करके भीड़ का सूक्ष्म प्रबंधन किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश पर विशेष सत्र सम्मेलन के दौरान मध्य प्रदेश पर एक विशेष सत्र आयोजित किया गया था। इसमें टूरिज्म बोर्ड की अपर प्रबंध संचालक बिदिशा मुखर्जी ने अधिवेशन के लिये भोपाल आए ट्रेवल एजेंट्स, टूर ऑपरेटर्स सहित विभिन्न हितधारकों को मध्य प्रदेश में आने का न्योता दिया। उन्होंने कहा कि, मध्यप्रदेश के नैसर्गिक सौंदर्य, प्राचीन इतिहास, संरक्षित धरोहरें, वन्यजीवों में विविधता और वन्य क्षेत्र दुनियाभर से पर्यटकों को आकर्षित कर रहे हैं। प्रदेश को महिला पर्यटकों खासकर एकल महिला पर्यटकों हेतु अधिक सुरक्षित बनाने के उद्देश्य पर्यटन क्षेत्र में महिलाओं की सहभागिता बढ़ाई जा रही है। पर्यटन क्षेत्र के 8 सेक्टर के 48 जॉब रोल्स में महिलाओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है। उन्होंने प्रदेश के विभिन्न सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक महत्व के स्थलों पर भी प्रकाश डाला।
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(Udaipur Kiran)