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(अपडेट) नगाड़ा वादन और झंडारोहण के साथ अंतरराष्ट्रीय पुष्कर मेले का हुआ शुभारंभ

नगाड़ा वादन और झंडारोहण के साथ अंतराष्ट्रीय पुष्कर मेले का हुआ शुभारंभ
नगाड़ा वादन और झंडारोहण के साथ अंतराष्ट्रीय पुष्कर मेले का हुआ शुभारंभ
नगाड़ा वादन और झंडारोहण के साथ अंतराष्ट्रीय पुष्कर मेले का हुआ शुभारंभ

अजमेर, 9 नवम्बर (Udaipur Kiran) । अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त पुष्कर मेले का रंगारंग आगाज शनिवार को मेला मैदान में वैदिक मंत्रोच्चार व पूजन पश्चात ध्वजारोहण के साथ हो गया। मुख्य अतिथि जलसंसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत झण्डारोहण किया। शाम को पुष्कर सरोवर के 52 घाटों पर दीपदान किया गया सात प्रमुख घाटों पर सरोवर की महाआरती की गई। धार्मिक मेला (पंचतीर्थ स्नान) 12 नवंबर को कार्तिक एकादशी स्नान के साथ आरंभ होगा। मेले का समापन 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा पर होने वाले महास्नान एवं पुरस्कार वितरण समारोह के साथ होगा।

पुष्कर मेले के शुभारंभ पर शनिवार की सुबह प्रदेश के जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत ने मेला मैदान में राष्ट्रगान के साथ तिरंगा झंडा फहराया। इस मौके पर जिला कलक्टर लोकबंधु, पुलिस अधीक्षक वंदिता राणा, सभापति कमल पाठक, मेला मजिस्ट्रेट गौरवकुमार मित्तल, मेला अधिकारी डा० सुनील घीया, एडिशनल एसपी दीपक कुमार, एडीएम ज्योति काकवानी, गजेन्द्रसिंह, सीओ ग्रामीण रामचंद्र, नगर परिषद की आयुक्त कीर्ति कुमावत, सीआई घनश्याम सिंह राठौड़ समेत मेला व्यवस्थाओं से जुड़े सभी विभागों के अधिकारी तथा जनप्रतिनिधि मौजूद थे। झंडारोहण के साथ ही मेले में सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं खेलकूद प्रतियोगिताओं की धूम शुरू हो गई। वहीं झंडारोहण के तत्काल बाद विभिन्न स्कूलों की छात्राएं एक साथ राजस्थानी गीत पर लोक नृत्य की शानदार प्रस्तुतियां दी। इससे पूर्व सभी अतिथियों का मेला अधिकारी सुनील घीया ने साफा और माला पहनाकर स्वागत और सम्मान किया इसके बाद सुप्रसिद्ध अंतरराष्ट्रीय नगाड़ा वादन नाथूराम सोलंकी एण्ड पार्टी ने शानदार नगाड़ा की प्रस्तुति देकर कार्यक्रम में चार चांद लगा दिए कार्यक्रम में काफी संख्या में विदेशी पर्यटक भी मौजूद थे जो अपने-अपने कैमरों में मेले की झलकियां कैद करते हुए नजर आए।

जलसंसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत व सभापति कमल पाठक ने भी शानदार नगाड़ा वादन किया। इसके बाद सभी अतिथियों ने हरी झंडी दिखाकर कैमल रैली का शुभारंभ किया। इस अवसर पर पूर्व पालिका अध्यक्ष सूरज नारायण पाराशर, मुकेश कुमावत, धीरज जादम, महेंद्र सिंह खंगारुड, घनश्याम भाटी ,रोहन बाकोलिया, धर्मेंद्र नागोरा ,अरुण वैष्णव ,सामाजिक कार्यकर्ता अरुण पाराशर, रघु पारिक गणमान्य लोग भी मौजूद थे । पंडित कैलाश नाथ दाधीच के आचार्यत्व में वैदिक मंत्रोचारण के साथ पूजा अर्चना करवा के झंडारोहण करवाया गया । मेले में पशुपालकों व श्रद्धालुओं की सुविधा व सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। मेलार्थियों के मनोरंजन के लिए इस बार कई नए रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे। मेले में कानून व शांति व्यवस्था बनाएं रखने के लिए अजमेर समेत संभाग के विभिन्न थानों से अतिरिक्त पुलिस जाप्ता पहुंच गया। बताया गया है कि चप्पे-चप्पे पर खास तौर पर ब्रह्मा मंदिर सहित प्रमुख मंदिरों एवं घाटों पर सशस्त्र जवान एवं सुरक्षा कर्मी तैनात किए जा रहे हैं। प्रमुख व भीड़-भाड़ वाले इलाकों में नगर परिषद की ओर से सीसी टीवी कैमरे लगाए गए हैं।

सभी 52 घाटों पर दीपदान

पुष्कर मेले के शुभारंभ के मौके पर शनिवार की शाम को निजी व सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों व स्वयंसेवी संस्थाओं के सहयोग से सरोवर के सभी 52 घाटों पर 51 हजार दीप जलाकार दीपदान किया गया तथा गऊघाट, ब्रह्म घाट, बद्री घाट, यज्ञ घाट, वराह घाट, गणगौर घाट, जयपुर घाट समेत 7 प्रमुख घाटों पर महाआरती की गई। घाटों पर झालर-टंकोरें की आवाज गूंजी। घाटों पर आकर्षक रंगोलियां भी बनाई गईं। दीपदान के लिए सभी सरकारी व गैर सरकारी शिक्षण संस्थाओं को अलग-अलग घाट आवंटित किए गए थे। वहीं शनिवार को दीपदान के दौरान आगामी 14 नवंबर को 52 घाटों पर पहली बार होने वाली महाआरती की रिहर्सल भी की गई।

मेले में होंगे कई मेगा इवेंट

पुष्कर मेले के दौरान आगामी 7 दिनों तक रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों व प्रतियोगिताओं की धूम रहेगी। जिससे मेले का नजारा न केवल रंगीन होगा। बल्कि मेले में लोक, कला एवं संस्कृति की छटा बिखरेगी। मेला मैदान पर राजस्थानी समेत कई ख्यात नाम कलाकार व बॉलीवुड सिंगर भी अपनी प्रस्तुतियां देकर मेले को यादगार बनाएंगे। 12 नवंबर को भजन सम्राट अनूप जलोटा तथा 14 नवंबर की शाम ख्यातनाम सिंगर कैलाश खेर अपनी गायिकी के जलवे बिखेरेंगे। इसके अलावा मधु भट्ट, गोतम काले, अनवार खां, गुलाबो सपेरा सहित अनेक कलाकार मेले की शाम को रंगीन करेंगे। वहीं मेले के दौरान देशी-विदेशी के लगान क्रिकेट मैच, मटका रेस, लंगड़ी टांग, सतोलिया, कुर्सी रेस, रस्सा-कस्सी, मूंछ, साफा बांधों सहित अनेक प्रतियोगिता आकर्षण का केंद्र होगी।

मेले में पहुंचे 5 हजार से अधिक पशु

पुष्कर के रेगिस्तान में सजी पशुओं की मंडी पशुओं की आवक जारी है तथा पशु पालक व व्यापारी जानवरों की खरीद-फरोख्त कर रहे हैं। अब तक मेले में विभिन्न प्रजाति के 5 हजार 181 पशु पहुंच गए हैं। इनमें 3328 अश्व व 1831 ऊंट शामिल है। इसके अलावा 19 गौ वंश, 3 भैंस वंश भी मेले में बिक्री के लिए आएं है।

24 घंटे रहेगी चिकित्सा सुविधा

पुष्कर मेले के दौरान चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर मेलार्थियों के लिए 24 घंटे चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करायी जाएगी। शहर के मुख्य भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों व मेला क्षेत्र में अस्थाई डिस्पेंसरी लगाई जाएगी। वहीं हॉस्पिटल में 24 घंटे चिकित्सक मौजूद रहेंगे।

छह दिवसीय नेशनल सैंड आर्ट फेस्टिवल शुरू

पुष्कर मेले में रेतीले धोरों पर 6 दिवसीय नेशनल सैंड आर्ट फेस्टिवल का आयोजन किया गया है। जिसमें सैंड आर्टिस्ट अजय रावत बालू मिट्टी से प्रदेश के गौरवशाली इतिहास व संस्कृति की कलाकृतियां बनाकर मेले में आने वाले देशी-विदेशी सैलानियों को आकर्षित करेंगे।

सैंड़ आर्टिस्ट अजय रावत ने बताया कि पुष्कर मेले के दौरान कपालेश्वर मंदिर के पीछे वाटर वक्र्स चौराहे पर 14 नवंबर तक नेशनल सैंड़ आर्ट फेस्टिवल आयोजित किया जाएगा। जिसके लिए बालू मिट्टी से विभिन्न आकर्षक कलाकृतियां तैयार की गयी है। बताया कि सैंड़ आर्ट के माध्यम से राजस्थान के गौरवशाली इतिहास, लोक, कला व संस्कृति, पर्यावरण, समुद्र, रेगिस्तान आदि का चित्रण किया जाएगा। बताया कि यह मेले में आयोजित होने वाला 6 वां सैंड़ आर्ट फेस्टिवल होगा।

पशु प्रतियोगिताएं शुरू

पशुपालन विभाग की ओर से पुष्कर मेले में आने वाले पशुओं के लिए 14 नवंबर तक विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जायेगा। विभाग के संयुक्त निदेशक डा० सुनील घीया ने बताया कि पशु प्रतियोगिता का शुभारंभ ऊंट रैली से हुआ। इसी प्रकार 12 नवंबर की शाम 6 बजे दुग्ध प्रतियोगिता के तहत झरण, 13 को सुबह 6 बजे प्रथम दुहारी, शाम 6 बजे द्वितीय दुहारी व 14 को सुबह 8 बजे तृतीय दुहारी की जायेगी। इसी प्रकार 13 नवंबर को सुबह 10 बजे संकर गौवशं नस्ल प्रतियोगिता, 1 बजे गीर गौवंश नस्ल प्रतियोगिता, 3 बजे भैस वंश नस्ल प्रतियोगिता, 12 नवंबर को सुबह 9 बजे अश्व वंश मादा प्रतियोगिता एवं 13 नवंबर को सुबह 9 बजे अश्व वंश नर प्रतियोगिता आयोजित की जायेगी। 14 नवंबर को सुबह 9 बजे ऊंट प्रतियोगिता, इसके बाद सर्वश्रेष्ठ मेला पशु प्रतियोगिता एवं दोपहर 4 बजे तीव्र दुहारी प्रतियोगिता आयोजित की जायेगी।

पिछले 55 वर्षों से मेले में घोड़े-घोडिय़ों को लेकर आ रहे

सरवाड़ के निकट कालाबड़ एवं पुष्कर के नृसिंह मंदिर के महंत बाबा बालकदास महाराज बीते 55 वर्षों से विश्व प्रसिद्ध पुष्कर मेले में अपने घोड़े-घोडिय़ों को लेकर आ रहे है। 80 वर्षीय बाबा बालकदास महाराज ने विशेष बातचीत में बताया कि वे प्रतिवर्ष पुष्कर मेले में आते हैं। तथा घोड़े-घोडिय़ों को बेंचने के साथ खरीदते भी हैं। इस वर्ष वे 3 नर अश्व, 4 घोडिय़ां बच्चे सहित, 6 बच्चे देने वाली घोडिय़ा, 8 बछेरियां, 4 बछरे लेकर आये हैं। उन्होंने बताया कि मेले में राजस्थान के अलावा एमपी, गुजरात, महाराष्ट्र व हरियाणा से ज्यादातर खरीददार आते है। मेले में खरीद फरोख्त के लिए मालाणी व मारवाड़ी नस्ल की ज्यादा डिमांड रहती है। बताया कि बीते 4-5 वर्षों से कभी कोरोना, गेलेण्डरी बीमारी व विधानसभा चुनाव के चलते मेले की रंगत फीकी रही थी लेकिन इस वर्ष सरकार व प्रशासन की मुस्तैदी के चलते मेला बहुत भव्यता के साथ देखने को मिला है। उन्होंने अश्वों के अस्तबल में बिजली की समस्या बताते हुए बाकि पानी व रोड़ मार्ग समेत सभी व्यवस्थाओं पर संतोष जाहिर किया।

(Udaipur Kiran) / संतोष

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