जयपुर/तिरुपति, 4 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । शास्त्र और शस्त्र के परम ज्ञाता नारायण अवतार परशुराम को पुराणों से जनमानस में लाना आज की आवश्यकता है। सृष्टि के प्रथम राम परशुराम के आदर्शों पर चलकर निश्चित ही हम श्रेष्ठता को प्राप्त कर सकते हैं। उपरोक्त बातें श्री वेंकटेश्वर वैदिक विश्वविद्यालय तिरूपति के उपकुलपति प्रो. रानी सदाशिव मूर्ति ने वक्तव्य में रखी। उन्होंने शुक्रवार को विप्र फाउंडेशन की स्फटिक जयंती वर्ष के प्रथम कार्यक्रम इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर परशुराम कॉन्शसनेस के राष्ट्रव्यापी प्रकल्प ‘सुख साधन भंडार’ के उद्घाटनकर्ता के रूप में व्याख्यान दिया। उपकुलपति ने विप्र फाउंडेशन की प्रशंसा करते हुए कहा कि संस्था शिक्षित और संस्कारवान युवाओं को आगे ला रही है यह देख प्रसन्नता हुई। उन्होंने इस्पेक की चेयरमेन डॉ हर्षा त्रिवेदी को आशीर्वाद देते हुए इस्पेक को हर संभव सहयोग के लिए आश्वस्त किया। इससे पूर्व ईशोधन के संस्थापक उदय वर्डी के आचार्यत्व में विधि विधान से पूजन, अभिषेक एवं हवन कार्य संपन्न हुआ। विप्र फाउंडेशन आंध्र प्रदेश के अध्यक्ष डी.राजेन्द्र प्रसाद पारीक ने सपत्नीक अनुष्ठान के यजमान का दायित्व निभाया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता विफ़ा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री डॉ सुनील शर्मा ने संस्था की गतिविधियों पर प्रकाश डालते हुए इस वर्ष होने वाले ग्यारह कार्यक्रमों की श्रृंखला का प्रथम पुष्प तिरुपति में होना सौभाग्य बताया। डॉ शर्मा ने कहा कि हम शिक्षा, संस्कार और रोजगार पर मुख्य रूप से काम कर रहे हैं। इस्पेक की चेयरमेन डॉ हर्षा त्रिवेदी ने कहा कि इंटरनेशनल सोसायटी फॉर परशुराम कोंशसनेस का यह प्रयास है कि हम भगवान परशुराम के आदर्शों को जन-जन तक पहुंचायें और उन्हें अपने जीवन में उतारने की प्रेरणा दें। सुख साधन भंडार आने वाले दिनों में आध्यात्मिक चेतना की दिशा में महत्ती योगदान करेगा। कार्यक्रम संयोजक भगवान व्यास ने कहा कि आज के आयोजन की सफलता ने हमें और अधिक कार्य करने की ऊर्जा दी है। इस्पेक के राष्ट्रीय प्रभारी प्यारे लाल शर्मा ने तिरुपति ईकाई का आभार दिया। समारोह में उपस्थित बेंगलुरु से कर्नाटक अध्यक्ष कमलेश डीडवानियां, चेन्नई से तमिलनाडु अध्यक्ष किशोर भाई सेवग, विशाखापत्तनम से राष्ट्रीय कार्यसमिति अध्यक्ष गोपाल शर्मा, जयपुर से पार्षद मुकेश काका भी पहुंचे। तिरुपति शाखा के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजपुरोहित, अनिल गौड़, महामंत्री, शैलेंद्र दधीच, कोषाध्यक्ष सहित समस्त तिरुपति टीम ने आयोजन को सफल बनाने में अपना योगदान दिया।
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(Udaipur Kiran)