– वर्ष 2010 में सुकमा के ताड़मेटला की घटना में 76 जवान हुए थे शहीद
नारायणपुर, 15 जनवरी (Udaipur Kiran) । छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में चलाये जा रहे नक्सल उन्मूलन अभियान में बड़ी सफलता मिली है। पुलिस ने करीब 14 साल पहले सुकमा में हुए नक्सली हमले में 76 जवानों की शहाद की घटना में शामिल रहे चार कुख्यात नक्सलियों का आत्मसमर्पण कराने में सफलता प्राप्त की है। चार नक्सलियों पर कुल 32 लाख का इनाम था। इस दौरान मौजूद अधिकारियों ने आत्म समर्पण करने वाले नक्सलियों को प्रोत्साहन राशि के तौर पर 25-25 हजार रुपये के चेक भी सौंपे।
नारायणपुर के पुलिस अधीक्षक प्रभात कुमार ने बताया कि आत्मसमर्पित नक्सलियाें में गांधी ताती उर्फ अरब उर्फ कमलेश (35 ) निवासी ग्राम कोरसागुड़ा थाना बासागुड़ा जिला बीजापुर माड़, डिवीजन संयुक्त मोर्चा प्रभारी तथा पूर्व नेलनार एरिया कमेटी प्रभारी, मैनू उर्फ हेमलाल कोर्राम डीवीसीएम, पूर्व बस्तर डिवीजन आमदाई एरिया कमेटी सदस्य, रंजीत लेकामी उर्फ अर्जुन एवं कोसी उर्फ काजल उर्फ कविता पति रंजीत लेकामी शामिल हैं। इन सभी पर आठ-आठ लाख का इनाम घोषित था।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि आत्मसमर्पित नक्सली अरब उर्फ कमलेश नेलनार क्षेत्र के 50 से अधिक गांवों में पिछले 8 सालों से आतंक का पर्याय रहा। अरब उर्फ कमलेश 6 अप्रैल 2010 में सुकमा ताड़मेटला घटना में 76 जवानों के बलिदान की घटना में शामिल रहा था। वहीं हेमलाल वर्ष 2021 के बुकिन्नतोर आईडी ब्लाॅस्ट की घटना में भी शामिल था। इस घटना में पांच जवान बलिदान हुए थे। आत्मसमर्पित नक्स्ली अर्जुन उर्फ़ रंजित 2018 की इरपानार एम्बुश की घटना को अंजाम दिया था। इस घटना में भी पांच जवान बलिदान हुए थे। आत्मसमर्पित नक्सली जिला नारायणपुर, बीजापुर, सुकमा एवं सीमावती जिले/राज्य के 40 से अधिक बड़ी एवं छोटी नक्सल वारदात में शामिल रहा था।
उन्होंने बताया कि क्षेत्र में लगातार पुलिस कैम्प खुलने एवं आक्रामक नक्सल विरोधी अभियान संचालित होने से ग्रामीणाें में पुलिस के प्रति विश्वास बढ़ा है। उक्त आत्मसमर्पित चारों नक्सलियों ने बातचीत में बताया कि नक्सल संगठन के कई सदस्य भी वर्तमान में आत्मसमर्पण करना चाह रहे हैं लेकिन शीर्ष कैडर के दबाव के चलते वे पुलिस से संपर्क नहीं कर पा रहे हैं।
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(Udaipur Kiran) / राकेश पांडे