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(अपडेट) बलूचिस्तान में ट्रेन हाईजैक : 214 यात्री बंधक, 30 से अधिक सैनिक मारे गए

पाकिस्तान में ट्रेन हाईजैक की तस्वीर
पाकिस्तान में ट्रेन हाईजैक की तस्वीर

-एयर स्ट्राइक की तैयारी में पाकिस्तान

-बीएलए ने बलूच कैदियों की रिहाई के लिए पाक सरकार को दिया 48 घंटे का अल्टीमेटम

क्वेटा, 11 मार्च (Udaipur Kiran) । पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में बलूच रिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने मंगलवार को एक पैसेंजर ट्रेन पर हमला कर उसको अपने कब्जे में ले लिया। इस हमले में 30 से अधिक सैनिक मारे गए हैं और कई अन्य घायल हुए हैं। ट्रेन क्वेटा से पेशावर जा रही थी। जाफर एक्सप्रेस पर हमला कर बीएलए ने 214 यात्रियों को बंधक बना लिया है। बीएलए ने पाकिस्तान सरकार को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि पाक सेना ने उनके खिलाफ कोई कार्रवाई की तो सभी बंधकों को मार दिया जाएगा।

क्वेटा से पेशावर जा रही इस 9 कोच वाली ट्रेन में लगभग 500 यात्री सवार थे। हमलावरों ने ट्रेन को एक सुरंग में विस्फोट और गोलीबारी के माध्यम से रोका, जिससे ट्रेन चालक घायल हो गया। बीएलए ने दावा किया है कि उन्होंने 30 से अधिक सैन्य कर्मियों को मार दिया है और यदि सैन्य हस्तक्षेप जारी रहा तो बंधकों को मारने की धमकी दी है। फिलहाल यह ट्रेन हाईजैक के बाद करीब सात घंटे से सुरंग के पास खड़ी है।

बीएलए की ओर से जारी एक बयान में पाकिस्तान की शहबाज सरकार को अल्टीमेटम दिया गया है कि यदि उनके खिलाफ एयरस्ट्राइक जारी रही, तो अगले एक घंटे में सभी बंधकों की हत्या कर दी जाएगी। संगठन ने दावा किया कि इस हमले के दौरान उसने एक पाकिस्तानी सैन्य ड्रोन को भी मार गिराया है। वहीं, पाकिस्तान की सेना और पुलिस की ओर से अभी तक इस घटना पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। हालांकि, सुरक्षा एजेंसियां इस संकट से निपटने के लिए आपात बैठक कर रही हैं।

सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान सेना ने बीएलए से निपटने के लिए हवाई हमलों की तैयारी कर ली है और विशेष बलों को तैनात कर दिया गया है। वहीं, बीएलए ने पाकिस्तान सरकार को 48 घंटे का अल्टीमेटम देते हुए अपने कैदियों की अदला-बदली की मांग की है। संगठन ने कहा कि यदि बलूच कैदियों और जबरन गायब किए गए लोगों को तुरंत रिहा नहीं किया गया, तो पाकिस्तान को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।

बीएलए का कहना है कि उसने आठ घंटे की भीषण झड़प के दौरान पाकिस्तानी सेना को भारी नुकसान पहुंचाया है। संगठन का दावा है कि बलूचिस्तान में पाकिस्तान की सुरक्षा एजेंसियों की मौजूदगी पूरी तरह से अस्वीकार्य है और उन्हें तुरंत हटाया जाना चाहिए। इसके अलावा, बीएलए ने चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (सीपीईसी) प्रोजेक्ट को भी बंद करने की मांग की है।

वहीं, पाकिस्तानी अधिकारियों ने इस घटना की जांच शुरू कर दी है और सिबी तथा सिविल अस्पताल क्वेटा में आपातकाल घोषित किया गया है। सरकार ने कहा है कि वे बंधकों की सुरक्षित रिहाई के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रहे हैं।

बतादें कि बीएलए लंबे समय से बलूचिस्तान की आजादी की मांग करता रहा है। यह संगठन पाकिस्तान पर आरोप लगाता है कि वह बलूच समुदाय के प्राकृतिक संसाधनों का शोषण कर रहा है और वहां मानवाधिकारों का उल्लंघन कर रहा है। संगठन ने कई बार चीन और पाकिस्तान की संयुक्त परियोजनाओं को निशाना बनाया है, खासकर सीपीईसी को, जिसे बीजिंग और इस्लामाबाद दोनों के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।

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(Udaipur Kiran) / आकाश कुमार राय

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