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(अपडेट) राजस्थान के 85 रेलवे स्टेशनों को ‘अमृत भारत योजना’ में किया जा रहा विकसितः अश्विनी वैष्णव

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रेल मंत्री ने किया जोधपुर रेलवे स्टेशन के पुनर्निर्माण कार्यों का निरीक्षण

जोधपुर, 5 मई (Udaipur Kiran) । केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोमवार को अपने संक्षिप्त जोधपुर दौरे के दौरान जोधपुर सिटी रेलवे स्टेशन पर चल रहे पुनर्विकास कार्यों का निरीक्षण किया। उन्होंने स्टेशन के पुनर्निर्माण से जुड़ी परियोजनाओं, यात्री सुविधाओं और संरचनात्मक बदलावों की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने कहा कि राजस्थान के 85 रेलवे स्टेशनों को ‘अमृत भारत योजना’ में विकसित किया जा रहा है।

इस दौरान उन्होंने मीडिया से कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय रेलवे एक नया इतिहास रच रही है। मोदी सरकार आने वाले 50 वर्षों को ध्यान में रखते हुए रेलवे के ढांचे का व्यापक पुनर्निर्माण कर रही है। बीते दस वर्षों में राजस्थान में 3,784 किलोमीटर नई रेलवे पटरियां बिछाई गई हैं जो डेनमार्क जैसे समृद्ध देश की कुल रेल नेटवर्क के बराबर है। प्रदेश में रेलवे का शत-प्रतिशत विद्युतीकरण पूरा हो चुका है और 85 रेलवे स्टेशनों को ‘अमृत भारत स्टेशन योजना’ के तहत आधुनिक रूप दिया जा रहा है।

निरीक्षण के दौरान मंत्री ने मंडल रेल प्रबंधक अनुराग त्रिपाठी से स्टेशन डिज़ाइन में जोधपुर की सांस्कृतिक धरोहर को शामिल करने के बारे में जानकारी ली। डीआरएम ने बताया कि पुरानी इमारत के क्लॉक टावर को नई बिल्डिंग में समाहित किया गया है और उसका मूल स्वरूप बरकरार रखा जाएगा। स्टेशन पर फ्लाईओवर जैसी एंट्री सुविधा, बेहतर पार्किंग, यात्री प्रतीक्षा स्थल और आधुनिक स्टॉल्स विकसित किए जा रहे हैं। पहले के दौर में स्टेशनों के सुधार को केवल रंगरोगन तक सीमित रखा जाता था। अब ‘अमृत भारत स्टेशन योजना’ के तहत देशभर के स्टेशनों का कायाकल्प किया जा रहा है। उन्होंने मज़ाकिया लहजे में कहा कि अब जोधपुर का मिर्ची बड़ा और गुलाब जामुन भी स्टेशन पर आसानी से मिलेगा।

इस दौैरान रेल मंत्री ने स्टेशन पर मौजूद यात्रियों से बातचीत कर सुविधाओं की जानकारी ली। जैसलमेर निवासी एक यात्री ने लिफ्ट बंद होने की शिकायत की, जिस पर मंत्री ने तुरंत मंडल रेल प्रबंधक को निर्देश दिए कि समस्या का त्वरित समाधान किया जाए। निरीक्षण से पूर्व रात की बारिश के कारण स्टेशन के मुख्य प्रवेश द्वार पर पानी भर गया था, जिससे प्रशासन को वैकल्पिक रास्ते से मंत्री को स्टेशन तक लाना पड़ा। जल निकासी के लिए मोटरयुक्त ट्रैक्टर की मदद ली गई, हालांकि दौरे के दौरान यह कार्य पूरा नहीं हो सका।

(Udaipur Kiran) / सीपी सिंह

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