
गांधीनगर, 1 जनवरी (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की अध्यक्षता में बुधवार को गांधीनगर में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में उत्तर गुजरात को 2025 के पहले दिन बनासकांठा जिले का विभाजन कर दो जिले बनाने की घोषणा की गई।
तहसीलों की संख्या की दृष्टि से बनासकांठा राज्य का सबसे बड़ा जिला है, जिसमें 14 तहसीलें शामिल हैं। यह जिला क्षेत्रफल की दृष्टि से भी दूसरा सबसे बड़ा जिला है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने आबादी, क्षेत्रफल और तहसीलों का बोझ कम करने तथा लोगों तक सुगमतापूर्वक सरकारी सुविधाएं पहुंचाने के उद्देश्य से बनासकांठा जिले का विभाजन कर वाव-थराद और बनासकांठा नाम से दो जिले बनाने की घोषणा की है।
राज्य सरकार के प्रवक्ता मंत्री ऋषिकेशभाई पटेल ने नए गठित होने वाले वाव-थराद जिले के बारे में कहा कि मौजूदा बनासकांठा जिले की 14 तहसीलों में से नए बनने वाले वाव-थराद जिले में वाव, भाभर, थराद, धानेरा, सुईगाम, लाखणी, दियोदर और कांकरेज सहित कुल 8 तहसीलों और भाभर, थराद, थरा और धानेरा सहित कुल 4 नगर पालिकाओं का समावेश होगा। वहीं, अब बनासकांठा जिले में पालनपुर, दांता, अमीरगढ़, दांतीवाड़ा, वड़गाम और डीसा सहित कुल 6 तहसीलों और पालनपुर और डीसा सहित 2 नगर पालिकाओं का समावेश रहेगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने जिले का विभाजन इस प्रकार से करने के निर्देश दिए हैं जिससे दोनों जिलों में गांवों की संख्या लगभग समान यानी 600 के आसपास रहे। प्रवक्ता मंत्री ने कहा कि इन दो नए जिलों के गठन से सरकार की ओर से प्राप्त होने वाले अनुदान या धनराशि में बढ़ोतरी होगी जिससे बनासकांठा की जनता की ढांचागत और मानव विकास सुविधाओं में वृद्धि होगी।
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(Udaipur Kiran) / बिनोद पाण्डेय
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