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(अपडेट) उत्तराखंड के माणा क्षेत्र में हुए हिमस्खलन में फंसे 32 श्रमिकों का हुआ रेस्क्यू , 25 की तलाश जारी

आपदा परिचालन केंद्र देहरादून में अधिकारियाें से चर्चा करते मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी।
हिमस्खलन में फंसे श्रमिक का रेस्क्यू करते जवान।

-केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी लगातार ले रहे अपडेट

देहरादून, 28 फ़रवरी (Udaipur Kiran) । उत्तराखंड के चमोली जिले के बदरीनाथ से करीब 6 किमी दूर माणा क्षेत्र में हुए भारी हिमस्खलन में फंसे 32 श्रमिकों का सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया है जबकि 25 श्रमिकों की तलाश अभी भी जारी है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी लगातार घटना पर नजर रखे हुए हैं। वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी रेस्क्यू अभियान की सीधी निगरानी कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि एमआई-17 से रेस्क्यू के लिए वायु सेना को पत्र भेजा गया है। उन्होंने कहा कि सभी श्रमिकों को सुरक्षित निकालना सरकार की प्राथमिकता है।

मुख्यमंत्री धामी ने जानकारी दी कि मौसम खराब होने और विजीबिलिटी कम होने के कारण हेलीकॉप्टर के जरिए राहत और बचाव कार्यों में बाधा आ रही है। उन्होंने बताया कि भारतीय सेना आर आईटीबीपी के 65 जवान घटनास्थल पर राहत और बचाव कार्यों में जुटे हैं। उन्होंने बताया कि स्नो एक्सपर्ट्स की भी मदद ली जा रही है। मुख्यमंत्री ने बताया कि कुल 57 श्रमिकों में से अब तक 32 का सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया है और शेष 25 की तलाश के लिए युद्धस्तर राहत और बचाव कार्य किए जा रहे हैं।

गौरतलब है कि चमोली जिले के सीमावर्ती माणा गांव के समीप सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के कराये जा रहे निर्माण कार्य के दौरान भारी हिमस्खलन के कारण ठेकेदार के 57 श्रमिक दब गए थे।

इस संबंध में मुख्यमंत्री ने आपदा कंट्रोल रूम में अधिकारियों की बैठक भी ली। इस दौरान जिलाधिकारी चमोली संदीप तिवारी से राहत और बचाव कार्यों की जानकारी लेने के साथ ही मुख्यमंत्री ने रेस्क्यू में तेजी लाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव मुख्यमंत्री शैलश बगौली, आयुक्त गढ़वाल मण्डल विनय शंकर पाण्डेय, सचिव आपदा प्रबन्धन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन, आईजी एसडीआरएफ रिद्धिम अग्रवाल व अन्य अधिकारियों के साथ श्रमिकों के सुरक्षित रेस्क्यू की रणनीति पर चर्चा की। बैठक में यूएसडीएमए के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी-क्रियान्वयन डीआईजी राजकुमार नेगी, वित्त नियंत्रक अभिषेक आनन्द, संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी मोहम्मद ओबैदुल्लाह अंसारी, यूएलएमएमसी के निदेशक शांतनु सरकार आदि मौजूद थे।

एनडीआरएफ की चार टीमें रवाना-

एनडीआरएफ की चार टीमें भी राहत और बचाव कार्यों के लिए रवाना कर दी गईं हैं। ये चार टीमें रुद्रप्रयाग, हरिद्वार और देहरादून से रवाना की गई हैं।

ड्रोन भी भरेंगे उड़ान, लोकेशन पता करने में करेंगे मदद-

आईजी एसडीआरएफ रिद्धिम अग्रवाल ने बताया कि एसडीआरएफ के जवान रवाना कर दिए गए हैं। इसके साथ ही ड्रोन की एक टीम तैयार की है, जिससे वहां के हालात की जानकारी मिल सके और उनकी लोकेशन की जानकारी मिल सके। जिला प्रशासन के स्तर से आपदा प्रबन्धन विभाग के ड्रोन के साथ ही निजी ड्रोन की सेवाएं ली जा रही हैं।

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(Udaipur Kiran) / Vinod Pokhriyal

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