CRIME

यूपी एसटीएफ ने मुरादाबाद से  कुख्यात फरार आरोपित फहीम एटीएम काे दबाेचा

कुख्यात फरार  आरोपित अपराधी फहीम एटीएम

यूपी डीजीपी ने फहीम की गिरफ्तारी हेतु स्पेशल टास्क फोर्स उप्र को दी थी जिम्मेदारी

मुरादाबाद, 02 नवम्बर (Udaipur Kiran) । यूपी एसटीएफ ने शनिवार को मुरादाबाद से कुख्यात फरार आरोपित अपराधी फहीम एटीएम को मुरादाबाद के थाना गलशहीद क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया। फहीम पर 2.5 लाख रुपये का इनाम था। उसे उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड के अलावा कर्नाटक, हरियाणा, राजस्थान, गोवा, महाराष्ट्र की पुलिस तलाश कर रही थी। इन राज्यों में फहीम पर 66 मुकदमें दर्ज हैं। आरोपित एटीएम दो बार पुलिस कस्टडी तक से फरार हो चुका है। स्पेशल टास्क फोर्स द्वारा जारी प्रेस नोट के अनुसार उसके कब्जे से एक तमंचा, एक कारतूस के अलावा 10,670 रुपये भी बरामद किए गए हैं। 29 मई 2023 को सीतापुर जेल से तीन माह की पैरोल पर छूटने के बाद से फरार चल रहे फहीम ने फरारी के दौरान आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, छत्तीसगढ़ और गोवा में लूट की कई वारदात को अंजाम दिया था।

मुरादाबाद जिले के थाना कांठ क्षेत्र के उमरी कलां निवासी फहीम एटीएम को हत्या के एक मामले में 5 मई 2022 को बिजनौर जेल से मुरादाबाद कोर्ट में पेशी पर लाया गया था। कोर्ट से लौटते समय फहीम ने पुलिस से पाकबड़ा स्थित अपने एक रिश्तेदार के मकान पर उसकी पत्नी से मिलवाने का अनुरोध किया। पुलिस की सहानुभूति का फायदा उठाकर उसने मौके का लाभ उठाया और पुलिसकर्मियों को शराब पिलाकर कमरे का दरवाजा बाहर से बंद कर भाग गया था। जिसके बाद मुरादाबाद के तत्कालीन वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने उस 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया, जिसे तत्कालीन डीआईजी ने बढ़ाकर 50 हजार रुपये कर दिया। इसके बाद भी सफलता नहीं मिलने पर बरेली जोन के तत्कालीन एडीजी ने इनाम राशि को बढ़ाते हुए 1 लाख रुपये का इनाम घोषित किया। यह राशि बाद में 2.5 लाख रुपये तक पहुंच गई।

उच्च न्यायालय में प्रचलित प्रकरण के क्रम में पुलिस महानिदेशक द्वारा फहीम की गिरफ्तारी हेतु यूपी स्पेशल टास्क फोर्स को जिम्मेदारी दी गई। जिसके क्रम में अपर पुलिस महानिदेशक, एसटीएफ उप्र के निर्देशानुसार वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एसटीएफ द्वारा 4 टीमों का गठन किया गया था, जिसमें अब्दुल कादिर, अपर पुलिस अधीक्षक एसटीएफ फील्ड इकाई बरेली के पर्यवेक्षण में निरीक्षक राकेश कुमार सिंह चौहान, उपनिरीक्षक धूम सिंह, मख्य आरक्षी हरिओम, मनोज कुमार व आरक्षी राहुल सिंह की टीम द्वारा लगातार अभिसूचना संकलन की कार्यवाही की जा रही थी। 1 नवम्बर को इंस्पेक्टर राकेश कुमार सिंह चौहान की टीम ने मुखबिर की सूचना पर फहीम एटीएम को मुरादाबाद के थाना गलशहीद क्षेत्र में सम्भल चौराहे के पास टांडा अड्डा से गिरफ्तार कर लिया।

मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर भेज दिया था बिजनौर जेल

पुलिस ने 17 जून 2022 को फहीम को मुठभेड़ के दौरान पकड़ा और फिर उसे बिजनौर जेल भेज दिया गया। इसके बाद उसे प्रशासनिक आधार पर सीतापुर जेल स्थानांतरित किया गया। मई 2023 में फहीम ने खुद को बीमार बताकर इलाज के लिए हाईकोर्ट में पैरोल की अर्जी दाखिल की। अदालत ने उसे तीन माह की सशर्त पैरोल दे दी। मगर जेल से बाहर आते ही फहीम ने फरारी की राह पकड़ ली।

फरारी के दौरान आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र में लूट की वारदातों को दिया अंजाम :

फहीम ने फरारी के दौरान आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, छत्तीसगढ़ गोवा और महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में अपराध किए। उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस की टीमें लगातार विभिन्न शहरों में दबिश दे रही थीं। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि फहीम की गिरफ्तारी से कई गंभीर मामलों का खुलासा होगा और उसके फरारी के दौरान किए गए अपराधों की जांच भी शुरू कर दी गई है।

फहीम की 70 लाख रुपये की संपत्ति कुर्क कर सील की गई थी

मुरादाबाद के जिलाधिकारी के आदेश पर पुलिस और राजस्व टीम ने गैंगस्टर फहीम एटीएम की 70 लाख रुपये की संपत्ति को कुर्क कर उसे सील किया था। प्रशासन की इस कार्रवाई के बाद हड़कंप मचा हुआ था। हिस्ट्रीशीटर फहीम का नाम मुरादाबाद जिले की टॉप टेन कुख्यात आपराधिक लिस्ट में अव्वल है।

फहीम बोला, गिरफ्तारी से बचने के लिए अलग-अलग राज्यों में करता था घटनाएं

गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में फहीम एटीएम ने बताया कि वह जिला कारागार, सीतापुर से पैरोल मिलने के बाद फरार हो गया था व बैंगलोर, छत्तीसगढ, आंध्र प्रदेश में सक्रिय रहकर घरों में घुसकर डकैती व नकदी लूट, आभूषण चोरी की घटनाओं को अंजाम दे रहा था। फहीम पुलिस की गिरफ्त में आने से बचने के लिए घटनाओं को अलग-अलग राज्यों के अलग-अलग शहरों में डकैती और चोरी की घटनाओं अंजाम दिया करता था। उसने बताया कि छत्तीसगढ़ में चोरी के बाद वह आन्ध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में चला गया, इसके बाद कर्नाटक के बैंगलुरु में जाकर डकैती और चोरी की घटनाओं को अंजाम दिया ताकि पुलिस की गिरफ्त में आने से बच सके।

(Udaipur Kiran) / निमित कुमार जयसवाल

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