

धमतरी, 26 मई (Udaipur Kiran) । लगातार बेमौसम वर्षा से रबी की तैयार हो रही फसल को काफी नुकसान पहुंचा है। इससे किसान मायूस हैं। किसी के खेत में धान की फसल गिर गई है तो किसी की फसल खराब हो गई है। किसानों की समस्या को लेकर छग किसान यूनियन धमतरी ने जिला प्रशासन से मांग की है कि बर्बाद हुई फसल का किसानों को मुआवजा दिया जाए।
26 मई को कलेक्ट्रेट पहुंचे छत्तीसगढ़ किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष घनाराम साहू, महिपाल साहू, रामनिहोरा निषाद, ज्ञानीराम, पुनूलाल, मनहरण साहू ने कहा कि असमय लगातार वर्षा, हवा, तूफान से धान की फसल चटाई की तरह बिछ गई है। किसान कटाई मिंजाई नहीं कर पा रहे हैं। धान फसल बर्बाद हो चुकी है, साथ ही बहुत से किसानों ने उड़द मूंग की फसल लगाए हुए उनकी फसल भी बर्बाद हो चुकी है। रबी फसल धान की खरीदी समर्थन मूल्य पर राज्य सरकार द्वारा की जाए। मंडियों में समर्थन मूल्य से नीचे बोली लगाने पर रोक की मांग की है। ग्रीष्मकालीन में किसानों ने धान की फसल लगाई है। मंडियों में ले जाकर बेच रहे हैं। धान का निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य 2300 रुपये है लेकिन व्यापारियों द्वारा किसानो की धान की बोली 1700 व 1800 रुपये में लगाई जा रही है जो काफी कम है। किसान अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं, क्योंकि धान की खेती में बहुत ज्यादा लागत लगती है। इस कीमत पर बेचने पर किसानों को काफी नुकसान हो रहा है। राज्य सरकार किसानों के धान को समर्थन मूल्य की दर पर खरीदे और मंडियों में समर्थन मूल्य की नीचे बोली लगाने वालों पर रोक लगाकर किसानों को उचित कीमत दिलवाई जाए। समर्थन मूल्य पर सरकार द्वारा खरीदी गई चना फसल का भुगतान जिन-जिन किसानों का बाकी है बिना विलंब तत्काल किया जाए। सोसाइटियों में खाद की व्यवस्था की जाए।
किसान सुदर्शन सिंह ठाकुर, जितेंद्र कुमार, प्रेमलाल साहू महानदी में हो रहे रेत उत्खनन को तत्काल बंद किया जाए। जिले के अधिकांश गांव में लगातार रेत का भारी पैमाने में उत्खनन हो रहा है और निकालकर अन्य जिलों में व अन्य प्रदेशों में बेचा जा रहा है जिनके कारण से पूरी तरह महानदी की रेत लगभग खाली हो चुकी है। इसके परिणाम स्वरूप आसपास के गांव में ट्यूबवेल का जलस्तर काफी नीचे जा चुका है। किसानों को खेती-बाड़ी करने में काफी परेशानी हो रहा है। आम जनता को भी पीने के पानी के लिए परेशान होना पड़ रहा है। ऐसे ही महानदी में रेत का दोहन होते रहेगा तो नीचे का जल स्तर पूरी तरह से समाप्त हो जाएगा।
(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा
