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उन्नाव दुष्कर्म केस : स्वास्थ्य आधार पर कुलदीप सेंगर की सजा 20 दिसंबर तक निलंबित 

दिल्ली हाई कोर्ट फाइल फोटो

नई दिल्ली, 10 दिसंबर (Udaipur Kiran) । दिल्ली हाई कोर्ट ने उन्नाव दुष्कर्म पीड़ित के पिता की हिरासत में मौत के मामले में भाजपा के पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की स्वास्थ्य के आधार पर 20 दिसंबर तक सजा को निलंबित कर दिया है। जस्टिस मनोज कुमार ओहरी की बेंच ने स्वास्थ्य के आधार पर कुलदीप सिंह सेंगर की सजा को 20 दिसंबर तक के लिए अंतरिम रूप से निलंबित किया है।

सेंगर की ओर से पेश वकील कन्हैया सिंघल ने कहा कि डिवीजन बेंच ने सेंगर को दुष्कर्म के मामले में अंतरिम जमानत दी थी लेकिन वो रिहा नहीं हो सकते हैं क्योंकि उन्हें उन्नाव दुष्कर्म पीड़ित के पिता की हिरासत में मौत के मामले में भी सजा हुई है। सिंघल ने कहा कि ट्रायल कोर्ट की ओर से मिली सजा में से सेंगर आधी से ज्यादा सजा काट चुके हैं। सेंगर की याचिका का पीड़ित की ओर से पेश वकील महमूद प्राचा ने विरोध करते हुए कहा कि उन्हें याचिका की प्रति उपलब्ध नहीं करायी गई है। तब कोर्ट ने कहा कि स्वास्थ्य के आधार पर जमानत में दो बेंच की अलग-अलग राय कैसे हो सकती है। तब सीबीआई की ओर से कहा गया कि डिवीजन बेंच का आदेश सीमित था। वो केवल सेंगर के स्वास्थ्य की पड़ताल करने के लिए था, इलाज के लिए नहीं।

पांच दिसंबर को जस्टिस प्रतिभा सिंह की अध्यक्षता वाली बेंच ने कुलदीप सिंह सेंगर की प्राथमिक जांच के लिए दो हफ्ते की अंतरिम जमानत दी थी। कोर्ट ने कहा था कि सेंगर को 6 दिसंबर को तीन-चार दिनों के लिए भर्ती किया जाएगा ताकि उनकी बीमारियों का इलाज हो सके।

सेंगर ने ट्रायल कोर्ट के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी है जो अभी लंबित है। 16 दिसंबर 2019 को तीस हजारी कोर्ट ने दुष्कर्म पीड़ित के पिता की हिरासत में हत्या के मामले में कुलदीप सिंह सेंगर को दस साल की कैद की सजा सुनाई थी। तीस हजारी कोर्ट ने सेंगर पर दस लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था। तीस हजारी कोर्ट ने सेंगर समेत सभी सातों आरोपितों को भी दस-दस साल की कैद और दस-दस लाख के जुर्माने की सजा सुनाई थी।

दुष्कर्म पीड़ित के पिता की न्यायिक हिरासत में 9 अप्रैल 2018 को मौत हो गई थी। 4 जून 2017 को पीड़ित ने जब कुलदीप सेंगर पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था, उसके बाद कुलदीप सिंह सेंगर के भाई अतुल सिंह और उसके साथियों ने पीड़ित के पिता को बुरी तरह पीटने के बाद पुलिस को सौंप दिया था। पीड़ित के पिता को जेल में शिफ्ट करने के कुछ ही घंटों बाद जिला अस्पताल में उनकी मौत हो गई थी।

बीस दिसंबर 2019 को पीड़ित से दुष्कर्म के मामले में तीस हजारी कोर्ट ने सेंगर को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। कोर्ट ने उम्रकैद के अलावा 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। जुर्माने की इस रकम में से 10 लाख रुपये पीड़ित को देने का आदेश दिया था। तीस हजारी कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ भी कुलदीप सिंह सेंगर ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की है।

(Udaipur Kiran) /संजय

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(Udaipur Kiran) / वीरेन्द्र सिंह

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