कानपुर, 09 जनवरी (Udaipur Kiran) । जैव विज्ञान और जैव प्रौद्योगिकी विषयों पर शोध कर रहे छात्र-छात्राओं के लिए यह सुनहरा मौका है। शोधकर्ता नयी तकनीकों के जरिये अपने शोध को और भी बेहतर तरीके से कर सकते है। जैव विज्ञान और तकनीकी को साथ जोड़ा जाए तो इसका परिणाम बेहतर से बेहतर आएगा और छात्रों के लिए इस क्षेत्र में असीम संभावनाएं हैं। यह गुरुवार को सीएसजेएमयू में आयोजित अन्तरराष्ट्रीय संगोष्ठी में कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक ने कही।
छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय (सीएसजेएमयू) के स्कूल ऑफ लाइफ साइंसेज एंड बायोटेक्नोलॉजी विभाग द्वारा एडवांसेस इन लाइफ साइंसेज विषय पर तीन दिवसीय इंटरनेशनल संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी का उद्घाटन आईआईटी कानपुर के प्रो. एस गणेशन व कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक ने किया। कार्यक्रम के जरिये जैव विज्ञान और जैव प्रौद्योगिकी में बढ़ रहे अवसर के बारे में छात्र-छात्राओं को बदलते हुए समय के साथ शोध की गुणवत्ता में आए सुधारों और नई तकनीकों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गयी। आगे उन्होंने बताया कि जैव प्रौद्योगिकी और जीवन विज्ञान की विभिन्न विधाओं में कुशल छात्रों के लिए स्टार्टअप मेक इन इंडिया और दुनिया भर में असीम संभावनाएं हैं। जैव विज्ञान और तकनीक को एक साथ जोड़ दिया जाए तो परिणाम बेहतर से बेहतर होगा।
संगोष्ठी में 100 से अधिक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतिभागियों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया। इस सत्र में 10 से अधिक मौखिक प्रेजेंटेशन प्रतिभागियों ने विभिन्न शोध विषयों पर पैनल के समक्ष प्रस्तुत किए। संगोष्ठी का समन्वयन डॉ. आरके शर्मा एवं सहसमन्वयन डॉ. अजय कुमार पांडेय, डॉ. गौरव कुमार और डॉ. दीपेश कुमार वर्मा द्वारा किया गया। संगोष्ठी में विभाग के सभी शिक्षक गण एवं छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।
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(Udaipur Kiran) / Rohit Kashyap