Uttar Pradesh

बुंदेलखंड की अनोखी परंपरा, जहां महामारी के प्रकोप से बचने के लिए आज भी निकाली जाती है शोभा यात्रा

माता

जालौन, 14 सितंबर (Udaipur Kiran) । आपदा एवं महामारी से बचने के लिए बुंदेलखंड के कोंच नगर में हर तीसरे साल बड़े ही धूमधाम से माँ हुलका देवी की बड़ी पूजा की जाती है और यह सिलसिला देश की आजादी से पूर्व साल 1913 से लगातार जारी है। इस अनोखी पूजा पर लोगों का विश्वास बना हुआ है। तभी आपदा पर आस्था भारी देखी जा रही है और उमड़ता जन सैलाब आस्था को प्रत्येक आने वाली पूजा पर मजबूत करता चला जा रहा है। लोगों का विश्वास है कि माँ की कृपा से हमारे क्षेत्र में कोई भी महामारी नहीं आ सकती और आज भी बड़ी पूजा के बाद नगर में इस शोभा यात्रा को निकाला गया।

माँ हुलका देवी की बड़ी पूजा तीन वर्ष में निकाली जाती है यह शोभायात्रा मुहल्ला मालवीय नगर स्थित लाला हरदौल मन्दिर से प्रारम्भ होकर मुख्य मार्ग बजरिया पॉवर हाउस अमरचंद्र इंटर कालेज स्टेट बैंक चन्दकुआँ चौराहा से सागर चौकी होते हुए रेलवे क्रासिंग मार्कण्डेश्वर तिराहा से उरई रोड स्थित प्राचीन माँ हुलका देवी मन्दिर के लिए निकलती है। जिसमें लाला हरदौल मन्दिर पर विधि विधान पूर्वक पूजन अर्चन कर माता के डोला को भक्तों द्वारा धारण कर शोभायात्रा के रूप में निकाला गया। इस दौरान स्त्री एवं पुरुष बच्चे और बहनों में आस्था का सैलाब देखा गया, जो माता के करुणामय रस में भाव विभोर होकर अविरल अश्रु धारा लिए माँ की वदाई के लिए शोभायात्रा में चल रहे थे और भारी मन एवं करुण क्रंदन के साथ माता के जयकारों से आसमान गुंजायमान कर रहे थे। शोभायात्रा में ऐसा प्रतीत हो रहा था कि नगर के साथ-साथ सम्पूर्ण क्षेत्र उमड़ पड़ा, जिसमें माताएं अपने बालों को खोलकर नंगे पैर माँ के डोला के साथ चल रहीं थीं।

मान्यता है कि महिलाएं रेलवे क्रासिंग तक ही माता को विदाई देतीं हैं। इसके उपरांत द्रवित मन से अपने घरों को वापस उनका आशीर्वाद लेकर लौट जाती हैं। आपदा पर आस्था का जन सैलाब जब इतना भारी है तो लोगों का विश्वास है कि माता की कृपा से दैवीय आपदा नगर व क्षेत्र में आ ही नहीं सकती।

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(Udaipur Kiran) / विशाल कुमार वर्मा

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