Uttrakhand

जनरल बिपिन रावत की स्मृतियों को जीवित रखने की अनूठी पहल, अतीत से प्रेरणा लेकर भविष्य की ओर डीडीआई

सीडीएस जनरल स्व. बिपिन रावत काे श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए।

देहरादून, 07 दिसंबर (Udaipur Kiran) । देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत की पुण्यतिथि पर उनके योगदान को याद करते हुए देवभूमि विकास संस्थान (डीडीआई) ने एक अनोखी पहल की शुरुआत की है। सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत की देखरेख में यह संस्थान जनरल रावत की यादों को चिर स्थायी बनाने के लिए रचनात्मक कार्यक्रमों की एक शृंखला चला रहा है। रक्तदान शिविरों से लेकर व्याख्यानमाला तक, हर कार्यक्रम में जनरल रावत के प्रति श्रद्धा और उनके योगदान को समर्पित किया गया है। यह पहल जनरल रावत के बलिदान को याद रखने और समाज में सेवा की भावना को बढ़ावा देने का एक सशक्त प्रयास है।

जनरल बिपिन रावत को श्रद्धांजलि

जनरल बिपिन रावत की पुण्यतिथि पर वर्ष 2023 में संस्थान ने कोटद्वार और देहरादून में रक्तदान शिविर, स्वास्थ्य शिविर और स्मृति व्याख्यान कार्यक्रम आयोजित किए। कोटद्वार के कार्यक्रम में उनकी सुपुत्री तारिणी विशेष रूप से उपस्थित रहीं। कार्यक्रम के दौरान जनरल रावत के जीवन पर केंद्रित एक वीडियो ने सभी को भावुक कर दिया। स्वयं त्रिवेंद्र सिंह रावत अपने आंसुओं को रोक नहीं सके।

देहरादून में भव्य आयोजन

दूसरा बड़ा कार्यक्रम नौ दिसंबर 2023 को दून विश्वविद्यालय में आयोजित किया गया। वीरभूमि फाउंडेशन के रक्तदान शिविर में 111 यूनिट रक्त संग्रह किया गया। इस दौरान आयोजित व्याख्यान माला में राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने जनरल रावत के योगदान को याद करते हुए कहा कि उनके पास रक्षा मामलों में अद्वितीय ज्ञान और भारत की रणनीतिक जरूरतों का गहरा अनुभव था। कार्यक्रम में राज्य के प्रमुख नेताओं और समाजसेवियों की गरिमामयी उपस्थिति रही।

स्थायी स्मृतियों का संकल्प

त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि जनरल बिपिन रावत ने उत्तराखंड की धरती से उठकर मां भारती की सेवा की और देश के लिए अपने जीवन का बलिदान दिया। कृतज्ञ राष्ट्र का यह दायित्व है कि उनकी स्मृतियों को संजोकर रखा जाए और आने वाली पीढ़ियों को उनके कृतित्व और व्यक्तित्व से प्रेरित किया जाए।

देवभूमि विकास संस्थान का संकल्प है कि जनरल रावत की स्मृति में इस तरह के रचनात्मक कार्यक्रमों को लगातार जारी रखा जाएगा। वर्ष 2022 और 2023 में आयोजित कार्यक्रमों में समाज के विभिन्न वर्गों से जिस तरह का समर्थन और सहयोग मिला, उससे संस्थान और भी प्रेरित हुआ है।

राष्ट्रभक्ति और सेवा की भावना को प्रोत्साहित करना डीडीआई का उद्देश्य देवभूमि विकास संस्थान (डीडीआई) का उद्देश्य केवल श्रद्धांजलि देना नहीं, बल्कि जनरल रावत की स्मृतियों को स्थायी बनाना और समाज में राष्ट्रभक्ति और सेवा की भावना को प्रोत्साहित करना है। उनकी विरासत को जीवंत रखने के लिए यह प्रयास आने वाले वर्षों में भी जारी रहेगा।

(Udaipur Kiran) / कमलेश्वर शरण

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