Uttrakhand

गोर्खा दशैं-दीपावली महोत्सव में भारत-नेपाल संस्कृति का अनूठा संगम

गोर्खा दशैं-दीपावली महोत्सव की झलकियां।
गोर्खा दशैं-दीपावली महोत्सव की झलकियां।
गोर्खा दशैं-दीपावली महोत्सव की झलकियां।

– पेंबा तमांग-सूबेदार, हॉर्नरी, लेफ्टिनेंट को मिला गोरखा अचीवर अवार्ड तो लीलावती छेत्री को गोरख वृद्धा अवार्ड

देहरादून, 20 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । कृषि एवं सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी की मौजूदगी में रविवार को तीन दिवसीय वार्षिक मेला गोरखा दशै: दीपावली-2024 का समापन हुआ। आखिरी दिन लोगों ने परिवारों के साथ मेले का लुत्फ उठाया। बच्चों और परिवारों के साथ मेला पहुंचे लोगों ने झूलों के साथ गोर्खाली व्यंजनों का जमकर आनंद लिया। गोर्खा दशैं-दीपावली महोत्सव में गोर्खाली समाज के लोगों की उत्साहजनक भागीदारी देखने को मिली। सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ नेपाल की प्रसिद्ध गायक चीज़ गुरूंग का रंगारंग प्रस्तुति के अलावा गोर्खाली व्यंजन- परिधान के स्टाल आकर्षण का केंद्र रहे। गोरखा समुदाय के साथ अन्य समाज ने भी इसमें सम्मिलित होकर गोरखा संस्कृति का सम्मान बढ़ाया।

इस अवसर पर मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि पिछले कई वर्षों से गोर्खा दशैं-दीपावली महोत्सव को वीर गोर्खा कल्याण समिति के लोग भव्य तरीके से मना रहे हैं। इस प्रकार के आयोजन को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। ऐसे आयोजन से युवा पीढ़ी को हमारी संस्कृति को जानने का अवसर मिलेगा। वीर गोर्खा कल्याण समिति के अध्यक्ष कमल थापा ने मुख्य अतिथि मंत्री गणेश जोशी, अतिविशिष्ट अतिथि एवं सभी मेहमानों का धन्यवाद किया। उन्होंने बताया कि गोर्खा दशैं-दीपावली महोत्सव में कला एवं संस्कृति का अनूठा संगम देखने को मिला। विभिन्न जगह से आए कलाकार प्रतिभा का परिचय दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि अनूठी संस्कृति के लिए मशहूर उत्तराखंड के गोर्खाली जन जातीय क्षेत्र की लोक संस्कृति और यहां का पहनावा आधुनिक दौर में भी कायम है। सभी त्योहारों पर पुरुष और महिलाएं अपने परंपरागत पहनावे में ही दिखाई देते हैं। वीर गोर्खा कल्याण समिति के हर आयोजन को सामूहिक रूप में मनाकर ये लोग एकजुटता का प्रदर्शन करते हैं। वीर गोर्खा कल्याण समिति की अनुष्का और सागरिका ने अपने बेहतरीन प्रस्तुति से दर्शक दीर्घा में बैठे सभी दर्शकों का दिल जीत लिया। एक तरफ जहां अनुष्का एंड ग्रुप ने विभिन्न स्थानीय लोक कला के माध्यम से गोरखाली संस्कृति के विभिन रंग, कला, गीतों को दिखाकर लोगो को गोरखाली संस्कृति के बारे मे बताया तो वहीं दूसरी तरफ सागरिका एंड ग्रुप ने अपने नृत्य से लोगो को थिरकने पर मजबूर कर दिया।

समिति के महासचिव विशाल थापा ने कहा कि आज नेपाली (गोर्खाली) संस्कृति के लोकनृत्य और लोकगीत देशभर में प्रसिद्ध हैं। वहीं बोली, रीति-रिवाज, संस्कृति, खानपान, रहन-सहन, वेशभूषा ही नहीं गोर्खाली जनजाति के लोगों के जीवनयापन का अंदाज ही अलग है। तीज, त्योहार हो या शादी-विवाह या फिर कोई भी सांस्कृतिक आयोजन, उसमें हमेशा नेपाली (गोर्खाली) संस्कृति की झलक देखने को मिलती है।

अन्तरराष्ट्रीय लोक गायक चीज़ गुरंग व लोक गायिका निर्जला गुरुंग ने लोगों को थिरकने पर मजबूर कर दिया। अन्तरराष्ट्रीय लोक गायक चीज गुरंग व लोक गायिका निर्जला गुरुंग ने अपनी मखमली आवाज से समां बांधा। उनके सादगी भरे अंदाज ने सबका दिल जीत लिया। चीज़ गुरंग मल्टी टैलेंटेड हैं, वे सिंगर होने के साथ संगीत कंपोजर भी हैं। साथ ही अन्तरराष्ट्रीय लोक गायिका मंदिर मगर थापा ने लोगों को अपनी सुरीली आवाज से मंत्रमुग्ध कर दिया।

मेले में विभिन्न व्यंजनों के स्टाल लगाए गए। गोर्खाली व्यंजन सेलरोट, अरसा, अनारसा, बटुक का लुत्फ लोगों ने उठाया। इसके अलावा बच्चों के लिए झूले और खेल का आनंद लिया। मेले में सेल्फी को लेकर खासा क्रेज देखने को मिला। किसी ने खाने के स्टॉल पर जाकर तो किसी ने झूले और मंच के सामने एलईडी स्क्रीन, पारंपरिक परिधान में गोर्खाली महिलाओं के साथ सेल्फी ली और इंटरनेट मीडिया पर भी साझा किया। इस मौके पर हिन्दी गानों पर उत्तराखंड की जानी मानी लोक गायिका सोनाली राई और नीरज गुरुंग ने गोर्खा खुकुरी दर्शकों के सामने प्रस्तुत की। कार्यक्रम में पेंबा तमांग-सूबेदार, हॉर्नरी, लेफ्टिनेंट को गोरखा अचीवर अवार्ड से सम्मानित किया गया एवं लीलावती छेत्री को गोरख वृद्धा अवार्ड से सम्मानित किया गया।

(Udaipur Kiran) / कमलेश्वर शरण

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