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नागपुर में संघ के कार्यकर्ता विकास वर्ग-द्वितीय का शुभारंभ

संघ के कार्यकर्ता विकास वर्ग का शुभारंभ करते हुए सहसरकार्यवाह आलोक कुमार

नागपुर, 12 मई (Udaipur Kiran) । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता विकास वर्ग-द्वितीय का उद्घाटन आज (सोमवार को) सुबह नागपुर के रेशीमबाग स्थित डॉ हेडगेवार स्मृति भवन परिसर स्थित महर्षि व्यास सभागार में हुआ।

इस अवसर पर संघ के सहसरकार्यवाह एवं वर्ग के पालक अधिकारी आलोक कुमारजी, सहसरकार्यवाह रामदत्त चक्रधरजी तथा वर्ग सर्वाधिकारी एवं पूर्वी उड़ीसा प्रांत के संघचालक समीर कुमार मोहंती ने भारत माता की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर वर्ग का शुभारंभ किया। इस वर्ग में देशभर से 840 शिक्षार्थी सम्मिलित हुए हैं। जम्मू-काश्मिर से भी वर्ग में शिक्षार्थी आए हैं। वर्ग में 40 वर्ष आयु से कम स्वयंसेवक ही अपेक्षित हैं, जिन्होंने संघ के प्रांत एवं क्षेत्र स्तरीय वर्ग प्रशिक्षण को प्राप्त कर लिया है। कुल 25 दिवसीय इस वर्ग का सार्वजनिक समापन 05 जून को होगा। इस प्रशिक्षण वर्ग में सामाजिक जागरूकता एवं सामाजिक परिवर्तन पर प्रशिक्षण दिया जाता है।

आलोक कुमारजी ने देशभर से आए शिक्षार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि कार्यकर्ता विकास वर्ग-द्वितीय ऐसा वर्ग है जो राष्ट्रवाद की भावना जगाता है। यहां शिक्षार्थियों को देश की विविधता की झलक मिलती है। साथ ही, सभी को यह अनुभव होगा कि भारत में विविधता होने के बावजूद मूल विचार एक ही है। इस वर्ग के कठिन परिश्रम से ही सिद्ध कार्यकर्ता उभर कर सामने आते हैं। यहां सभी के लिए भगवा ध्वज ही गुरु है।

उन्होंने कहा कि यह वर्ग बुद्ध पूर्णिमा के पावन अवसर पर प्रारंभ हो रहा है। भारत देश संपूर्ण विश्व में भगवान बुद्ध, गांधीजी और योग के कारण जाना जाता है। इस वर्ग का उद्देश्य कार्यकर्ताओं को एक निश्चित समयावधि में विकसित करना और उनके माध्यम से संगठन के कार्य को बढ़ाना है। कार्यकर्ता धीरे-धीरे विकसित होते हैं और इसी तरह कार्य की गति बढ़ती है। तमिलनाडु, केरल और कई अन्य राज्यों में कार्यकर्ताओं को संघर्ष करना पड़ा और ऐसे स्थिती में भी संगठन का विस्तार हो रहा है।

नागपुर में 1927 को संघ का पहला प्रशिक्षण वर्ग प्रारंभ हुआ था। उसके बाद से हर साल देशभर में सैकड़ों वर्ग आयोजित होते हैं। नागपुर की पावन धरती पर कार्यकर्ता विकास वर्ग-द्वितीय का आयोजन कार्यकर्ताओं के लिए प्रेरणादायी है और वे यहां के संस्कार को लेकर समाज में जाते हैं, ऐसा सहसरकार्यवाह आलोक कुमार ने अपने संबोधन में कहा।

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(Udaipur Kiran) / मनीष कुलकर्णी

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