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केंद्रीय वस्त्र मंत्री गिरिराज सिंह ने टेक्सटाइल उद्यमियों से किया संवाद

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केंद्रीय वस्त्र मंत्री गिरिराज सिंह ने टेक्सटाइल उद्यमियों से किया संवाद

जोधपुर, 28 जुलाई (Udaipur Kiran) । केन्द्रीय वस्त्र मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि टेक्सटाइल उद्योग भारत की प्रगति का आधार स्तम्भ है। हमारे यहां कपास का उत्पादन होता है तो धागा बनने से लेकर वस्त्र बनाने के उद्योग भी लग चुके है। यह बात उन्होंने यहां लघु उद्योग भारती के सभा भवन कक्ष में आयोजित टेक्सटाइल उद्यमियों से संवाद कार्यक्रम में कही।

उन्होंने कहा कि अब तो महंगे वस्त्रों के एक्सक्लूजिव शोरूम लगते जा रहे है क्योंकि जहां एक ओर उत्पादों की संख्या बढ़ रही है वहीं दूसरी ओर देश के नागरिकों की क्रय क्षमता भी तेजी से बढ़ती जा रही है। सिंह ने कहा कि टफ योजना बन्द हो गई है लेकिन इसके स्थान पर नई संशोधित योजना लाई जा रही है। उन्होंने कहा कि गारमेन्ट सेक्टर को बढ़ावा देने से रोजगार की भारी संभावनाएं बनेगी। देश का निर्यात भी बढ़ेगा, विदेशी मुद्रा का अर्जन बढ़ेगा एवं राजस्व में वृद्धि होगी। देश में भारी प्रतिशत में लघु उद्योग है एवं तकनीक का विकास होता जा रहा है। लघु उद्योग भी अपनी तकनीक में सुधार करते हुए उत्पादन की गुणवता में वृद्धि करके लागत कम कर सकते है जिससे उद्योगों के साथ देश का भला होगा। इसलिये लघु उद्योगों को बढ़ावा मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश एवं भारत के श्रमिकों के वेतन दर लगभग समान है। इसलिये भारत के गारमेन्ट उद्योग के विकास की अपार संभावनाएं है। जोधपुर, पाली, बालोतरा के टेक्सटाइल उद्योगों में भी विकास के नये चिन्ह दिखाई दे रहे है।

लाखों श्रमिक नियोजित: गहलोत

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए राज्यसभा सांसद राजेन्द्र गहलोत ने कहा कि टेक्सटाइल उद्योग में लाखों श्रमिक नियोजित है। इस कारण हमारे यहां अकाल के दुर्भिक्ष को हम सहन कर लेते है। उन्होंने प्रदूषण की समस्या के सर्वमान्य हल का सुझाव दिया। लघु उद्योग भारती के प्रदेशाध्यक्ष शांतिलाल बालड ने पॉवरलूम सेक्टर को बढ़ावा देने की मांग की। कार्यक्रम में वस्त्र उद्योग से जुड़े उद्यमियों ने अपने विचार रखें।

(Udaipur Kiran) / सतीश

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