नई दिल्ली, 18 नवंबर (Udaipur Kiran) । दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित 43वें विश्व व्यापार मेले में एक बार फिर परंपरा, क्राफ्ट, कला एवं संस्कृति से सराबोर सरस आजीविका मेला 2024 का आयोजन किया गया है। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा आयोजित और राष्ट्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज संस्थान (एनआईआरडीपीआर) द्वारा समर्थित सरस आजीविका मेला 2024 के मंडप का उद्घाटन आज केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं संचार राज्य मंत्री डॉ. चन्द्र शेखर पेम्मासानी ने किया।
इस मौके पर ग्रामीण विकास मंत्रालय के सचिव शैलेश कुमार सिंह और मंत्रालय के गण्यमान्य लोग व अधिकारी भी मौजूद रहे। उद्घाटन के साथ ही राज्य मंत्री डॉ. चन्द्र शेखर पेम्मासानी विभिन्न राज्यों से आई हुईं सेल्फ हेल्प ग्रुप की महिलाओं के स्टॉलों पर जाकर उनका उत्साहवर्धन किया। साथ ही उनके द्वारा बनाए गए विभिन्न उत्पादों का अवलोकन भी किया। इस दौरान लोगों ने इन स्टॉलों से खरीदारी भी की। लोगों ने ग्रामीण कलाओं की सराहना की।
ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा आयोजित सरस आजीविका मेला 2024 में ग्रामीण भारत की शिल्पकलाओं का मुख्य रूप से प्रदर्शन किया जा रहा है। 14 नवंबर से 27 नवंबर तक चलने वाले इस उत्सव में 31 राज्यों की तीन सौ से अधिक महिला शिल्प कलाकार, 150 से अधिक स्टॉलों पर अपनी-अपनी उत्कृष्ट प्रदर्शनी का प्रदर्शन व बिक्री कर रही हैं।
सरस आजीविका मेला भारत मंडपम के हॉल नंबर– 9 और 10 में लगाया गया है। सरस आजीविका मेला के दौरान देश भर के 31 राज्यों के हजारों उत्पादों की प्रदर्शनी और बिक्री हो रही है। ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा यह एक अभियान की शुरुआत की गई है, ताकि हमारे देश के हस्तशिल्पियों और हस्तकारों को अपने रोजगार शुरू करने का मौका मिल सके। इसका उद्देश्य केंद्र सरकार द्वारा शुरू किया गये आत्मनिर्भर भारत का संकल्प व “वोकल फॉर लोकल” अभियान को बढ़ावा प्रदान करना भी है। साथ ही प्रधानमंत्री के ग्रामीण महिलाओं को लखपति दीदी बनाने का सपना भी साकार हो सके।
सरस को इस बार लखपति दीदियों पर फोकस किया गया है। यही कारण है कि सरस को पांच जोन में लखपति दीदियों के राज्यों के हिसाब से बांटा गया है। इसके अन्तर्गत लखपति दीदी जोन एक में नार्थ-ईस्ट के राज्य हैं। जोन दो में साउथ इंडियन स्टेट हैं। इसके साथ ही जोन तीन में उत्तर भारतीय राज्य हैं। जोन चार में उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्य हैं। साथ ही जोन पांच में बिहार, झारखंड समेत पूर्वांचल व अन्य राज्य हैं।
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(Udaipur Kiran) / माधवी त्रिपाठी