Gujarat

गुजरात सुशासन का विश्वसनीय मॉडल : केन्द्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह

केन्द्र सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह तथा गुजरात सरकार के वित्त मंत्री कनुभाई देसाई ने गांधीनगर में आयोजित दो दिवसीय ‘नेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन गुड गवर्नेंस’ का गुरुवार को आरंभ कराया
नेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन गुड गवर्नेंस में  में उपस्थित विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधि।

– गुजरात के गांधीनगर में दो दिवसीय नेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन गुड गवर्नेंस का आरंभ

– सुशासन विकसित समाज की महत्वपूर्ण आधारशिला : वित्त मंत्री श्री कनुभाई देसाई

– 28 राज्यों के 100 से अधिक प्रतिनिधि-उच्चाधिकारी इस कॉन्फ्रेंस में सहभागी हुए

गांधीनगर, 30 जनवरी (Udaipur Kiran) । केन्द्र सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह तथा गुजरात सरकार के वित्त मंत्री कनुभाई देसाई ने गांधीनगर में आयोजित दो दिवसीय ‘नेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन गुड गवर्नेंस’ का गुरुवार को आरंभ कराया। इस अवसर पर महानुभावों के हाथों ‘मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस’ ई-जर्नल तथा ‘स्टेट कोलोबरेटिव इनीशिएटिव’ पोर्टल को लॉन्च किया गया।

उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए केन्द्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने गुजरात को सुशासन का विश्वसनीय मॉडल बताते हुए कहा कि सुशासन तथा सुशासनिक व्यवस्था संबंधी गोष्ठि या परिषद का आयोजन करने के लिए गुजरात से श्रेष्ठ देश में अन्य कोई विकल्प नहीं हो सकता। 90 के दशक में गुजरात में किसी भी राष्ट्रीय परिषद् का आयोजन करना होता, तो आईआईएम-अहमदाबाद के अतिरिक्त कोई विकल्प नहीं था। आज उसी गुजरात में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन से अंतरराष्ट्रीय स्तर की अनेक परिषदों का सुदृढ़ आयोजन संभव हुआ है।

डॉ. सिंह ने आगे कहा कि गुजरात केवल ढाँचागत सुविधाओं ही नहीं, बल्कि ई-गवर्नेंस क्षेत्र में भी अन्यों के लिए प्रकाशस्तंभ समान है। ऑनलाइन सेवाएँ, पोर्टल, डैशबोर्ड जैसी सुविधाएँ विकसित करने में भी गुजरात देश में अग्रसर है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के ‘मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस’ के मूलमंत्र को चरितार्थ करने के लिए भारत सरकार नागरिकों को केन्द्र में रखकर टेक्नोलॉजी के अधिकतम उपयोग से पूरी पारदर्शिता के साथ कार्य कर रही है। साथ ही, भारत सरकार की भ्रष्टाचार के विरुद्ध जीरो टोलरेंस नीति तथा समयबद्ध आयोजन से नागरिकों को मिनिमम गवर्नमेंट-मैक्सिमम गवर्नेंस की अनुभूति हो रही है। उन्होंने इस संदर्भ में कुछ उदाहरण भी प्रस्तुत किए।

डॉ. सिंह ने भारत सरकार की सीपी ग्राम, ऑनलाइन आरटीआई पोर्टल, रोजगार मेला, फेस रेकॉग्निजन टेक्नोलॉजी, मिशन कर्मयोग तथा चिंतन शिविर जैसी विशेष पहलों की विस्तार से जानकारी दी। साथ ही उन्होंने राज्यों से पधारे डेलीगेट्स का आह्वान किया कि वे नागरिकों के हित में गुड गवर्नेंस को प्रोत्साहन देने के लिए चिंतन-मनन करें।

गुजरात के वित्त मंत्री कनुभाई देसाई ने इस अवसर पर कहा कि सुशासन विकसित समाज की मुख्य आधारशिला है। गुजरात सरकार नागरिकों के लिए गवर्नेंस रिफॉर्म, पारदर्शिता, कार्यक्षमता तथा सशक्तीकरण को कटिबद्ध है, जिसके फलस्वरूप गुजरात ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में अग्रणी स्थान पर है। विकसित भारत के मिशन में गुजरात मॉडल एक प्रो-एक्टिव, रिस्पॉन्सिव तथा अकाउंटेबल गवर्नेंस के रूप में प्रस्थापित हुआ है। उन्होंने आगे कहा कि आज डेटा बेस, डेटा मैनेजमेंट, एआई संचालित तथा नागरिकोपयोगी सेवाओं के लिए गुजरात सरकार तैयार है। डिजिटल गवर्नेंस द्वारा नागरिकों को रीयल टाइम सर्विस डिलीवरी के लिए सरकार लगातार कार्य कर रही है। ऐसे प्रत्येक रिफॉर्म से राज्य के नागरिक किसी भी समय पर एवं स्थल से त्वरित पेपरलेस सेवाओं का लाभ ले सकेंगे। राज्य में ई-गवर्नेंस तथा गुड गवर्नेंस के अंतर्गत ई-सरकार, कर्मयोगी ऐप्लिकेशन, डिजिटल गुजरात, आईएमएफएस, आई-खेडूत, विस्वास, स्वागत जैसे कई ऑनलाइन पोर्टल कार्यरत हैं। केन्द्र सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ एडमिनिस्ट्रेटिव रिफॉर्म्स एंड पब्लिक ग्रिवेंसेज (डीएआरपीजी) के सचिव वी. श्रीनिवास ने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकारें वर्तमान में जन हित में गुड गवर्नेंस में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) तथा टेक्नोलॉजी के उपयोग को अधिक से अधिक वरीयता दे रही हैं। गुजरात ने गुड गवर्नेंस क्षेत्र में बेस्ट प्रैक्टिसेज में सर्वाधिक ‘पीएम अवॉर्ड’ प्राप्त किए हैं। इनमें विद्या समीक्षा केन्द्र, स्वच्छ भारत अभियान, समग्र शिक्षा अभियान आदि शामिल हैं। उन्होंने वर्ष 2003 में शुरू हुए ‘स्वागत’ ऑनलाइन प्लेटफॉर्म को सुशासन का उत्तम उदाहरण बताया। श्रीनिवास ने बताया कि इस दो दिवसीय कॉन्फ्रेंस में अलग-अलग छह प्लेनरी सेशन होंगे। इनमें गुड गवर्नेंस क्षेत्र में गुजरात सरकार के विभिन्न विभागों की बेस्ट प्रैक्टिसेस भी प्रस्तुत की जाएंगी। इस कॉन्फ्रेंस में भारतभर के 28 राज्यों के 100 से अधिक प्रतिनिधि सहभागी हुए हैं, जो अन्य राज्यों में लागू सुशासन व्यवस्था पर विचार-विमर्श करेंगे। उन्होंने कॉन्फ्रेंस के सुंदर व सफल आयोजन के लिए गुजरात सरकार का आभार जताया।

राज्य के सामान्य प्रशासन विभाग के अपर मुख्य सचिव कमल दयाणी ने कहा कि गुड गवर्नेंस के लिए ई-गवर्नेंस पर ध्यान केन्द्रित करना बहुत ही आवश्यक है। गुजरात का प्रत्येक सरकारी कार्यालय टेक्नोलॉजी की मदद के चलते मैनुअल प्रोसेस से ई-गवर्नेंस का हिस्सा बना है। आधुनिक टेक्नोलॉजी के तेज युग में नागरिक भी अधिक तेज सुविधाओं की आशा रखते हैं। ऐसे में राज्य सरकार एआई, ब्लॉक चेन जैसी विभिन्न टेक्नोलॉजी की सहायता से अधिक सरल व तेज सविधाएँ दे रही है। आज गुजरात सरकार के वित्त, राजस्व जैसे विभाग नागरिकों को अच्छी सेवाएँ देने के लिए निरंतर प्रयास कर सुशासन का हिस्सा बने हैं।

गुजरात के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की प्रधान सचिव मोना खंधार ने स्वागत संबोधन किया। डीएआरपीजी के निदेशक तुशाबा शिंदे ने कार्यक्रम के अंत में आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर डीएआरपीजी की संयुक्त सचिव सरिता चौहान, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन के महानिदेशक डॉ. एस. एन. त्रिपाठी, भारत सरकार, गुजरात सरकार, विभिन्न राज्यों से पधारे उच्चाधिकारी आदि उपस्थित रहे।

गिफ्ट सिटी का दौरा किया

केन्द्रीय राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह गिफ्ट सिटी व एआई सेंटर ऑफ एक्सीलेंस से हुए प्रभावित, गुजरात सरकार को अभिनंदन

केन्द्रीय राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने अपनी गुजरात यात्रा के दौरान देश की प्रथम फाइनेंशियल टेक सिटी – गिफ्ट सिटी का दौरा किया। वे इससे काफी प्रभावित हुए। इस दौरान गिफ्ट सिटी के अध्यक्ष तथा मुख्यमंत्री के मुख्य सलाहकार हसमुख अढिया ने डॉ. सिंह को गिफ्ट सिटी के उद्देश्य, उपलब्ध सुविधाओं, निवेश के अवसरों तथा गिफ्ट सिटी के सिंगल विंडो सिस्टम आदि की विस्तृत जानकारी दी, जिसे सुन कर केन्द्रीय राज्य मंत्री प्रभावित हुए। वे गिफ्ट सिटी में नवनिर्मित एआई सेंटर ऑफ एक्सीलेंस को देखकर भी प्रभावित हुए। उन्होंने गुजरात सरकार को अभिनंदन दिया।

—————

(Udaipur Kiran) / बिनोद पाण्डेय

Most Popular

To Top