
केन्द्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने पटियाला के एक खेत में चलाया ट्रैक्टरपंजाब की धरती पर हर किस्म की खेती व बागवानी संभावनाएं : चाैहान
चंडीगढ़, 5 जून (Udaipur Kiran) । ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ के आठवें दिन केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को पंजाब के किसानों से संवाद किया। इस अवसर पर पंजाब के कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां भी उपस्थित थे।
‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ के तहत केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान गुरुवार काे पटियाला मेें आयाेजित एककार्यक्रम में शामिल हुए और किसानाें से संवाद किया। केन्द्रीय कृषि मंत्री चौहान ने कहा किकिसानों तक विज्ञान व शोध की जानकारी पहुंचाने और ‘लैब टू लैंड’ को जोड़ने के लिए ही ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ की शुरुआत की गई है। इस अभियान के तहत वैज्ञानिक जिस भी गांव का दौरा करते हैं, वहां के क्षेत्र की पूर्व जानकारी लेकर जाते हैं और उसी के अनुसार किसानों से वार्ता कर उनकी समस्याओं काे सुनते हैं। कृषि मंत्री ने कहा कि इस इस वार्ता के दाैरान मिट्टी के पोषक तत्वों, जलवायु को ध्यान में रखते हुए कौन सी किस्म के जरिए पैदावार को बढ़ाया जा सकता है, वायरस अटैक और कीटनाशकों की जानकारी दी जाती है। इस अभियान के जरिए खेत की जरूरत के अनुसार ही शोध की दिशा तय करने का काम किया जा रहा है।
केन्द्रीय मंत्री चाैहान ने कहा कि आज मैंने ट्रैक्टर चलाकर किसानों की व्यावहारिक समस्या को समझने की कोशिश की। इस अभियान के बाद हर क्षेत्र से जो जानकारियां एकत्र होंगी, उसी के आधार पर आगे की कृषि नीतियां बनाई जाएंगी। चौहान ने कहा कि यह वो धरती है, जिसने कई वर्षों तक पूरे हिन्दुस्तान के अन्न के भंडार भरने का काम किया है। एक समय था जब हम अमेरिका का खराब गुणवत्ता वाला गेहूं पीएल 480 खाने पर मजबूर थे। यह हरित क्रांति ही है, जिसने हमें मुक्ति दिलाई। पंजाब के किसानों, उनके जुनून और जज्बे को मैं प्रणाम करता हूं। पंजाब के किसानों को उनके अमूल्य प्रयासों के लिए बहुत-बहुत बधाई देना चाहता हूं।
चौहान ने कहा कि धान की पुरानी रोपाई की पारंपरिक पद्धति में पानी के साथ-साथ श्रम और लागत भी बहुत ज्यादा लगती थी, लेकिन अब नई आधुनिक तकनीक के जरिए सीधे बीज के माध्यम से बुआई की पद्धति विकासित हो चुकी है। चौहान ने कहा कि हमें कीटनाशकों का संतुलित उपयोग भी करना होगा। अनावश्यक अत्यधिक कीटनाशकों के प्रयोग से कृषि की लागत बढ़ती है और फसल की गुणवत्ता पर भी विपरीत असर पड़ता है। पंजाब की धरती पर हर किस्म की खेती की जा सकती है। बागवानी के लिए भी व्यापक संभावनाएं हैं। निर्यात गुणवत्ता वाले फल और सब्जियों के उत्पादन के लिए भी प्रयास करने होंगे।
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(Udaipur Kiran) शर्मा
