Jharkhand

विश्वविद्यालयों से संबंधित कॉमन बिल के विरोध में उतरा संघ

कोल्‍हान विश्वविद्यालय की फाइल फोटो

रांची, 23 मई (Udaipur Kiran) । राज्य सरकार ने विश्वविद्यालयों के लिए एक नया कॉमन बिल लायी है। इस बिल में कई बदलाव किए गए हैं, हालांकि इसमें अभी अंतिम मुहर लगना बाकी है। आदिवासी छात्र संघ ने इस बिल को रोकने के लिए राज्यपाल सचिवालय में एक पत्र भेजा है।

बिल में ये है बदलाव

स्टूडेंट यूनियन की जगह अब स्टूडेंट काउंसिल होगा, कुलपति और प्रतिकुलपति की तरह अब रजिस्ट्रार की नियुक्ति भी राज्यपाल करेंगे। कुलपति का कार्यकाल तीन साल से बढ़ाकर पांच साल कर दिया गया है। आदिवासी छात्र संघ के दया बहुरा ने बिल के बारे में बताते हुए कहा कि इसमें होने वाले ये बदलाव छात्र हितों के खिलाफ हैं।

इन बिंदुओं पर है छात्र संघ की आपत्ति

आदिवासी छात्र संघ का कहना है कि पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु जैसे राज्यों में राज्य सरकार ने विश्वविद्यालयों के संचालन का अधिकार राज्यपाल से वापस ले लिया है, लेकिन झारखंड में इसके विपरीत कदम उठाया जा रहा है। यदि राज्य सरकार के अधीन ये जिम्मेदारी नहीं रहेगी तो विश्वविद्यालय केंद्र सरकार के नियमों के तहत संचालित होंगे।

इसका स्थानीय संस्कृति पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। इससे झारखंडी विचारधारा की कमी हो सकती है।

संघ का यह भी कहना है कि अगर स्टूडेंट लीडर नहीं होंगे, तो विद्यार्थियों की समस्याओं का समाधान नहीं हो सकेगा। रांची कॉलेज जो झारखंड के विद्यार्थियों के लिए राजनीति का एक महत्वपूर्ण केंद्र है, अगर इस बदलाव का सामना करेगा तो इससे विद्यार्थियों के रोजगार अवसर प्रभावित होंगे।

आदिवासी छात्र संघ ने राज्यपाल सचिवालय को इस मुद्दे पर पुनः विचार करने के लिए आवेदन दिया है। संघ ने चेतावनी दी है कि यदि बिल को वापस नहीं लिया तो वह एक हफ्ते बाद आंदोलन करेगा।

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(Udaipur Kiran) / Vinod Pathak

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