HEADLINES

संघ प्रमुख डॉ. मोहन भागवत आईआईटी बीएचयू के शाखा टोली में शामिल हुए

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत आईआईटी बीएचयू के शाखा टोली में
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत आईआईटी बीएचयू के शाखा टोली में

– शाखा टोली में खेलकूद की गतिविधियों को देखा,विद्यार्थियों से संवाद

वाराणसी, 04 अप्रैल (Udaipur Kiran) । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत पांच दिवसीय काशी प्रवास के दूसरे दिन शुक्रवार अपरान्ह में आईआईटी बीएचयू में आयोजित शाखा में शामिल हुए। अपने बीच संघ प्रमुख को पाकर विद्यार्थियों और शिक्षकों की खुशी देखते ही बन रही थी। आईआईटी के शाखा टोली में शामिल हुए संघ प्रमुख ने शांत चित्त एक किनारे खड़े होकर खेलकूद की गतिविधियों को देखा। इस दौरान वहां सुरक्षा का व्यापक प्रबंध किया गया था। सुरक्षा के अभेद किलेबंदी के बीच संघप्रमुख ने शाखा टोली से संवाद भी किया। टोली में शामिल विद्यार्थियों ने उनसे सवाल भी पूछे। संघ प्रमुख ने आरएसएस के गठन और कार्यशैली को बताया। उन्होंने कहा कि सनातन समाज (हिन्दू समाज) को मजबूत बनाना है। संघ प्रमुख ने संघ की मूल विचारधारा से भी छात्रों को परिचित कराया।

उन्होंने कहा कि भारतीय सनातनी संस्कृति और उसके सभ्यता के मूल्यों को बनाए रखना आपका भी दायित्व है। उन्होंने छात्रों से सवाल किया कि आरएसएस के बारे में बताए। छात्रों ने बताया कि संघ सनातन की रक्षा करने के साथ हिन्दुत्व की विचारधारा को बढ़ावा देता है। इस दौरान संघ के क्षेत्र प्रचारक अनिल, क्षेत्र कार्यवाह डॉ वीरेंद्र,काशी प्रांत प्रचारक रमेश, सह प्रांत प्रचारक सुनील ,काशी दक्षिण भाग के पदाधिकारी भी मौजूद रहे। इसके पहले संघ प्रमुख ने तुलसीपुर महमूरगंज स्थित निवेदिता शिक्षा सदन में प्रात: काल शाखा में भाग लेने के बाद काशी प्रांत के वरिष्ठ प्रचारकों और पदाधिकारियों के साथ दो बार में बैठक किया। बैठक में संघ के गतिविधियों की जानकारी भी ली।

संघ प्रमुख काशी प्रवास के तीसरे दिन शनिवार को श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन-पूजन करेंगे। इसके बाद वे काशी के प्रबुद्धजन संग भी अलग-अलग बैठक कर संवाद करेंगे। छह अप्रैल को संघ प्रमुख मलदहिया लाजपत नगर जाएंगे और शाखा में शामिल होंगे। इसके बाद शहर के प्रबुद्ध जनों से मिलेंगे। शाम को प्रांत टोली के साथ बैठक करेंगे। सात अप्रैल को लखनऊ के लिए प्रस्थान करने से पहले काशी प्रांत के अनुभवी कार्यकर्ताओं की टोली के साथ बैठक कर उनका मार्गदर्शन करेंगे। इसके बाद प्रांत टोली के साथ भी बैठक कर सकते हैं। बताते चले आगामी एक अक्टूबर को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना के शताब्दी वर्ष पूरे होने वाले हैं। इसके पूर्व मोहन भागवत का काशी प्रवास बेहद महत्वपूर्ण है।

—————

(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी

Most Popular

To Top