लखनऊ, 23 जुलाई (Udaipur Kiran) । प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने केन्द्रीय बजट को ’विकसित भारत-आत्मनिर्भर भारत’ के निर्माण के लिए एक महत्वपूर्ण दस्तावेज बताया। इस बजट में अंत्योदय की पावन भावना, विकास की असीम संभावनाएं और नवोन्मेष को प्रमुखता दी गई है। उन्होंने कहा कि बजट में किसानों के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाओं की घोषणा की गई है। इनमें 32 कृषि और बागवानी फसलों की 109 नई उच्च पैदावार वाली और जलवायु अनुकूल किस्में शामिल होंगी।
उन्होंने कहा कि अगले दो वर्षों में एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक कृषि के लिए सहायता प्रदान की जाएगी, जिसमें प्रमाण-पत्र और ब्रांडिंग व्यवस्था भी शामिल होगी। इसके कार्यान्वयन के लिए वैज्ञानिक संस्थाएं और इच्छुक ग्राम पंचायतें संलग्न होंगी। बजट में 10,000 जैव-आदान संसाधन केंद्र स्थापित करने की योजना है। तिलहनों के लिए आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के उद्देश्य से एक कार्यनीति बनाए जाने का प्रावधान है। इसके अलावा, प्रमुख उपभोक्ता केंद्रों के पास बड़े पैमाने पर सब्जी उत्पादन क्लस्टर विकसित किए जाएंगे।
कृषि में डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (डीपीआई) के कार्यान्वयन के लिए राज्यों के साथ मिलकर तीन वर्षों में किसानों और उनकी जमीन को शामिल किया जाएगा। इसके साथ ही झींगा ब्रूड-स्टॉक्स के लिए न्यूक्लियस ब्रीडिंग केंद्रों का नेटवर्क स्थापित करने के लिए वित्तीय सहायता दी जाएगी और झींगा खेती, प्रसंस्करण और निर्यात के लिए नाबार्ड के माध्यम से वित्तपोषण की सुविधा प्रदान की जाएगी। सहकारी क्षेत्र के विकास के लिए एक नई राष्ट्रीय सहकारी नीति लाने की भी योजना है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विकास में तेजी आएगी। कृषि और संबद्ध क्षेत्र के लिए इस वर्ष 1.52 लाख करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
(Udaipur Kiran) / उपेन्द्र नाथ राय / दिलीप शुक्ला / उपेन्द्र नाथ राय / मोहित वर्मा