शिमला, 25 अगस्त (Udaipur Kiran) । भाजयुमो प्रदेश महामंत्री सन्नी शुक्ला ने प्रदेश सरकार पर आपदा के नाम पर अपनी नाकामी छुपाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा है कि पिछले कुछ वर्षों से बरसात के मौसम में आ रही आपदा से प्रदेशवासियों को बड़ी जनधन की हानि झेलनी पड़ रही है लेकिन एक वर्ष बीत जाने के बाद भी प्रदेश सरकार ना तो प्रभावितों को निष्पक्ष होकर मुआवजा ही प्रदान कर पा रही है और ना ही कोई विशेष जांच करवाई जा रही है।
सन्नी शुक्ला ने रविवार को एक बयान में कहा कि पिछले वर्ष मानसून से संबंधित व अन्य दुर्घटनाओं में 330 लोगों की जान चली गई हैं। प्रदेश में 10 हजार करोड़ रुपये से भी अधिक का नुकसान आंका गया। कृषि और बागवानी को भी भारी नुकसान हुआ। संचार व्यवस्था पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा। जनजीवन अस्त-व्यस्त रहा और कई क्षेत्रों में लोगों को राहत शिविरों में शरण लेनी पड़ी। लेकिन प्रदेश सरकार की संवेदनहीनता देखिए कि एक वर्ष बीत जाने के बाद भी समरहिल हादसे के लिए कोई विशेष जांच नहीं की गई, ताकि भविष्य में इस तरह की आपदा से होने वाली जनहानि से बचा जा सकता।
उन्होंने कहा कि भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने जब एक वर्ष बाद आरटीआई के मध्यम से जानकारी एकत्रित की तो पाया की शिव बावड़ी समरहिल भूस्खलन के मामले में प्रदेश सरकार ने अभी तक कोई स्पेशल कमेटी नहीं बनाई है और सिर्फ एक प्रारंभिक जांच की गई जिसके अंदर शिमला के हुए सभी बरसात के नुकसान के बारे में जानकारी एकत्रित की गई। जिससे साफ होता है कि प्रदेश सरकार कितनी संवेदनहीन है। 22 लोगों को बेवजह अपनी जान गंवानी पड़ी लेकिन सरकार घटना की जांच के लिए कमेटी तक नहीं बना सकी और सिर्फ एक प्रारंभिक जांच करके पूरे मामले को दबा दिया। आज तक इन कारणों का पता नहीं चल पाया कि शिव बावड़ी भूस्खलन क्यों हुआ उसके पीछे क्या कारण थे।
उन्होंने कहा कि समरहिल एक ऐसी जगह है जहां विश्वविद्यालय के अंदर तीन हज़ार से अधिक छात्र पढ़ते हैं और वहां के स्थानीय लोग तथा छात्रों की सुरक्षा की जिम्मेदारी प्रदेश सरकार की बनती है लेकिन देखा जा सकता है कि प्रदेश सरकार कितनी संवेदनहीन है कि एक वर्ष बीतने के बाद भी कोई जांच उसे शिव बावड़ी दुर्घटना के लिए नहीं की गई।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा शुक्ला