Uttar Pradesh

उपभोक्ता परिषद के दबाव में पावर कारपोरेशन ने ट्रांजैक्शन एडवाइजर का टेंडर खोलने की तिथि बढ़ाई

बिजली प्रतिकात्मक

लखनऊ, 02 फरवरी (Udaipur Kiran) । उपभोक्ता परिषद और कर्मचारियों के बढ़ते दबाव के बीच उप्र पावर कारपोरेशन ने ट्रांजैक्शन एडवाइजर के टेंडर के पार्ट वन खोलने की तिथि को 15 दिन के लिए आगे बढ़ा दिया है। उप्र राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने कहा है कि नियमों के विपरीत काम करने पर हमेशा असंमजस की स्थिति बनी रहे।

उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन ने पहले एक ट्रांजैक्शन एडवाइजर गुपचुप तरीके से रखकर जल्दबाजी में पांच दिसंबर 2024 को एक मसौदा मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली एनर्जी ट्रांसपोर्ट में पास कराकर पूर्वांचल व दक्षिणांचल के 42 जनपदों के निजीकरण का ऐलान कर दिया। पूरे प्रदेश में प्रशासनिक अमले को तैयार कर दिया गया। इसी बीच उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने विद्युत नियामक आयोग में अनेक विरोध प्रस्ताव व लोक महत्व याचिकाएं दाखिल कर वित्तीय पैरामीटर व तकनीकी पैरामीटर में बड़े पैमाने पर कर्मियों का खुलासा कर दिया। अंततः मसौदे को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया और पुनः एनर्जी टास्क फोर्स की बैठक बुलाई गई और 9 जनवरी 2025 को एक बार पुनः ट्रांजैक्शन एडवाइजर नए सिरे से रखने के लिए दिशा निर्देश जारी किया गया। पावर कॉरपोरेशन की तरफ से ट्रांजैक्शन एडवाइजर का टेंडर जारी करने का निर्देश जारी किया गया और टेंडर जारी कर दिया गया। निविदा पार्ट -वन तकनीकी बिड 3 फरवरी को 3 बजे खुलना प्रस्तावित किया। इसी बीच प्रीपेड कॉन्फ्रेंस में आए तीन कंसलटेंट कंपनियों को लेकर उपभोक्ता परिषद ने पुनः ट्रांजैक्शन एडवाइजर के कंप्लीट आप इंटरेस्ट को लेकर बडा सवाल उठाते हुए मोर्चा खोल दिया। पूरा मामला एनर्जी तक फोर्स की बैठक में पेश किया गया अब पावर कॉरपोरेशन द्वारा कल देर रात 1 फरवरी को यानी 3 फरवरी के दो दिन पहले पुनः टेंडर के पार्ट वन को खोलने की तिथि 15 दिन आगे बढ़ाकर 18 फरवरी 2025 कर दी गई।

ऐसा पहली बार हुआ है कि टेंडर की तिथि के पहले उसे आगे बढाया गया और कोई भी कारण नहीं बताया गया। उपभोक्ता परिषद को उम्मीद है कि अभी टेंडर आगे और बढेगा, क्योंकि बहुत भी तकनीकी और वित्तीय मामले अभी फंसे हुए हैं और सबसे बडा कनफ्लिक्ट आप इंटरेस्ट का मामला जो एनर्जी टास्क फोर्स में शिथिलता के लिए गया है। उस पर भी रिपोर्ट आनी बाकी है।

उत्तर प्रदेश राज विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि पावर कॉरपोरेशन जिस प्रकार से दक्षिणांचल व पूर्वाचल के 42 जनपदों को ऐनकेन जल्दबाजी में इसका निजीकरण करते हुए देश के बडे उद्योगपतियों को सौंपने की साजिश में लगा था। अब उसकी पूरी पोल खुल गई है आज भी अब तक की कार्यवाही के पूरे अलग-अलग मसौदे की जांच कर ली जाए, तो बड़ा मामला सामने आएगा इसीलिए बार-बार उपभोक्ता परिषद पूरे प्रकरण की सीबीआई से जांच करने की मांग उठा रहा है।

(Udaipur Kiran) / उपेन्द्र नाथ राय

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