देहरादून, 24 सितंबर (Udaipur Kiran) । उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड (यूजेवीएनएल) के प्रबंध निदेशक डॉ. संदीप सिंघल ने निगम की उपलब्धियां, गतिविधियों और भविष्य की योजनाओं की जानकारी देते हुए कहा कि राज्य ऊर्जा उत्पादन में बेहतरीन प्रदर्शन कर रहा है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में निगम की ओर से 5433 मिलियन यूनिट का विद्युत उत्पादन किया गया। इस दौरान मशीनों की औसत उपलब्धता 85 प्रतिशत से अधिक और ब्रेकडाउन 2 प्रतिशत से भी कम रहा।
मंगलवार को निगम मुख्यालय में प्रबंध निदेशक डॉ. संदीप सिंघल ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि विगत वर्षों में 148.5 मेगावाट क्षमता की परियोजनाएं ऊर्जीकृत की गईं। इनमें देहरादून में 120 मेगावाट की व्यासी जल विद्युत परियोजना, पिथौरागढ़ में 5 मेगावाट की सुरिनगाड लघु जल विद्युत परियोजना, रुद्रप्रयाग में 4 मेगावाट की कालीगंगा-प्रथम और 4.50 मेगावाट की कलिगंगा-द्वितीय लघु जल विद्युत परियोजना, जनपद रुद्रप्रयाग में ही 15 मेगावाट की मध्यमहेश्वर जल विद्युत परियोजना शामिल हैं।
डॉ. सिंघल ने बताया कि पुरानी परियोजनाओं की जीवन अवधि और विद्युत उत्पादकता में वृद्धि के उद्देश्य से नवीनीकरण, आधुनिकीकरण और उच्चीकरण के कार्य कराए जा रहे हैं। 90 मेगावाट की तिलोथ जल विद्युत गृह और 51 मेगावाट की ढालीपुर जल विद्युत परियोजना के आर.एम.यू. के कार्य पूर्ण किए जा चुके हैं। निगम की ओर से संयुक्त उपक्रम के माध्यम से 1320 मेगावाट क्षमता के पिट हेड थर्मल पावर प्लांट को स्थापित करने की प्रक्रिया भी प्रारंभ कर दी गई है। विद्युत उत्पादन बढ़ाने के प्रयासों के अंतर्गत टीएचडीसी के साथ निगम की ओर से एक संयुक्त उपक्रम बनाया गया है और पांच जल विद्युत परियोजनाएं इस उपक्रम को आवंटित की गई हैं। उन्होंने आगे बताया कि निगम की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ है और वित्तीय वर्ष 22-23 में निगम की ओर से सरकार को उनके अंश पूंजी पर 20 करोड़ रुपये का लाभांश भी प्रदान किया गया है।
लखवाड़ बहुउद्देशीय परियोजना पर निर्माण कार्य प्रगति पर
डॉ. सिंघल ने निर्माणाधीन परियोजनाओं के बारे में बताते हुए कहा कि 300 मेगावाट की लखवाड़ बहुउद्देशीय परियोजना पर निर्माण कार्य प्रगति पर है। साथ ही 72 मेगावाट की त्यूनी प्लासू परियोजना के सिविल कार्यों के निर्माण के लिए निविदा जारी कर दी गई है और 120 मेगावाट की सिरकारी भ्योल रूपसियाबगड़ जल विद्युत परियोजना के विस्तृत डिजाइन, इंजीनियरिंग कार्य और निविदता से संबंधित कार्य प्रगति पर हैं। साथ ही 600 मेगावाट की किशाऊ बहुउद्देशीय परियोजना की डीपीआर को अपडेट किया जा रहा है।
स्वच्छ हरित और सस्ती ऊर्जा के लिए नई तकनीक पर हो रहा काम
उन्होंने कहा कि यूजेवीएन लिमिटेड स्वच्छ हरित और सस्ती ऊर्जा सुनिश्चित करने के लिए नई तकनीक पर भी काम कर रहा है। इसके अंतर्गत यूजेवीएन लिमिटेड मौजूदा जल विद्युत परियोजनाओं के साथ पांच पंप स्टोरेज परियोजनाओं के निर्माण की दिशा में भी आगे बढ़ रहा है। इसके अतिरिक्त निगम कई अन्य गैर पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों पर भी कार्य कर रहा है। इसके अंतर्गत तीन विद्युतगृहों पर बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम की स्थापना का कार्य प्रगति पर है। पायलट प्रोजेक्ट के अंतर्गत हरिद्वार में एक मेगावाट का ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट स्थापित किया जाना भी प्रस्तावित है।
हाइड्रो-काइनेटिक टरबाइन के विकास का कार्य गतिमान है
आईआईटी रुड़की के सहयोग से मौजूद शक्ति नहरों में हाइड्रो-काइनेटिक टरबाइन के विकास का कार्य गतिमान है। पूर्ण ग्राम फस के साथ संयुक्त उद्यम के माध्यम से वेस्ट टू ग्रीन कोल प्लांट का कार्यान्वयन भी किया जा रहा है। छोटी जल विद्युत परियोजनाओं के टेल रेस चैनल पर बिजली उत्पादन के लिए स्क्रू टरबाइन की स्थापना और बड़ी जल विद्युत परियोजनाओं पर अलग से इकोलॉजिकल-फ्लो नआउटलेट की स्थापना भी प्रस्तावित है। साथ ही साथ निगम पुराने बांधों, बैराजों आदि की सुरक्षा एवं जीवन वृद्धि के लिए बांध सुधारीकरण कार्यक्रम के अंतर्गत बांधों और बैराजों का भी कई कार्य कर रहा है।
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(Udaipur Kiran) / राजेश कुमार