उज्जैन, 26 जुलाई (Udaipur Kiran) ।शा.प्राथमिक विद्यालय,कोठी महल को सड़क चौड़ीकरण के कारण तोड़ा जा रहा है। अब यह विद्यालय विक्रम नगर रेलवे स्टेशन के समीप स्थित गांधी नगर के शा.प्राथमिक विद्यालय में शिफ्ट होगा। यहां पढऩेवाले कक्षा 1 से 5वीं तक के बच्चे कलेक्टर से मिलने आए,ताकि उनके प्राथमिक विद्यालय के तीन कक्षों को टूटने से बचाया जा सके।
शा. प्राथमिक विद्यालय,कोठी महल का भवन कोठी महिल के समीप से विक्रमनगर रेलवे स्टेशन की ओर जानेवाले मार्ग पर है। इस मार्ग का चौड़ीकरण हो रहा है। इसके चलते इस मार्ग पर आनेवाले कृषि विभाग,महिला बाल एवं विकास विभाग, शा.प्राथमिक विद्यालय आदि भवनों को तोड़ा जाएगा। शा.प्राथमिक विद्यालय जिस परिसर में लगता है,वहीं माध्यमिक इकाई भी लगती है, लेकिन चौड़ीकरण की जद में केवल शा.प्राथमिक विद्यालय आ रहा है। इसके तीन कक्ष हैं,जहां कक्षा 1 से 5 वीं तक करीब 40 विद्यार्थी पढ़ते हैं। इनमें से 28 बच्चे गांधी नगर एवं समीप स्थित बस्ती से यहां पढऩे आते हैं। यहां दो शिक्षक एवं एक शिक्षिका पदस्थ है। अब इस विद्यालय को विक्रम नगर रेलवे स्टेशन के समीप गांधी नगर स्थित शा.प्राथमिक विद्यालय में शिफ्ट किया जा रहा है। उक्त स्कूल में दो शिक्षक हैं और बच्चे हैं करीब 19 हैं। यहां पर कक्ष भी पर्याप्त हैं। ऐसे में यहां पर कुल 5 शिक्षक और करीब 60 बच्चे हो जाएंगे।
यह कहा बच्चों ने
गुरूवार मध्यान्ह पश्चात कलेक्टर से मिलने आए पांच बच्चों में दो बालक एवं तीन बालिकाएं थीं। चर्चा में ऋषि,पारस,स्मिता एवं लक्ष्मी ने बताया कि वे यहां कलेक्टर से मिलने आए हैं। यह पूछने पर कि कभी कलेक्टर को देखा,उनके बारे में सुना? उन्होने इंकार कर दिया। बताया कि एक अंकल कल उनके स्कूल में आए थे। उन्होने कहाकि तुम लोग कलेक्टर के पास जाओ। ताकि तुम्हारा स्कूल न टूटे और यहीं आगे भी पढ़ सको। गांधी नगर का स्कूल तुम लोगों को दूर पड़ेगा। इसलिए वे कलेक्टर से मिलने आ गए। जब पूछा गया कि कलेक्टर कौन होते हैं? वे जवाब नहीं दे सके। एक बुजुर्ग महिला उनके साथ थी। उनका कहना था कि इनमें दो मैरे पोते-पोती हैं। इनके माता-पिता नहीं है। मैं गांधी नगर तक रोजाना छोडऩे नहीं जा सकती। शरीर साथ नहीं देता है। सर बता रहे थे कि कलेक्टर साहब चाहे तो उसी बिल्डिंग में ये भी पढ़ लेंगे।
यह है अंदर की बात
सूत्रों का दावा है कि परिसर में शा.माध्यमिक विद्यालय,कोठी महल भी लगता है। वहां पर यदि दो पारियों में स्कूल लगे तो ये बच्चे भी पढ़ लेंगे, लेकिन माध्यमिक विद्यालय में ऐसे सुझाव का कथित विरोध है। वहीं प्राथमिक विद्यालय के कतिपय शिक्षक नहीं चाहते हैं कि गांधी नगरवाले विद्यालय में शिफ़्ट हों, क्योंकि यहां पर मनमर्जी की सरकार चलती है,वहां रोजाना जाना पड़ेगा और पढ़ाना भी पड़ेगा, हालांकि इन आरोपों को लेकर संबंधित शिक्षकों से चर्चा नहीं हो पाई, लेकिन बच्चों ने भी बताया कि मास्टर साब कभी आते हैं कभी नहीं आते हैं। एक साथ बैठाकर कोई भी पढ़ा देता है। अभी तो पढ़ाई भी अच्छे से शुरू नहीं हो पाई है।
(Udaipur Kiran) / ललित ज्वेल / राजू विश्वकर्मा