उज्जैन, 11 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । शारदीय नवरात्रि की महाअष्टमी पर शुक्रवार को पारंपरिक रूप से शासकीय नगर पूजा की गई। इस दौरान कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने चौबीस खंबा माता मन्दिर पहुंचकर माता महामाया व महालय को मदिरा का भोग लगाकर नगर पूजा की शुरुआत की। उसके बाद शासकीय अधिकारी व कर्मचारियों का दल ढोल-ढमाकों के साथ शहर में स्थित 40 से अधिक देवी, भैरव व हनुमान मंदिरों में पूजा-अर्चना के लिए रवाना हुआ। रात को अंकपात क्षेत्र स्थित भैरव मंदिर में पूजा-अर्चना के साथ नगर पूजा का समापन हुआ।
कलेक्टर ने शुबह माता महामाया और महालया को मदिरा की धार चढ़ा कर आरती व पूजन किया। इसके बाद मंदिर से दल के रूप में सदस्य हांडी से मदिरा की धार चढ़ाते हुए आगे बढ़े। चौबीस खंबा मंदिर से सुबह शुरू हुई नगर पूजा का समापन हांडीफोड़ भैरव मंदिर पर हुआ। इस दौरान नगर के 40 से अधिक देवी, भैरव और हनुमान मंदिरों में पूजा-अर्चना की गई। उल्लेखनीय है कि नगर पूजा कर माता से नगर की सुख-समृद्धि और प्राकृतिक प्रकोप से रक्षा की कामना की जाती है। वहीं घरों में भी कुल देवी का पूजन महाअष्टमी पर किया जाता है।
उज्जैन में इस पूजा की परंपरा अति प्राचीन है। मान्यता है कि पहले सम्राट विक्रमादित्य नगर की खुशहाली के लिए महाअष्टमी पर देवी भैरव मंदिरों में पूजन करते थे। उसके बाद सिंधिया स्टेट के समय इस परंपरा का निर्वहन किया जाता रहा। आजादी के बाद शासन की ओर से नगर पूजा कराई जाती है।
नगर पूजा के करीब 27 किलोमीटर लंबे मार्ग पर मदिरा की धार लगाई गई। साथ ही पूरी-भजिए तथा भीगे हुए गेहूं, चने आदि अर्पित किए गए। हरसिद्धि मंदिर में दोपहर 12 बजे हुई पूजादेश के 52 शक्तिपीठों में से एक शक्तिपीठ हरसिद्धि मंदिर में दोपहर 12 बजे शासकीय पूजा हुई। कलेक्टर ने सपत्नीक माता हरसिद्धि का पूजन किया। माता को सौभाग्य सामग्री अर्पित की गई।
(Udaipur Kiran) तोमर