उज्जैन, 2 सितंबर (Udaipur Kiran) । इस श्रावण-भादौ मास के सातवे सोमवार को बाबा महाकाल की राजसी सवारी धूमधाम से निकली। बाबा महाकाल ने नगर भ्रमण किया और सात स्वरूपों में दर्शन दिए। सवारी मार्ग और क्षिप्रा नदी तट के दोनों और करीब 6 लाख श्रद्धालु उमड़े। पालकी शयन आरती से पूर्व मंदिर पहुंची। राजसी सवारी में पालकी में चंद्रमौलेश्वर,गजराज पर मन महेश,गरूड़ रथ पर शिव तांडव,नंदी रथ पर उमा महेश,डोल रथ पर होल्कर स्टेट का मुखारविंद, घटाटोप तथा सप्तधान्य मुखारविंद विराजित थे।
पालकी पूजन अपरांह 4 बजे प्रभारी मंत्री गौतम टेटवाल और अधिकारियों ने किया। कलेक्टर सह महाकाल मंदिर प्रबंध समिति अध्यक्ष नीरजकुमार सिंह ने बताया कि पूजन,अभिषेक के पश्चात पालकी में भगवान का चंद्रमौलेश्वर स्वरूप विराजीत करके मुख्य द्वार पर पालकी लाई गई। यहां पर परंपरानुसार सशस्त्र पुलिस बल द्वारा भगवान को गार्ड ऑव ऑनर दिया । यहां से पुलिस बैण्ड की सुमधुर धुन पर बाबा नगर भ्रमण पर निकले। पालकी के गजराज पर मन महेश,गरूड़ रथ पर शिव तांडव,नंदी रथ पर उमा महेश,डोल रथ पर होल्कर स्टेट का मुखारविंद, घटाटोप तथा सप्तधान्य मुखारविंद विराजित थे।
सवारी कोट मौहल्ला चौराहा, गुदरी, बक्षी बाजार,कहारवाड़ी होकर रामघाट पहुंची। पूरे मार्ग पर भक्तों द्वारा गुलाब के फूलों की पंखुरियों से जमकर वर्षा कर बाबा की अगवानी की गई। हेलिकॉप्टर से भी पुष्पवर्षा की गई। मार्ग में रंगोली भी बनाई गई। पालकी जब रामघाट पहुंची तो परंपरानुसार यहां पर मां शिप्रा का पूजन बाबा महाकाल की और से तथा मां शिप्रा के जल से भगवान का अभिषेक किया गया। यहां से पालकी पुन: मंदिर के लिए रवाना हुई।
पालकी रामानुजकोट,मोढ़ की धर्मशाला,खाती का मंदिर,सत्यनारायण मंदिर,ढाबा रोड़,टंकी चौक, मिर्जा नईम बेग मार्ग,तेलीवाड़ा,कंठाल,सतीगेट, सराफा,छत्रीचौक होकर गोपाल मंदिर पहुंची।
यहां पर परंपरानुसार तत्कालीन सिंधिया रियासत के प्रतिनिधि के रूप में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पालकी पूजन कर आरती की। ज्ञात रहे तत्कालीन सिंधिया रियासत में उज्जैन शामिल था। तभी से यह परंपरा रही कि शाही सवारी में गोपाल मंदिर पर पालकी पूजन सिंधिया परिवार का सदस्य करता है।
यहां पूजन पश्चात सवारी पटनी बाजार,गुदरी, कोट मौहल्ला चौराहा होकर पुन: मंदिर पहुंची।
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(Udaipur Kiran) / ललित ज्वेल