उज्जैन, 27 दिसंबर (Udaipur Kiran) । कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी नीरज कुमार सिंह ने जनसाधारण को घरेलू प्रयोजन के लिये जल उपलब्ध कराने की दृष्टि से गंभीर डेम व क्षिप्रा नदी के जल को संरक्षित घोषित कर दिया है। इस संबंध में उन्होंने शुक्रवार को पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 03 में उपलब्ध प्रावधानों के अनुसरण में आदेश जारी किया है।
कलेक्टर सिंह द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि जनसाधारण को घरेलु प्रयोजन के लिए जल उपलब्ध कराने की दृष्टि से गंभीर डेम एवं क्षिप्रा नदी के जल को संरक्षित घोषित किया गया है। साथ ही उज्जैन तहसील के ग्राम फाजलपुरा, खरेट, नलवा, सेमदिया, असलाना, खेमासा, एरवास, कंडारिया, भेरूखेड़ा, पारदीखेड़ा, अजराना, टकवासा, घट्टिया तहसील के ग्राम अंबोदिया, बड़वई, बड़नगर तहसील के ग्राम कंथारखेड़ी, बमनापाती, मतांगना, छानखेड़ी, खडोतिया, चिकली, भोंडावास, ब्राह्मण बड़ौदा, निम्बोदा और नाहरखेड़ी को केवल पेयजल के लिये प्रयोग की अनुमति देते हुए एवं मध्य प्रदेश पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 04 में उपलब्ध प्रावधानों के तहत गंभीर डेम क्षिप्रा नदी से जल को अन्य किसी प्रयोजन यथा सिंचाई एवं औद्योगिक प्रयोजन के उपयोग हेतु निषिद्ध कर दिया है।
कलेक्टर ने आदेश में कहा है कि नगर पालिक निगम उज्जैन सबंधित अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) यह सुनिश्चित करेंगे की जल का उपयोग केवल घरेलू प्रयोजन के लिये हो, इस उददेश्य से जल के उपयोग के लिए विविध तरीको पर सतत् निगरानी रखेंगे। यह उनका उत्तरदायित्व होगा कि, वे अन्य प्रयोजन के लिये उन्हे उनके अधिकार क्षेत्र में जल उपयोग करते हुए पाए जाने की स्थिति में म.प्र. पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 अथवा इस विषय पर प्रभावशील अन्य उपबंधो के अधीन वैधानिक कार्यवाही सुनिश्चित करेंगे।
नगर पालिक निगम, उज्जैन राजस्व विभाग एवं विद्युत मंडल के दल गंभीर जलाशय नदी पर चल रहे या चलने वाले अवैध पंपो को जब्त करने की कार्यवाही करेंगे। इस आदेश का उल्लंघन किये जाने पर म.प्र. पेयजल अधिनियम 1986 की धारा 09 के प्रावधान आकृष्ट होंगे, जिसके अतंर्गत आदेश का उल्लंघन सिद्ध पाये जाने पर दो वर्ष का कारावास अथवा दो हजार का जुर्माना अथवा दोनों से दंडित किये जाने का प्रावधान होगा।
(Udaipur Kiran) तोमर