
उज्जैन, 17 मई (Udaipur Kiran) । इंदोर प्रशासन द्वारा भिक्षावृत्ति पर रोक लगाने के उद्देश्य से जिन 13 भिक्षुकों को सेवाधाम आश्रम पहुंचवाया गया था, उनमें से एक देवव्रत को गत दिनों महिला एवं बाल विकास विभाग, इंदौर पुन: सेवाधाम आश्रम से इंदौर उनके घर ले गया था। गलती होने पर जिला प्रशासन की ओर से कलेक्टर, इंदौर आशीषसिंह ने माफी भी मांगी थी। यही देवव्रत पुन: उज्जैन के अंबोदिया स्थित सेवाधाम आश्रम आ गए हैं।
आश्रम संचालक सुधीर गोयल ने बताया कि देवव्रत ने उन्हे यहां आकर आग्रह किया कि सेवाधाम में रहना ही उन्हे अच्छा लग रहा है, इसलिए वे यहीं रहेंगे। उन्होने बताया कि देवव्रत के दत्तक पुत्र पेशे से आर्किटेक्ट है और देवव्रत के मित्र के पुत्र है। उन्हें देवव्रत ने बैंक में अपना नॉमिनी बनाया है, किन्तु वे देवव्रत को अपनी पारिवारिक परेशानियों के चलते संभालने में असमर्थ हैं। इसीलिए देवव्रत को वे पुन: सेवाधाम आश्रम उनकी इच्छानुसार लेकर आए। श्री गोयल के अनुसार देवव्रत का कहना है कि अब वह सेवाधाम आश्रम में रहते हुए अपना अंतिम समय यही व्यतीत करेंगे। उन्होंने बताया कि उनके दो भाई और तीन बहने हैं। वे सभी सुखी सम्पन्न और पूर्ण रूप से सक्षम है। उन्हें कोई भी रखना नही चाहता है। इमरजेंसी में जय प्रकाश जी के साथ आंदोलन में साथ में रहकर 6 माह की जेल यात्रा भी की। देवव्रत इंदौर में पत्रकार भी रहे। इन्होंने अपने जीवन में बहुत लोगों की मदद की जो जरूरतमंद रहे किन्तु जीवन में विवाह नही हो पाया, इसका आज भी उन्हें खेद है।
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(Udaipur Kiran) / ललित ज्वेल
