
उदयपुर, 8 जून (Udaipur Kiran) । भारत जब अपने गौरवशाली अमृतकाल में प्रवेश कर चुका है और वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है, ऐसे समय में मेवाड़ जैसे सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और जनजातीय पहचान वाले क्षेत्र की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण बन जाती है। इसी उद्देश्य को केंद्र में रखते हुए रविवार को उदयपुर में जैवंती प्रताप सेवा संस्थान और सांसद सेवा केंद्र के संयुक्त तत्वावधान में ‘विकसित भारत 2047 – विकसित मेवाड़ 2047’ संवाद शृंखला का शुभारंभ हुआ।
सांसद डॉ. मन्नालाल रावत ने अपने ओजस्वी स्वर में अटल बिहारी वाजपेयी की प्रेरणादायी कविता “हार नहीं मानूंगा…” से इस विचार-विजन अभियान का आरंभ किया। इसके बाद उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वर्ष 2014 में प्रस्तुत गीत “देश नहीं झुकने दूंगा” की पंक्तियों के माध्यम से उपस्थितजनों में ऊर्जा का संचार किया। उन्होंने अपने संबोधन में बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत ने न केवल वैश्विक स्तर पर सम्मानजनक स्थान प्राप्त किया, बल्कि गांव, गरीब, किसान, महिलाएं और युवा केंद्र में रखकर परिवर्तनकारी योजनाओं को ज़मीन पर साकार भी किया। उन्होंने इसे “मोदी युग” बताते हुए कहा कि अब “मोदी है तो मुमकिन है” केवल नारा नहीं, बल्कि जमीनी सच्चाई है।
कार्यक्रम के सूत्रधार और संयोजक दामोदर अग्रवाल ने भारत माता के जयघोष के साथ अपना उद्बोधन शुरू करते हुए इस आयोजन को भारत सरकार के एक वर्ष के कार्यकाल की उपलब्धियों का लेखा-जोखा बताया। उन्होंने कहा कि विकसित भारत के संकल्प को मूर्त रूप देने के लिए यह संवादात्मक पहल एक ऐतिहासिक कदम है।
उन्होंने सांसद डॉ. मन्नालाल रावत के कार्यों को रेखांकित करते हुए बताया कि किस तरह उन्होंने 8000 करोड़ रुपये की लागत से ‘जाखम से जयसमंद जलापूर्ति परियोजना’ को मुख्यमंत्री से स्वीकृत करवा कर मेवाड़ के भविष्य को जलसंकट से उबारने का कार्य किया। साथ ही, वक्फ अधिनियम में संशोधन के प्रयासों में भी उनकी उल्लेखनीय भूमिका रही, जिससे जनजातीय क्षेत्रों पर वक्फ नियम लागू नहीं हो सके और जनजातीय अस्मिता की रक्षा सुनिश्चित हो सकी। अग्रवाल ने भारत की आर्थिक स्थिति पर प्रकाश डालते हुए कहा कि देश आज 4.7 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के करीब है, और अगर यही गति बनी रही तो आने वाले समय में भारत अमेरिका को भी पछाड़ सकता है। उन्होंने ब्रिटेन को पीछे छोड़ने को ऐतिहासिक पल बताते हुए कहा कि जो कार्य अंग्रेज़ नहीं कर सके, वह कांग्रेस की नीतियों ने कर दिखाया—भारत की छवि को धूमिल किया। लेकिन अब भारत फिर से वैश्विक मंच पर गरिमामयी उपस्थिति के साथ उभर रहा है।
अग्रवाल ने देशभर में वक्फ संपत्तियों पर अवैध कब्जे और अतिक्रमण के खिलाफ चल रही कार्रवाई की भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि भारत में चार पाकिस्तान जैसी सोच को जन्म देने वाली इन गतिविधियों पर वर्तमान सरकार ने निर्णायक रुख अपनाया है। जनजातीय क्षेत्रों में वक्फ अधिनियम को लागू नहीं होने देना और जमीनों से भू-माफियाओं को हटाना, एक बड़ा सुधार है। इसका उद्देश्य है – वास्तविक जरूरतमंद मुसलमानों को लाभ दिलाना और भ्रष्ट तंत्र को खत्म करना।
कार्यक्रम में दामोदर अग्रवाल ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का उल्लेख करते हुए कहा कि इस सैन्य अभियान ने पाकिस्तान को माकूल जवाब दिया। “एक भी मिसाइल भारत भूमि को नहीं छू सकी, और अंततः भारत की शर्तों पर सीज़फायर हुआ।” यह प्रधानमंत्री मोदी की रणनीतिक सूझबूझ और आंतरिक एकजुटता का परिचायक है। उन्होंने कहा कि विपक्ष के सांसदों को भी विदेशों में भेजकर भारत की स्थिति को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर सशक्त तरीके से प्रस्तुत किया गया।
अपने संबोधन में दामोदर अग्रवाल ने कहा कि आज भारत के साथ बुद्धिजीवी, तकनीकी विशेषज्ञ और वैश्विक नीति निर्धारणकर्ता खड़े हैं। यही कारण है कि आज मोदी का तंत्र और मंत्र, दोनों दुनिया में असरकारी हैं। पहले भारत सुनता था, आज विश्व भारत की सुनता है।
अटल बिहारी वाजपेयी और सुंदरलाल भंडारी जैसे राष्ट्रनायकों को स्मरण करते हुए दामोदर अग्रवाल ने कहा कि मोदी जी का भारत को मिलना, ईश्वर का वरदान है। हमें उनके नेतृत्व में ‘विकसित भारत’ के साथ ‘विकसित मेवाड़’ का सपना भी पूरा करना है।
कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों में विशिष्ट योगदान देने वाले 10 प्रतिभाओं को ‘सांसद नागरिक सम्मान 2025’ से सम्मानित किया गया। इनमें सामाजिक शुचिता, जनसेवा, खेल, लोकमत, उद्योग व अन्य क्षेत्रों की उपलब्धियां शामिल रहीं। समापन पर बाबा सत्यनारायण मौर्य ने महाराणा प्रताप की पेंटिंग बनाकर एक शाम राष्ट्र के नाम की शुरुआत की। इस दौरान ‘भारत माता की आरती’ एवं वंदे मातरम् ने वातावरण को देशभक्ति से ओतप्रोत कर दिया। सत्रों का संचालन डॉ. विवेक भटनागर ने किया।
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(Udaipur Kiran) / सुनीता
