जबलपुर, 31 दिसंबर (Udaipur Kiran) । सिस्टम में न जाने ऐसे कितने भ्रष्टाचारी पनप रहे होंगे जिनकी कल्पना भी आम व्यक्ति के समझ से परे है। भ्रष्टाचार में सन 2024 का सबसे चर्चित मुद्दा सौरभ शर्मा भोपाल का रहा है जिससे अकूत दौलत बरामद हो रही है। पर जहाँ ऐसे भ्रष्ट है वहीँ उनको एक्सपोज कराने वाले भी इसी समाज में है। कहते हैं कि जहां दर्द है तो वहां दवा भी है जी हां समाज में पैर पसार रहे भ्रष्टाचार को नेस्तनाबूत करने के साथ भ्रष्टाचारियों से टकराने कुछ लोगों ने मशाल उठाई है उनमें से जबलपुर के दो युवा अधिवक्ता धीरज कुकरेजा एवं स्वप्निल सराफ प्रमुख है। इन दोनों युवा अधिवक्ताओं ने न केवल भ्रष्टाचारियों की बल्कि उनको संरक्षण देने वालों की भी चूलें हिला दी हैं। यदि हम इन अधिवक्ताओं के द्वारा दर्ज कराए गए मामलों की बात करते हैं तो उनमें प्रमुख रूप से ईओडब्ल्यू एसपी आरडी भारद्वाज,रिटायर्ड एडिशनल एसपी राजेश तिवारी,आरटीओ संतोष पाल,सीएमएचओ मनीष मिश्रा,रत्नेश कुररिया के साथ फूड इंस्पेक्टर पीनेंद्र मेश्राम, फ़ूड इंस्पेक्टर अमरीश दुबे, सहित कई रसूख दारों पर भ्रष्टाचार के मामले दर्ज करवाए हैं। इसके साथ ही कई भ्रष्टाचारियों पर इनकी पैनी नजरे अभी भी गड़ी हुई हैं।
दरअसल इनकी कहानी किसी फिल्मी स्टोरी से कम नहीं है। अपने निजी जीवन में बेहद संघर्ष करने वाले इन अधिवक्ताओं ने जब खुद अपने कार्य के लिए भ्रष्टाचारियों से घिरे पाया तब उन्होंने रिश्वत न देकर इस पूरे सिस्टम से लड़ने की ठानी। आरटीओ संतोष पाल से शुरू हुई भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई ईओडब्ल्यू एसपी आर डी भारद्वाज तक आ गई है।
सन 2024 में इन अधिवक्ताओं ने जो मामले दर्ज कराए हैं उनमें रिटायर्ड एडिशनल एसपी राजेश तिवारी एवं ईओडब्ल्यू एसपी आरडी भारद्वाज सबसे चर्चित है। अधिवक्ता धीरज कुकरेजा के अनुसार भ्रष्टाचार की जडे सिस्टम में इतना अंदर तक है कि इनसे टकराना आसान नहीं है। जिन लोगों से वह टकरा रहे हैं उनसे उनको कई प्रकार का खतरा है।
धीरज कुकरेजा के अनुसार भ्रष्टाचार अकेले नहीं होता इसमें कईयों की सहमति होती है व सिस्टम की कमजोरी से उसमें बैठे लोग इनको बढ़ाने का कार्य भी करते हैं। हाल ही में भोपाल के सौरभ शर्मा जैसे मामले इसके उदाहरण है। भ्रष्टाचार से लड़ने निकली इस जुगल जोड़ी कि अभी और लड़ाई बाकी है। कई ऐसे भ्रष्टाचारी उनके निशाने पर हैं जो अपने को सफेदपोश बताकर रसूखदार बने हैं। इन अधिवक्ताओं ने चर्चा करते हुए बताया की भ्रष्टाचार की लड़ाई में उन्हें कई प्रकार के खतरे हैं जिनमे उनकी जान माल सहित झूठे मामलों में फंसाना शामिल है। बहरहाल जो भी हो परंतु सिस्टम की गंदगी साफ करने के प्रयास में निकली अधिवक्ता धीरज कुकरेजा एवं स्वप्निल सराफ की इस जुगल जोड़ी की तुलना उनके साथी राष्ट्रीय स्तर के चर्चित अधिवक्ता विष्णु शंकर एवं हरिशंकर जैन से करते हैं।
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(Udaipur Kiran) / विलोक पाठक