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शाहपुरा की दो महिलाओं ने शिक्षा में रचा नया कीर्तिमान

शिक्षा में नया आयाम जोड़ रहीं साधना बिड़ला और सरिता पारीक 1
महिला दिवस विशेष- शिक्षा में नया आयाम जोड़ रहीं साधना बिड़ला और सरिता पारीक

भीलवाड़ा, 7 मार्च (Udaipur Kiran) । महिलाएं समाज में बदलाव की महत्वपूर्ण वाहक होती हैं और शिक्षा के क्षेत्र में उनका योगदान न केवल परिवार बल्कि पूरे समाज की दिशा बदल सकता है। शाहपुरा की साधना बिड़ला और सरिता पारीक ने इसी सोच को साकार करते हुए क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा की नींव रखी और एक नई मिसाल कायम की।

शाहपुरा में अंग्रेजी माध्यम की समुचित शिक्षा का अभाव था, जिससे बच्चों को अपनी पढ़ाई के लिए अन्य शहरों में जाना पड़ता था। अपने ही बच्चों को दूर भेजने की इस पीड़ा ने उन्हें यह सोचने पर मजबूर किया कि क्यों न शाहपुरा में ही एक अच्छी सीबीएसई इंग्लिश मीडियम स्कूल की स्थापना की जाए, ताकि भविष्य की पीढ़ियों को अपने माता-पिता से दूर न रहना पड़े। इसी उद्देश्य के साथ वर्ष 2004 में इंडियन पब्लिक स्कूल, शाहपुरा की स्थापना हुई।

आज यह विद्यालय क्षेत्र के सबसे प्रतिष्ठित निजी सीबीएसई इंग्लिश मीडियम स्कूल के रूप में पहचान बना चुका है। विद्यालय में अध्ययनरत विद्यार्थी और उनके अभिभावक इस पहल के लिए खुशी और आभार प्रकट करते हैं। अब तक इस विद्यालय से पढ़कर अनेक विद्यार्थी एमबीए, डॉक्टर, इंजीनियर, सीए और विभिन्न व्यवसायों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। यह देखकर संस्थापकों को अत्यंत गर्व और संतोष का अनुभव होता है। वे मानती हैं कि जब उनके विद्यालय के पूर्व छात्र सफलता की ऊंचाइयों को छूते हैं, तो यह उनके लिए किसी आशीर्वाद से कम नहीं होता।

साधना बिड़ला और सरिता पारीक ने यह साबित किया कि अगर एक महिला शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़े, तो वह पूरे समाज को शिक्षित और आत्मनिर्भर बना सकती है। इंडियन पब्लिक स्कूल को एक आधुनिक शिक्षा केंद्र बनाने के लिए वे निरंतर प्रयासरत हैं, ताकि हर विद्यार्थी को सर्वश्रेष्ठ शिक्षा और संसाधन मिल सके।

महिला दिवस के अवसर पर यह कहना गलत नहीं होगा कि साधना बिड़ला और सरिता पारीक जैसी महिलाएं समाज को सही दिशा देने का कार्य कर रही हैं। उनके प्रयासों से आज हजारों बच्चों का भविष्य उज्ज्वल हो रहा है और शाहपुरा को एक शैक्षणिक हब के रूप में नई पहचान मिल रही है। महिला दिवस पर ऐसी शिक्षाविद महिलाओं को सलाम, जो अपने संकल्प और समर्पण से समाज में बदलाव ला रही हैं।

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(Udaipur Kiran) / मूलचंद

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