
जोधपुर, 21 मई (Udaipur Kiran) । राज्य उपभोक्ता आयोग जोधपुर बैच ने दुपहिया वाहन की आर सी अत्यधिक देरी से सौंपने के लिए वाहन डीलर को दोषी मानते हुए अपील को आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए उपभोक्ता को 60 हजार रूपए क्षतिपूर्ति के जिला आयोग के आदेश को यथावत रखते हुए आदेश पारित किया।
जिला उपभोक्ता आयोग के निर्णय के विरुद्ध विपक्षी डीलर द्वारा राज्य उपभोक्ता आयोग सदस्य न्यायिक निर्मल सिंह मेडतवाल सदस्य लियाकत अली के समक्ष प्रस्तुत की गई थी। कुड़ी भगतासनी निवासी उपभोक्ता दिनेश सारस्वत में विपक्षी शगुन होंडा से जनवरी 2016 में 57049 रु देकर एक्टिवा दो पहिया वाहन खरीदा था। परिवादी को रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र के संबंध में डीलर ने कहा कि प्रथम सर्विस के समय आरसी सुपूर्द कर दी जाएगी, परंतु उपभोक्ता को कई चक्कर काटने के बावजूद वाहन की आरसी नहीं दी गई। परिवादी ने जिला आयोग जोधपुर में आरसी व क्षतिपूर्ती के लिए दावा प्रस्तुत किया।
विपक्षी डीलर की ओर से बताया गया कि परिवादी के वाहन के दस्तावेज पंजीयन कार्यालय में 3 दिन के भीतर भेज दिए गए थे, परंतु दस्तावेज प्राप्त नहीं हुए इसके लिए डीलर जिम्मेदार नहीं है। आयोग के समक्ष डीलर ने जिला आयोग में वाहन खरीदने की तिथि से 1 वर्ष पश्चात आरसी सुपुर्द की जिसका कोई उचित कारण नहीं बताया गया द्य परिवादी ने आरसी के लिए विपक्षी डीलर को कानूनी नोटिस भी अक्टूबर 2016 को दिया था। परिवादी के परिवाद का निस्तारण जिला आयोग द्वारा करते हुए डीलर का सेवा दोष मानते हुए 60 हजार क्षतिपूर्ति के रूप में एवं एक लाख रुपये उपभोक्ता कल्याण में जमा करवाने का आदेश पारित किए। जिला आयोग के निर्णय के विरुद्ध विपक्षी डीलर ने राज्य आयोग में अपील प्रस्तुत करते हुए जिला आयोग के निर्णय को अपास्त करने की प्रार्थना की।
आयोग ने दोनों पक्षों की बहस सुनकर अपने निर्णय में कहा कि दस्तावेजों के अवलोकन एवं पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्य से स्पष्ट प्रमाणित होता है कि परिवादी उपभोक्ता को पंजीयन प्रमाण पत्र देने में विपक्षी डीलर ने अत्यधिक समय लगाया द्य उपभोक्ता ने पंजीयन प्रमाण पत्र हेतु अक्टूबर 2016 में नोटिस भी दिया। यह भी प्रमाणित होता है कि परिवादी को पंजीयन प्रमाण पत्र मार्च 2017 को अपने अधिवक्ता के माध्यम से प्राप्त हुआ।
आयोग के सदस्य न्यायिक निर्मल सिंह मेडतवाल, व सदस्य लियाकत अली ने पारित निर्णय में कहा कि नोटिस देने के बावजूद भी पंजीयन प्रमाण पत्र सुपुर्द नहीं करना अपीलार्थी डीलर का अनुचित व्यापार व्यवहार पद्धति को दर्शित करता है। आयोग ने अपीलार्थी डीलर की अपील आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए आदेश में कहा की परिवादी उपभोक्ता मानसिक क्षतिपूर्ति, शारीरिक क्षतिपूर्ति के रूप में 60000 में पाने का अधिकारी है तथा उपभोक्ता कल्याण कोष में एक लाख जमा करवाने के जिला आयोग के अध्यक्ष को राज्य आयोग ने अपास्त करते हुए निर्णय पारित किया।
(Udaipur Kiran) / सतीश
