Madhya Pradesh

श्योपुर: मतदान से पहले विजयपुर में फायरिंग, दो आदिवासी घायल

मतदान से पहले विजयपुर में फायरिंग

श्योपुर, 12 नवंबर (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले की विजयपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। बुधवार, 13 नवंबर को यहां उपचुनाव है, लेकिन मतदान से एक दिन पहले यहां फायरिंग का मामला सामने आया है। साेमवार रात बाइक से आए 9 बदमाशों ने आदिवासी लोगों को धमकाया। फायरिंग में दो लोग घायल हो गए। उन्हें जिला अस्पताल रेफर किया गया है। गांव वालों ने एक आरोपी को बंदूक के साथ पकड़ लिया। उसे पीटा और पुलिस के हवाले कर दिया। इधर घटना की सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और मोर्चा संभाला। इस दाैरान थाने पर भाजपा और कांग्रेस के लोग इकट्‌ठा हो गए।

दरअसल वारदात सोमवार रात 10 बजे ढोढर थाना क्षेत्र के धनाचया गांव की है। विजयपुर विधानसभा के धनायचा गांव में कुछ बदमाशों ने गांव में पहुंचकर आदिवासी वोटरों को धमकाने की कोशिश की। इस दौरान बदमाश आदिवासी परिवार के लोगों के साथ मारपीट करते हुए फायरिंग की घटना को अंजाम दिया। इस दौरान दो युवक गोली के छर्र लगने से घायल हो गए, जिसे अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है। हमले में घायल प्रकाश और हरविलास आदिवासी के अनुसार कुछ लोग रात में बाइक से आए थे। बदमाशों ने आदिवासी समाज के ग्रामीणों से पहले आधारकार्ड और मतदाता पर्ची देने को कहा। जब ग्रामीणों ने कहा कि अगर आधार कार्ड और पर्ची तुम्हें दे देंगे तो वोट कैसे डालेंगे। तो इन बदमाशों ने लाठी डंडों से आदिवासियों के साथ मारपीट शुरू कर दी। ग्रामीणों के विरोध करने पर बंदूकों से ताबड़तोड़ फायरिंग की और वहां से भागने लगे। तभी एक आरोपी को ग्रामीणों ने बंदूक के साथ पकड़ लिया और उसे जमकर पीटा। बाद में ग्रामीणों ने उसे पुलिस के हवाले कर दिया। घटना की सूचना पर एसडीओपी राजीव कुमार गुप्ता पुलिस फोर्स के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। जिसके बाद पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।

बता दें कि विजयपुर में आचार संहिता लागू है। सोमवार शाम 5 बजे ही चुनाव प्रचार थमा है और यहां 13 नवंबर बुधवार को वोटिंग होनी है। आज मतदान दल रवाना हो गए हैं। थाने पर भाजपा और कांग्रेस के लोग इकट्‌ठा हो गए। मामले को लेकर इस पर सियासत भी गरमा गई है। कांग्रेस ने इसे लेकर भाजपा पर अराजकता फैलाने और गुंडागर्दी का आरोप लगाया है। विजयपुर विधानसभा उपचुनाव से पहले प्रशासन और पुलिस ने जिलेभर के सभी शस्त्र लाइसेंस थानों में जमा कर लिए हैं। इसके बावजूद आरोपी बंदूक लेकर गांव में पहुंचे। कांग्रेस ने सवाल उठाते हुए कहा कि जब लाइसेंस जमा हो गए थे तो फिर हथियार कहां से आए?

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(Udaipur Kiran) / नेहा पांडे

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