शिमला, 27 मार्च (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश में एमबीबीएस डिग्री कर चुके करीब दो हजार डिग्री धारक नौकरी की तलाश में हैं और आने वाले समय में इनकी संख्या और बढ़ेगी। यह बात मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने गुरुवार को विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान कही। मुख्यमंत्री सुक्खू विधायक इंद्रदत लखनपाल के सवाल का जवाब दे रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में एमबीबीएस डिग्री करने के बाद भी 2 हज़ार डॉक्टर बेरोजगार हैं और उनकी स्थिति आने वाले समय में डेंटल डिग्री करने वाले छात्रों जैसी हो सकती है, जिनकी संख्या भी बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के पांच मेडिकल कॉलेजों से हर साल एमबीबीएस पास होकर निकलते हैं, जिससे बेरोजगार डॉक्टरों की तादाद बढ़ती जा रही है। इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए सरकार ने डॉक्टरों के लिए बांड सिस्टम को जरूरी कर दिया है, ताकि वे प्रदेश में काम करने के लिए प्रतिबद्ध रहें।
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश के पांच मेडिकल कॉलेजों की स्थिति को एक साल के भीतर बेहतर किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमीरपुर, टांडा, नेरचौक, आईजीएमसी और चंबा में जितने भी पदों की आवश्यकता होगी, उन्हें भरा जाएगा।
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि हमीरपुर मेडिकल कॉलेज में संकाय के 120 पद स्वीकृत हैं और यहां 28 डॉक्टर विभिन्न विभागों में डीएनबी प्रशिक्षण ले रहे हैं। हालांकि 23 डीएनबी प्रशिक्षुओं ने सेवा बॉन्ड भरने से मना कर दिया है, जबकि यह उनकी विभागीय नीति के तहत जरूरी था। उन्होंने कहा कि एनबीईएमएस ने वर्ष 2024 में 23 प्रशिक्षुओं को अन्य राज्यों के संस्थानों में स्थानांतरित कर दिया है।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
